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Uttarkashi News: जर्जर विद्युत लाइनें दे रही हादसों को न्योता
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तर काशी
Updated Sat, 13 Sep 2025 05:10 PM IST
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शिकायत के बाद भी नहीं हो रहा है समस्या का समाधान
उत्तरकाशी। तिलोथ पावर हाउस से मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना के बांध तक जा रही 33 केवी की लाइन कई स्थानों से जर्जर होने पर बड़े हादसे को न्योता दे रही है। वहीं मानसून में वे दो बार गणेशपुर के समीप टूट चुकी है। लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद भी उत्तराखंड जल विद्युत निगम की ओर से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
स्थानीय निवासी प्रदीप राणा ने बताया कि तिलोथ पावर हाउस से मनेरी बांध तक जा रही 33 केवी की लाइन कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। उनका कहना है कि लाइन सड़क के किनारे और खेतों के बीच से जा रही है लेकिन इसकी मरम्मत और सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण हर दिन गंगोत्री हाईवे सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े हादसे का खतरा बना रहता है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभाग के जेई को भी शिकायत कर तारों से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को कहा गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं स्थिति यह है कि यूजेवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि तारें सड़क और खेतों से नहीं जाएगी तो कहां से जाएगी। वहीं इन पर सुरक्षात्मक कार्य करने पर असमर्थता जताई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार वहीं वर्षों से तारों को न बदलने के करण बारिश ओर हवा में इनके टूटने का खतरा बना रहता है। तिलोथ पावर हाउस के डीजीएम अंबरीश शर्मा का कहना है कि हमें इनकी मरम्मतीकण के लिए किसी प्रकार की धनराशि नहीं मिलती है। वहीं लाइन को ऊर्जा निगम को हस्तांतरित करने की कार्रवाई की जा रही है।

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उत्तरकाशी। तिलोथ पावर हाउस से मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना के बांध तक जा रही 33 केवी की लाइन कई स्थानों से जर्जर होने पर बड़े हादसे को न्योता दे रही है। वहीं मानसून में वे दो बार गणेशपुर के समीप टूट चुकी है। लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद भी उत्तराखंड जल विद्युत निगम की ओर से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
स्थानीय निवासी प्रदीप राणा ने बताया कि तिलोथ पावर हाउस से मनेरी बांध तक जा रही 33 केवी की लाइन कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। उनका कहना है कि लाइन सड़क के किनारे और खेतों के बीच से जा रही है लेकिन इसकी मरम्मत और सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण हर दिन गंगोत्री हाईवे सहित ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े हादसे का खतरा बना रहता है।
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उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभाग के जेई को भी शिकायत कर तारों से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को कहा गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं स्थिति यह है कि यूजेवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि तारें सड़क और खेतों से नहीं जाएगी तो कहां से जाएगी। वहीं इन पर सुरक्षात्मक कार्य करने पर असमर्थता जताई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार वहीं वर्षों से तारों को न बदलने के करण बारिश ओर हवा में इनके टूटने का खतरा बना रहता है। तिलोथ पावर हाउस के डीजीएम अंबरीश शर्मा का कहना है कि हमें इनकी मरम्मतीकण के लिए किसी प्रकार की धनराशि नहीं मिलती है। वहीं लाइन को ऊर्जा निगम को हस्तांतरित करने की कार्रवाई की जा रही है।