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Uttarkashi News: सड़क बंद होने पर चार गांव के लोग 28 किमी पैदल चलने को मजबूर
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तर काशी
Updated Thu, 11 Sep 2025 06:43 PM IST
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डेढ़ माह से बंद पड़ा है मार्ग, ग्रामीण टूटे स्थान पर लकड़ी बिछाकर कर रहे हैं आवाजाही
शिकायत के बाद भी विभाग नहीं कर रहा है कार्रवाई
उत्तरकाशी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग की लापरवाही के कारण मोरी विकासखंड के बडासू गांव के चार गांव ओसला, गंगाड़, ढाटमीर और पवाणी के ग्रामीणों को करीब 28 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। गियांगाड के पास पूरी सड़क बहने पर लोग टूटे स्थान पर लकड़ी बिछाकर आवाजाही कर रहे हैं। वहीं कई स्थानों पर विभाग की ओर से करीब डेढ़ माह से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
स्थानीय निवासी राजपाल रावत ने बताया कि करीब डेढ़ माह क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण करीब 28 किमी लंबी सांकरी-ओसला सड़क कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई थी। वहीं गिंयागाड के समीप सड़क बह गई थी लेकिन उसके बावजूद पीएमजीएसवाई की ओर से सड़क को दुरुस्त करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गिंयागाड में ग्रामीणों ने गदेरे के ऊपर लकड़ी की पुलिया बनाकर आवाजाही शुरू कर दी है। दूसरी ओर, ढाटमीर सहित कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण सड़क पर मलबा और बोल्डर आए हुए हैं। इसलिए ग्रामीणों को सांकरी में मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए करीब 25 से 28 किमी की दूरी तय करनी पड़ रही है।
वहीं ऐसी स्थिति में अगर कोई बीमार और गर्भवती को अस्पताल पहुंचाना हो तो इस दौरान उनको सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सड़क बंद होने के कारण ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए हैं बावजूद इसके समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता सुभाष दौरियाल का कहना है कि सांकरी-ओसला-गंगाड़ मोटर मार्ग को पांच किमी तक सुचारू कर दिया गया है। आगे भू-धंसाव और भूस्खलन के कारण कार्य करने में परेशानी हो रही है। सात किमी पर पुल का एप्रोच भी क्षतिग्रस्त हो गया है। मौसम साफ रहा तो एक सप्ताह में सड़क को सुचारू किया जाएगा।

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शिकायत के बाद भी विभाग नहीं कर रहा है कार्रवाई
उत्तरकाशी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग की लापरवाही के कारण मोरी विकासखंड के बडासू गांव के चार गांव ओसला, गंगाड़, ढाटमीर और पवाणी के ग्रामीणों को करीब 28 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। गियांगाड के पास पूरी सड़क बहने पर लोग टूटे स्थान पर लकड़ी बिछाकर आवाजाही कर रहे हैं। वहीं कई स्थानों पर विभाग की ओर से करीब डेढ़ माह से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
स्थानीय निवासी राजपाल रावत ने बताया कि करीब डेढ़ माह क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण करीब 28 किमी लंबी सांकरी-ओसला सड़क कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई थी। वहीं गिंयागाड के समीप सड़क बह गई थी लेकिन उसके बावजूद पीएमजीएसवाई की ओर से सड़क को दुरुस्त करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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गिंयागाड में ग्रामीणों ने गदेरे के ऊपर लकड़ी की पुलिया बनाकर आवाजाही शुरू कर दी है। दूसरी ओर, ढाटमीर सहित कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण सड़क पर मलबा और बोल्डर आए हुए हैं। इसलिए ग्रामीणों को सांकरी में मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए करीब 25 से 28 किमी की दूरी तय करनी पड़ रही है।
वहीं ऐसी स्थिति में अगर कोई बीमार और गर्भवती को अस्पताल पहुंचाना हो तो इस दौरान उनको सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सड़क बंद होने के कारण ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए हैं बावजूद इसके समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता सुभाष दौरियाल का कहना है कि सांकरी-ओसला-गंगाड़ मोटर मार्ग को पांच किमी तक सुचारू कर दिया गया है। आगे भू-धंसाव और भूस्खलन के कारण कार्य करने में परेशानी हो रही है। सात किमी पर पुल का एप्रोच भी क्षतिग्रस्त हो गया है। मौसम साफ रहा तो एक सप्ताह में सड़क को सुचारू किया जाएगा।