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पाकिस्तान कहां करता है परमाणु परीक्षण?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Tue, 04 Nov 2025 03:44 PM IST
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क्या दुनिया एक बार फिर परमाणु युद्ध के साए में खड़ी है? क्या वो आग, जो 1998 में बलूचिस्तान की पहाड़ियों के नीचे दबी थी, फिर से सुलग उठी है? और क्या वाकई पाकिस्तान आज भी कर रहा है गुप्त न्यूक्लियर टेस्ट?
इस वीडियो हम आपको बताने जा रहे हैं उस बयान बयान के बारे में जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है और अब अंतर्राष्ट्रीय अस्तर पर चर्चा का केंद्र बन गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का खुलासा, जिसने परमाणु संतुलन पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। ट्रंप ने साफ कहा है “पाकिस्तान भी कर रहा है परमाणु परीक्षण!”
अब सवाल ये अगर ये सच है, तो क्या दुनिया एक बार फिर परमाणु विस्फोट की कगार पर पहुँच चुकी है? लेकिन इस सवाल के इतर कुछ सवाल ये भी है की पाकिस्तान आखिर कहां करता है ये न्यूक्लियर टेस्ट? कैसे चुनी जाती है न्यूक्लियर टेस्ट साइट? इस वीडियो में हम आपको इन्हीं सवालों के जवाब देंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति में भूचाल ला दिया है। उन्होंने खुलासा किया है कि पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जो सक्रिय रूप से परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। ट्रंप का यह बयान अमेरिका, रूस, चीन और उत्तर कोरिया के बीच नई परमाणु होड़ को जन्म देता दिखाई दे रहा है।
सीबीएस न्यूज के कार्यक्रम “60 मिनट्स” को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, “रूस परीक्षण कर रहा है, चीन भी कर रहा है, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं करते। हम एक खुला समाज हैं, इसलिए हम बात करते हैं। जब बाकी देश परीक्षण कर रहे हैं, तो हमें भी करना होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “उत्तर कोरिया लगातार परीक्षण कर रहा है और पाकिस्तान भी परीक्षण कर रहा है। इसलिए हम भी करेंगे क्योंकि वे कर रहे हैं और अन्य भी कर रहे हैं।”
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने तीन दशक से अधिक समय बाद परमाणु परीक्षण फिर शुरू करने की योजना बनाई है। उन्होंने यह भी कहा कि, “आपको यह देखना होगा कि ये हथियार कैसे काम करते हैं। रूस और चीन परीक्षण कर रहे हैं, हम ही एकमात्र देश हैं जो नहीं कर रहे, और मैं नहीं चाहता कि ऐसा रहे।”
गौरतलब है कि हाल के महीनों में रूस ने अपने पोसाइडन अंडरवॉटर ड्रोन जैसे उन्नत परमाणु-सक्षम हथियारों का परीक्षण किया है। वहीं चीन भी अपनी परमाणु क्षमता को लेकर तेजी से विस्तार कर रहा है।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के पास दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से परमाणु हथियार घटाने पर बातचीत की थी। ट्रंप के शब्दों में, “हमारे पास दुनिया को 150 बार नष्ट करने जितने परमाणु हथियार हैं।”
पिछले हफ्ते ट्रंप ने अचानक एलान किया था कि अमेरिका तत्काल परमाणु परीक्षण शुरू करेगा। यह घोषणा उनकी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होने वाली बैठक से ठीक पहले आई थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से आने वाले समय में अमेरिका, रूस और चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है। हालांकि ट्रंप ने परीक्षण की सटीक तारीख या स्थान का खुलासा नहीं किया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि तैयारियां पहले से चल रही हैं।
पाकिस्तान का परमाणु जखीरा कितना बड़ा?
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास 170 परमाणु वॉरहेड्स हैं, जबकि भारत के पास 180 वॉरहेड्स हैं।
2023 की बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान के पास अपने जखीरे को बढ़ाने की बेहद मजबूत क्षमता है उसके पास चार प्लूटोनियम उत्पादन रिएक्टर और एक विस्तृत संवर्धन नेटवर्क मौजूद है।
कहां होते हैं पाकिस्तान के परमाणु टेस्ट?
रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपने परमाणु परीक्षण बलूचिस्तान में किए थे-
• 28 मई 1998: “चगाई-I” (एक साथ 5 टेस्ट)
• 30 मई 1998: “चगाई-II” (1 टेस्ट)
ये टेस्ट रास कोह पहाड़ियों और खारन रेगिस्तान में किए गए थे।
बलूचिस्तान के लोग आज भी खुद को इन परीक्षणों का पीड़ित बताते हैं। उनका आरोप है कि बिना चेतावनी के उनके इलाके को न्यूक्लियर टेस्ट साइट बना दिया गया था। पर्यावरणविदों का कहना है कि उस इलाके में अब भी भूकंपीय गतिविधियाँ औसतन हर साल 25–30 बार होती हैं।
कैसे चुनी जाती है न्यूक्लियर टेस्ट साइट?
परमाणु परीक्षण से पहले वैज्ञानिक भूमिगत स्थानों की खोज करते हैं जहाँ विस्फोट का असर सीमित रहे। ज़मीन में गहरा गड्ढा बनाकर हथियार रखा जाता है और विस्फोट के बाद उसे बजरी, रेत और सीमेंट से सील कर दिया जाता है ताकि रेडियोएक्टिव पदार्थ बाहर न निकले।
परीक्षण के दौरान रेडिएशन मॉनिटर करने वाली मशीनें और विमान लगातार डेटा जुटाते हैं ताकि विस्फोट की ताकत और उसके प्रभाव का अध्ययन किया जा सके।
ट्रंप के इस बयान से साफ है कि दुनिया फिर से परमाणु युग की नई दौड़ में उतरने जा रही है। जहाँ एक ओर सुरक्षा का हवाला दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञों को डर है कि यह प्रतिस्पर्धा एक बार फिर वैश्विक अस्थिरता को जन्म दे सकती है। और अगर ट्रंप का दावा सही निकला तो पाकिस्तान के चगाई की रेत में अब भी वो आग बाकी है जो कभी पहाड़ों को हिला गई थी।
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