Uttarakhand: दिल्ली-आसाम के लोगों को भाया यूएसनगर की मछली का स्वाद, सालाना उत्पाद 1800 मीट्रिक टन तक बढ़ा
ऊधमसिंह नगर की मछलियों का स्वाद अब देश के बड़े शहरों तक पहुंच रहा है। दिल्ली, असम, सिलीगुड़ी जैसे महानगरों में यहां की रोहू, कतला, पंगास और सिल्वर कॉर्प की खूब मांग है।
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कभी सिर्फ आसपास के बाजारों तक सीमित रहने वाली ऊधमसिंह नगर की मछलियों का स्वाद अब देश के बड़े शहरों तक पहुंच रहा है। दिल्ली, असम, सिलीगुड़ी जैसे महानगरों में यहां की रोहू, कतला, पंगास और सिल्वर कॉर्प की खूब मांग है। बीते आठ वर्षों में जिले में मछली उत्पादन में करीब 1800 मीट्रिक टन की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इससे सैकड़ों मत्स्य पालकों को घर बैठे रोजगार मिल रहा है और उनकी आमदनी में इजाफा हो रहा है।
जिले में इस समय 717 निजी तालाब, पांच जलाशय और 35 ग्राम समाज के तालाबों में बड़े पैमाने पर मछली उत्पादन किया जा रहा है। करीब 13,631 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले इन तालाबों से रोजाना हजारों किलो मछलियां बाजार तक पहुंच रही हैं। मछली व्यापार का सबसे बड़ा केंद्र किच्छा मंडी बन चुका है। यहां से पूरे कुमाऊं के साथ बाहर के राज्यों तक मछलियों की आपूर्ति होती है। किच्छा की मंडी जिले की मत्स्य अर्थव्यवस्था की धड़कन बन गई है।
सहायक निदेशक मत्स्य कार्यालय के आंकड़े इस बदलाव की कहानी खुद बयां करते हैं। वर्ष 2017-18 में जिले में केवल 2534 मीट्रिक टन मछली उत्पादन होता था और तब निजी तालाबों की संख्या महज 257 थी। मत्स्य विभाग की योजनाओं और लगातार प्रयासों का असर यह हुआ कि वर्ष 2024-25 में निजी तालाबों की संख्या बढ़कर 717 हो गई और उत्पादन 4355 मीट्रिक टन तक पहुंच गया। यानी कुछ ही वर्षों में मछली उत्पादन ने नई ऊंचाई छू ली।
ग्राम समाज के तालाबों की संख्या घटी
इस चमकती तस्वीर के बीच एक चिंता भी उभरकर सामने आई है। जहां निजी तालाब तेजी से बढ़े हैं वहीं ग्राम समाज के तालाबों की संख्या में तेज गिरावट आई है। वर्ष 2017-18 में इनकी संख्या 90 थी जो कई उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए 2023-24 में महज आठ रह गई थी। हालांकि 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 35 हुई है लेकिन शुरुआती स्थिति तक लौटने के लिए अभी गंभीर प्रयासों की जरूरत है।
मत्स्य पालकों को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। जिले में मछलियों का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली, आसाम, पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी तक जिले की मछलियों की आपूर्ति हो रही है। किच्छा मंडी से पूरे कुमाऊं में मछलियों की आपूर्ति होती है। विभिन्न प्रजाति की मछलियों के 150 से 500 रुपये किलो तक दाम मिल रहे हैं। -संजय छिम्वाल, सहायक निदेशक-मत्स्य, यूएस नगर