Udham Singh Nagar News: सड़कों पर जिंदगी को रौंद रहे बेलगाम डंपर, आए दिन हो रहे हादसे; लोग गवां रहे जान
ऊधमसिंह नगर जिले की सड़कों पर काल बनकर दौड़ रहे डंपर, कैंटर और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की चपेट में आकर कई लोग आए दिन अपनी जान गवां रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 से अप्रैल 2025 तक डंपर और कैंटरों से हुए 74 दुर्घटनाओं में 54 लोगों ने जान गंवाई है।


विस्तार
27 अप्रैल को रंपुरा निवासी आरती की शादी की 14वीं सालगिरह थी। सुबह वह पति नवल गुप्ता के साथ पूजा के लिए अटरिया मां के मंदिर में गई थी। मंदिर में मत्था टेककर दंपती ने परिवार की सुख समृद्धि की कामना की और फिर बाइक से घर को लौटने लगे। रुद्रपुर के डीडी चौक पर तेज रफ्तार डंपर ने बाइक को टक्कर मार दी। सड़क पर गिरी आरती खुद को संभाल पाती इससे पहले ही डंपर ने उसे कुचल दिया।
ऊधमसिंह नगर जिले की सड़कों पर काल बनकर दौड़ रहे डंपर, कैंटर और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की चपेट में आकर आरती की तरह ही कई लोग आए दिन अपनी जान गवां रहे हैं। तेज रफ्तार डंपरों के टायरों से कई परिवारों की खुशियां कुचल गईं। बच्चों से मां का आंचल और पिता का साया छीन चुके ये वाहन बेरोकटोक सड़कों पर रफ्तार भर रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2024 से अप्रैल 2025 तक डंपर और कैंटरों से हुए 74 दुर्घटनाओं में 54 लोगों ने जान गंवाई है। ट्रैक्टर-ट्रॉलियां भी हादसे का कारण बन रही हैं।
इस साल चार माह में 12 लोगों की मौत
पुलिस कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में 35 डंपर हादसे हुए। डंपर की चपेट में आने से 21 लोगों की मौत हुई थी। पिछले वर्ष कैंटर 23 हादसों का कारण बने थे। 16 लोगों को जान गंवानी पड़ी। इस साल एक जनवरी से 30 अप्रैल तक डंपरों से 12 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें 12 लोगों की मौत हुई है। बीते चार महीने में कैंटरों की चपेट में आने के चार मामले सामने आए, जिनमें पांच लोगों की जान चली गई। डंपर और कैंटरों की चपेट में अधिकतर दोपहिया चालक आए हैं। पुलिस ने सभी 74 मामलों में डंपरों को सीज करने के साथ ही चालकों को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार सभी डंपर और कैंटर हादसों में तेज रफ्तार के साथ ही लापरवाही से वाहन चलाने की बात सामने आई।
मालवाहक वाहनों की लोड क्षमता
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 14 टायरा मालवाहक वाहन की भार क्षमता 25 टन तक होती है। 12 टायरा की भार क्षमता 15 टन और 10 टायरा मालवाहक वाहनों की भार क्षमता 12 से 17 टन होती है। कैंटर की भार क्षमता आठ टन और ठह टायरा डंपर की भार क्षमता 12 टन होती है।
लगातार बढ़ रहे ओवरलोडिंग के मामले
यह जगजाहिर है कि डंपर, कैंटर और लॉरी अनुन्य भार क्षमता से अधिक सामग्री का ढुलान करते हैं। आए दिन इस तरह के मामले में पकड़ में आते हैं। परिवहन विभाग ने बीते वित्तीय वर्ष में ओवरलोडिंग पर 1044 मालवाहक वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की थी। वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 375 था। साफ है कि ओवर लोडिंग में करीब तीन गुना वृद्धि हुई है। इस साल जनवरी से मार्च तक यातायात पुलिस ने ओवरलोडिंग के 65 मामले पकड़े हैं। यह वह आंकड़े हैं, जो पकड़ में आ जाते हैं और कार्रवाई हो जाती है। अधिकतर मामले पकड़ में ही नहीं आते।
केस स्टडी 01: 29 मार्च को किच्छा के आंबेडकर चौक पर बरेली सड़क से आ रहे खाली डंपर ने स्कूटी सवार दंपती को कुचल दिया था। हादसे में मोहन सिंह (48) और उनकी पत्नी उमा देवी की मौके पर ही मौत हो गई थी। डंपर चालक स्टार्ट डंपर छोड़कर भाग गया था, जिसे बाद में पुलिस ने पकड़ लिया था।
केस स्टडी 02: 17 अप्रैल को गदरपुर के सैदलीगंज निवासी प्रीतम कंबोज अपनी पुत्री और पुत्र को स्कूटी से स्कूल छोड़ने जा रहे थे। स्कूटी पलकचौड़ मार्ग पर रपट गई। सामने आ रही उप खनिज लदी तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राॅली ने बीच सड़क पर गिरी परवीन (8) को कुचल दिया। परवीन की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में पिता-पुत्र बाल-बाल बचे थे।
ओवरलोडेड डंपर और कैंटरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। एक जनवरी 2024 से 30 अप्रैल तक डंपर, कैंटरों से हुए सभी हादसों में कार्रवाई की गई है। सभी वाहन सीज किए गए। चालकों की गिरफ्तारी हुई हैं। सड़क हादसे रोकने की दिशा में कार्यवाही की जा रही है और अभियान चलाकर चालानी कार्रवाई की जा रही है। -मणिकांत मिश्रा एसएसपी यूएस नगर
तेज रफ्तार, ओवरलोड डंपर, कैंटरों के खिलाफ हर रोज कार्रवाई की जा रही है। तेज रफ्तार और ओवरलोड डंपर, कैंटरों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। -नवीन सिंह एआरटीओ प्रवर्तन
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