{"_id":"68c2fe0330fc9ea989074390","slug":"after-how-many-more-deaths-on-the-roads-will-you-wake-up-sir-pithoragarh-news-c-230-1-alm1001-132405-2025-09-11","type":"story","status":"publish","title_hn":"Pithoragarh News: सड़कों पर और कितनी माैतों के बाद जागेंगे जनाब","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Pithoragarh News: सड़कों पर और कितनी माैतों के बाद जागेंगे जनाब
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Thu, 11 Sep 2025 10:21 PM IST
विज्ञापन

जीआईसी-चमाली सड़क डामर उखड़ने से बनी रोखड़। संवाद
विज्ञापन
पिथौरागढ़। सीमांत जिले की सड़कें लोगों के लिए सुविधा से ज्यादा मौत का सबब बन रही हैं। जीआईसी-चमाली सड़क इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। सरकार और विभाग निर्माण का श्रेय तो बटोरते हैं लेकिन सुरक्षा और रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं देते। नतीजा यह है कि रोज़ाना हजारों लोग इस सड़क पर मौत के साये में सफर करने को मजबूर हैं। हादसे हो रहे हैं। लोग मर रहे हैं। अफसर नियमों की आड़ लेकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
सुकौली, डुंडूखोला, पुरगड़ा, चमाली, डुंगरी गांवों को जोड़ने जिला मुख्यालय के नजदीक जीआईसी से 12 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है। इस सड़क पर हर रोज तीन हजार से अधिक लोग आवाजाही करते हैं। संवाद न्यूज एजेंसी ने इस सड़क की हालत और इस पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए किए गए इंतजामों की पड़ताल की तो सिस्टम की बड़ी लापरवाही सामने आई। जीआईसी से सुकौली तक डामर उखड़ने से सड़क रोखड़ में बदल गई है। नालियां बंद हैं और पानी बहने से सड़क पर नए नाले बन गए हैं।
गड्ढे बनने और रोड़ी फैलने से आए दिन दोपहिया रपटकर चालक चोटिल हो रहे हैं। सुकौली से आगे की सड़क पर यात्रियों और वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए न तो क्रैश बैरियर लगे हैं और न पैरापिट का निर्माण किया गया है। यदि कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो सीधे खाई में गिरने का खतरा है। खतरे के बीच सफर कर रहे क्षेत्र के लोग आए दिन सड़क पर क्रैश बैरियर लगाने की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। पूर्व में हुए हादसों से बेखबर पूरा सिस्टम फिर से किसी घटना का इंतजार कर रहा है। संवाद
--
दूध, फल सहित अन्य उत्पाद लेकर हर रोज बाजार पहुंचते हैं किसान
चमाली क्षेत्र दुग्ध, संतरा और सब्जी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहां के किसान हर रोज इन उत्पादों की बिक्री के लिए जिला मुख्यालय पहुंचते हैं। वहीं क्षेत्र के कई विद्यार्थी जिला मुख्यालय के विद्यालयों में पढ़ते हैं। बदहाल सड़क पर सभी खतरे के बीच आवाजाही करने के लिए मजबूर हैं। पूर्व में हुए हादसों से डरे परिजन सभी के सुरक्षित घर पहुंचने तक चिंतित रहते हैं।
--
दो सगे भाइयों सहित चार लोगों की हुई मौत
जीआईसी-चमाली सड़क पर अप्रैल 2024 में बारात में शामिल होकर घर लौट रहे छोलिया नृतकों का वाहन खाई में गिर गया था। इस घटना में दो सगे भाइयों सहित चार छोलिया नृतकों की मौत हो गई। एक ही गांव के चार लोगों की मौत से पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया। सिस्टम ने घटना की जांच के आदेश कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। ग्रामीणों का साफ तौर कहना है कि यदि सड़क पर सुरक्षा के इंतजाम किए जाते तो शायद उनके अपनों को असमय काल के गाल में नहीं समाना पड़ता।
कोट
पीएमजीएसवाई की सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने का प्रावधान नहीं होता। मानसूनकाल के बाद सड़क पर पैंच वर्क और नाली निकाल का कार्य किया जाएगा। सत्येंद्र मोहन, एई, पीएमजीएसवाई, पिथौरागढ़
--
बोले लोग
