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Waqf Amendment Act: What will change in the Waqf law after SC's decision? | AmarUjala
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Waqf Amendment Act: SC के फैसले के बाद Waqf कानून में क्या-क्या बदल जाएगा? | AmarUjala
वीडियो डेस्क, अमर उजाला Published by: तन्मय बरनवाल Updated Mon, 15 Sep 2025 04:52 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आखिरकार फैसला सुना दिया है. शीर्ष अदालत ने कानून पर रोक लगाने की मांग पर विचार करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून पर केवल दुर्लभतम मामलों में ही रोक लगाई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की वैधता पर कोई फैसला नहीं दिया है या कहें तो अधिनियम पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है, लेकिन इसकी धाराओं पर रोक लगाते हुए कुछ शर्तें तय की हैं. सुप्रीम कोर्ट में क्या क्या फैसला लिया गया चलिए बताते है। सुप्रीम कोर्ट ने खासकर 5 साल की जरूरत वाले प्रावधान पर रोक लगाई है. अनुच्छेद 374 पर रोक लगा दी है. राजस्व रिकॉर्ड से संबंधित धारा पर रोक लगा दी है. साथ ही कहा है कि बोर्ड में 3 से ज्यादा गैर-मुस्लिम नहीं होने चाहिए. बोर्ड का CEO भी मुस्लिम होना चाहिए. कोर्ट ने वक्फ यूजर नोटिफिकेशन पर भी रोक लगा दी है।
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर को व्यक्तिगत नागरिकों के अधिकारों का निर्णय करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. यह सेपरेशन ऑफ पावर्स के सिद्धांत का उल्लंघन होगा. यानि की सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ अधिनियम के उस प्रावधान पर भी रोक लगा दी है, जो कलेक्टर को यह निर्धारित करने का अधिकार देता था कि वक्फ घोषित की गई संपत्ति सरकारी है या नहीं और आदेश पारित कर सकता था। सर्वोच्च न्यायालय ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के उस प्रावधान पर रोक लगा दी है, जिसके तहत वक्फ बनाने के लिए किसी व्यक्ति का इस्लाम धर्म का अनुयायी होना जरूरी था। यह रोक तब तक जारी रहेगी, जब तक राज्य सरकारें यह निर्धारित करने के लिए नियम नहीं बना लेतीं कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं।
इसलिए जब तक ट्रिब्यूनल का निर्णय नहीं आता, तब तक किसी तीसरे पक्ष के अधिकार किसी पक्ष के खिलाफ नहीं बनाए जा सकते. कलेक्टर को दिए गए ऐसे अधिकारों वाले प्रावधानों पर रोक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने से इंकार करते हुए कहा है कि किसी भी कानून की संवैधानिकता के पक्ष में हमेशा अनुमान ही लगाया जाता है और दखल केवल रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मामलों में ही किया जाता है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट कानून पर रोक नहीं लगा सकता है.बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने वक्फ कानून में 3 मुद्दों को उठाते हुए वैधता को चुनौती दी थी, लेकिन लगातार 3 दिन याचिका पर सुनवाई करने के बाद बेंच ने गत 22 मई को अंतरिम आदेश सुरक्षित रख लिया था. बेंच की अध्यक्षता खुद जस्टिस बीआर गवई ने की. याचिकाकर्ताओं ने स्टेट वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक्फ काउंसिल की संरचना पर भी सवाल उठाए. उन्होंने मांग की थी कि वक्फ बोर्ड में केवल मुसलमानों को ही शामिल किया जाना चाहिए. बता दें कि केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद अधिसूचित किया था.
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