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Akhilesh embroiled in the wind of statements: From bulldozer to Chilam, yet the crowd with rallies did not give majority
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बयानों की बयार में उलझे अखिलेश : बुलडोजर से लेकर चिलम का जिक्र किया,फिर भी रैलियों वाली भीड़ ने नहीं दी बहुमत
वीडियो डेस्क अमर उजाला Published by: अभिषेक तिवारी Updated Sat, 12 Mar 2022 08:28 PM IST
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राजनीति के पेड़ में जड़ों का मजबूत होना बहुत जरूरी है। इस बार बीजेपी ने साबित किया कि उसने यूपी में अपनी जड़ें मजबूत रखी हैं। अखिलेश ने चुनाव अकेले लड़ा था, इसमें कोई दो राय नहीं कि बीजेपी के दातों तले चने भी चबवाए थे, लेकिन अंत में अखिलेश के हिस्से हार ही आई।चुनावी बिसात में अखिलेश ने भाषणों की फेहरिस्त खड़ी कर दी थी। राजनीतिक पंडितों का ये भी मानना है कि अखिलेश ने जहां अपने भाषणों से सुर्खियां बटोरीं, तो वहीं उनके भाषणों ने ही उन्हें सकारात्मक राजनीति से दूर रखा। भाषणों में अखिलेश ने चिलम से लेकर बुलडोजर की बात कही थी। कभी सीएम योगी को बाबा बुलडोजर बोला था, तो कभी साइकिल बनाम चिलम का कॉम्पटीशन कराया था।
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