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Rudraprayag News: 20 साल में नहीं बन सकी पांच किमी अकतोली-गौंडार सड़क
संवाद न्यूज एजेंसी, रुद्र प्रयाग
Updated Mon, 07 Jul 2025 10:43 PM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ विस क्षेत्र में मद्महेश्वर घाटी का आखिरी गांव गौंडार आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। स्थिति यह है कि गांव के लिए वर्ष 2005-06 में स्वीकृत पांच किमी अकतोली-गौंडार सड़क 20 वर्ष में भी नहीं बन पाई है।
लोनिवि सिर्फ दो किमी सड़क कटिंग ही कर पाया है। ऐसे में ग्रामीणों को घने जंगल के रास्ते छह किमी की पैदल दूरी तय कर गंतव्य तक जाना पड़ता है। ऐसे में छात्रों को स्कूल जाने में दिक्कतें हो रही थीं। इसको देखते हुए कुछ ग्रामीणों ने अपने बच्चों का दाखिला दूसरे स्कूलों में करा दिया और वह किराये पर कमरा लेकर रह रहे हैं।
ग्राम पंचायत गौंडार के निवर्तमान ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार, अभिषेक पंवार ने कहा कि सड़क न बनने से बीमार, घायल और गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने के लिए डंडी के सहारे पहले रांसी पहुंचाना पड़ता है। इसके बाद वहां से टैक्सी बुककर 41 किमी दूर ऊखीमठ और वहां से इतनी ही दूरी तय कर जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग पहुंचना पड़ता है।
गांव में राजकीय प्राथमिक और राजकीय जूनियर हाईस्कूल है। कक्षा नौंवी से पढ़ाई के लिए छात्र छह किमी पैदल दूरी तय कर जीआईसी रांसी पहुंचते हैं। इन परिस्थितियों में यहां के ग्रामीणों ने अपने बच्चों का जीआईसी रांसी, उनियाणा, मनसूना और ऊखीमठ में प्रवेश करा दिया है।
वहीं लोनिवि ऊखीमठ के सहायक अभियंता नरेंद्र कुमार का कहना है कि अकतोली-गौंडार मार्ग का काम चल रहा है। चट्टानी क्षेत्र होने के कारण काम सावधानी से किया जा रहा है। हरसंभव प्रयास है कि आगामी एक वर्ष में काम पूरा कर दिया जाए।
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ विस क्षेत्र में मद्महेश्वर घाटी का आखिरी गांव गौंडार आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। स्थिति यह है कि गांव के लिए वर्ष 2005-06 में स्वीकृत पांच किमी अकतोली-गौंडार सड़क 20 वर्ष में भी नहीं बन पाई है।
लोनिवि सिर्फ दो किमी सड़क कटिंग ही कर पाया है। ऐसे में ग्रामीणों को घने जंगल के रास्ते छह किमी की पैदल दूरी तय कर गंतव्य तक जाना पड़ता है। ऐसे में छात्रों को स्कूल जाने में दिक्कतें हो रही थीं। इसको देखते हुए कुछ ग्रामीणों ने अपने बच्चों का दाखिला दूसरे स्कूलों में करा दिया और वह किराये पर कमरा लेकर रह रहे हैं।
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ग्राम पंचायत गौंडार के निवर्तमान ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार, अभिषेक पंवार ने कहा कि सड़क न बनने से बीमार, घायल और गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने के लिए डंडी के सहारे पहले रांसी पहुंचाना पड़ता है। इसके बाद वहां से टैक्सी बुककर 41 किमी दूर ऊखीमठ और वहां से इतनी ही दूरी तय कर जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग पहुंचना पड़ता है।
गांव में राजकीय प्राथमिक और राजकीय जूनियर हाईस्कूल है। कक्षा नौंवी से पढ़ाई के लिए छात्र छह किमी पैदल दूरी तय कर जीआईसी रांसी पहुंचते हैं। इन परिस्थितियों में यहां के ग्रामीणों ने अपने बच्चों का जीआईसी रांसी, उनियाणा, मनसूना और ऊखीमठ में प्रवेश करा दिया है।
वहीं लोनिवि ऊखीमठ के सहायक अभियंता नरेंद्र कुमार का कहना है कि अकतोली-गौंडार मार्ग का काम चल रहा है। चट्टानी क्षेत्र होने के कारण काम सावधानी से किया जा रहा है। हरसंभव प्रयास है कि आगामी एक वर्ष में काम पूरा कर दिया जाए।
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