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Father's murder, mother's struggle; Shy Rahul Gandhi became such a flamboyant leader
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पिता की हत्या, मां का संघर्ष; शर्मीले राहुल गांधी ऐसे बने तेजतर्रार नेता
वीडियो डेस्क/अमर उजाला डॉट कॉम Published by: प्रवीण तिवारी Updated Fri, 07 Oct 2022 05:42 PM IST
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शर्मीले राहुल, सहमे हुए राहुल, राजनीति में कई माहिर खिलाड़ियों से घिरे राहुल की कई खबरें और तस्वीरें आपने देखीं। एक दौर वो भी आया जब राहुल को राजनीति के लिए अनफिट कहा जाने लगा लेकिन राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा से ये साबित कर दिया कि वो कैसे अपने पिता और फिर मां के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति के दांवपेंच सीख रहे हैं। ये वही राहुल है जिन्होंने महज 21 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। अमर उजाला ने आपको वो एक्सक्लुसिव तस्वीरें भी दिखाईं हैं जब पिता के अंतिम संस्कार में मासूम राहुल गांधी दिखाई दिए थे। अब राहुल 52 साल के हो चुके हैं और इस उम्र तक पहुंचने से पहले १० साल तक उन्होंने कड़ा संघर्ष किया है। बीजेपी की बढ़ती ताकत और पीएम मोदी जैसे मंझे हुए नेता के सामने वो बच्चे हैं भी लेकिन उन्होंने संसद में ही इस बात को स्वीकार कर सुर्खियां बटोर ली थी और पीएम मोदी को जादू की झप्पी दे दी थी। अब 52 वर्षीय राहुल की लोकप्रियता ये है कि सड़क पर गुजरते हुए बच्चे, लड़कियां, बुजुर्ग उन्हें झप्पियां दे रहे हैं। पिता के अंतिम संस्कार में राहुल पर दुखों का पहाड़ टूटा था। सोनिया गांधी खुद भी राजनीति से दूर रही और बच्चों पर ध्यान दिया। पहले सोनिया गांधी का कांग्रेस की कमान संभालना और फिर राहुल को कांग्रेस की कमान सौंपने का सफर भी आसान नहीं रहा। इस सबके बीच राहुल आज एक दम अलग अंदाज में दिखाई देते हैं। आज राहुल कमजोर नेता नहीं बल्कि लोकप्रिय नेता के तौर पर पहचान बना रहे हैं। राहुल का ये सफर जानने जैसा है। हांलाकि क्या उनकी स्वीकार्यता वैसी ही अन्य राज्यों में देखने को मिलेगी जैसी दक्षिण के राज्यों में देखने को मिल रही है। इसका इंतजार राहुल के तमाम चाहने वाले कर रहे हैं। शुरूआत अच्छी हुई है लेकिन यात्रा के नतीजों के लिए कर्नाटक चुनाव से लेकर आगामी तमाम चुनाव के परिणामों को देखना होगा। खैर इस रिपोर्ट में हम आपको राहुल के इसी सियासी सफर के बारे में बताते हैं कि कैसे एक बहुत छोटी उम्र में पिता को खोने वाले राहुल ने सियासत के दांव पेंच सीखे और कैसे एक शर्मीले नौजवान से आज वो एक परिपक्व राजनेता दिखाई दे रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल की एक नयी इमेज को सामने रखा है। ये बात भी सच है कि राहुल के पास अभी राजनीति में खुद को आजमाने और बेहतर करने के लिए काफी समय है ऐसे में वो भविष्य में कांग्रेस के लिए एक बड़ी उम्मीद दिखाई पड़ते हैं। बाबा रामदेव जैसे उनके धुर विरोधी तक कह चुके हैं कि राहुल के चर्चे हो रहे हैं और ये उनकी विजय यात्रा से कम नहीं है।
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