बदहाल जीआईसी-चमाली सड़क पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। न तो गड्ढों को भरा जा रहा है और न क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं। इस लापरवाही से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। - महेश राम
--
हमारे गांवों को जोड़ने वाली प्रमुख सड़क के बुरे हाल हैं। लंबे समय से इसके सुधारीकरण और इसमें सुरक्षात्मक कार्य करने की मांग की जा रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सिस्टम ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर नहीं है। मनोज ठकुराठी

Trending Videos
सुकौली, डुंडूखोला, पुरगड़ा, चमाली, डुंगरी गांवों को जोड़ने जिला मुख्यालय के नजदीक जीआईसी से 12 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है। इस सड़क पर हर रोज तीन हजार से अधिक लोग आवाजाही करते हैं। संवाद न्यूज एजेंसी ने इस सड़क की हालत और इस पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए किए गए इंतजामों की पड़ताल की तो सिस्टम की बड़ी लापरवाही सामने आई। जीआईसी से सुकौली तक डामर उखड़ने से सड़क रोखड़ में बदल गई है। नालियां बंद हैं और पानी बहने से सड़क पर नए नाले बन गए हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
गड्ढे बनने और रोड़ी फैलने से आए दिन दोपहिया रपटकर चालक चोटिल हो रहे हैं। सुकौली से आगे की सड़क पर यात्रियों और वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए न तो क्रैश बैरियर लगे हैं और न पैरापिट का निर्माण किया गया है। यदि कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ तो सीधे खाई में गिरने का खतरा है। खतरे के बीच सफर कर रहे क्षेत्र के लोग आए दिन सड़क पर क्रैश बैरियर लगाने की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। पूर्व में हुए हादसों से बेखबर पूरा सिस्टम फिर से किसी घटना का इंतजार कर रहा है। संवाद
दूध, फल सहित अन्य उत्पाद लेकर हर रोज बाजार पहुंचते हैं किसान
चमाली क्षेत्र दुग्ध, संतरा और सब्जी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहां के किसान हर रोज इन उत्पादों की बिक्री के लिए जिला मुख्यालय पहुंचते हैं। वहीं क्षेत्र के कई विद्यार्थी जिला मुख्यालय के विद्यालयों में पढ़ते हैं। बदहाल सड़क पर सभी खतरे के बीच आवाजाही करने के लिए मजबूर हैं। पूर्व में हुए हादसों से डरे परिजन सभी के सुरक्षित घर पहुंचने तक चिंतित रहते हैं।
दो सगे भाइयों सहित चार लोगों की हुई मौत
जीआईसी-चमाली सड़क पर अप्रैल 2024 में बारात में शामिल होकर घर लौट रहे छोलिया नृतकों का वाहन खाई में गिर गया था। इस घटना में दो सगे भाइयों सहित चार छोलिया नृतकों की मौत हो गई। एक ही गांव के चार लोगों की मौत से पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया। सिस्टम ने घटना की जांच के आदेश कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। ग्रामीणों का साफ तौर कहना है कि यदि सड़क पर सुरक्षा के इंतजाम किए जाते तो शायद उनके अपनों को असमय काल के गाल में नहीं समाना पड़ता।
कोट
पीएमजीएसवाई की सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने का प्रावधान नहीं होता। मानसूनकाल के बाद सड़क पर पैंच वर्क और नाली निकाल का कार्य किया जाएगा। सत्येंद्र मोहन, एई, पीएमजीएसवाई, पिथौरागढ़
बोले लोग
बदहाल जीआईसी-चमाली सड़क पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। न तो गड्ढों को भरा जा रहा है और न क्रैश बैरियर लगाए जा रहे हैं। इस लापरवाही से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। - महेश राम
हमारे गांवों को जोड़ने वाली प्रमुख सड़क के बुरे हाल हैं। लंबे समय से इसके सुधारीकरण और इसमें सुरक्षात्मक कार्य करने की मांग की जा रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सिस्टम ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर नहीं है। मनोज ठकुराठी