राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजाद कराया था, लेकिन एक दिन ऐसा भी था जब इन्हीं गांधी जी ने इस तिरंगा को सलामी देने से साफ़ इनकार कर दिया था। लाहौर में गांधीजी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सामने नाराजगी का इस बात का इजहार किया था। उन्होंने कहा था, "मैं भारत के ध्वज में चरखा हटाए जाने को स्वीकार नहीं करूंगा। अगर ऐसा हुआ तो मैं झंडे को सलामी देने से मना कर दूंगा.
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