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पाकिस्तान की किरकिरी: UNHRC में गिलगित-बाल्टिस्तान और PoK की दुर्दशा उजागर, पाकिस्तानी नीतियों पर उठाए सवाल

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जनेवा Published by: आदर्श शर्मा Updated Sat, 23 Mar 2024 05:09 PM IST
सार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस क्षेत्र के मूल निवासी त्सेंज त्सेरिंग ने कहा कि यह क्षेत्र समृद्ध होने के बावजूद यहां की आबादी गरीबी में जी रही है, जिनके पास किसी भी तरह की चिकित्सा बुनियादी ढांचा, खाद्य सुरक्षा तक नहीं है।

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Activists gather at UNHRC to highlight the plight of Pakistan-occupied Kashmir and Gilgit-Baltistan
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विस्तार
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पाकिस्तान सरकार द्वारा अपनाई गई नीतियों की जमकर आलोचनाएं की गई। शुक्रवार को एनईपी-जेकेजीबीएल (राष्ट्रीय समानता पार्टी जम्मू कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान और लद्दाख) द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था और इसमें कई कार्यकर्ताओं ने भाग लिया था।
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इस तरह की समस्याओं की ओर ध्यान देना होगा- बोगडानोस
कार्यक्रम से जुड़ी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर केंद्रित था, खासकर जम्मू-कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान के क्षेत्रों से जुड़ा था। ग्रीक के पूर्व सांसद बोगडानोस ने अपने संबोधन में कहा कि पश्चिमी देशो के नागरिकों को भी इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए, भले ही ये क्षेत्र हमारे सीमाओं से दूर क्यों न हो। कार्यक्रम में संबोधन के दौरान उन्होंने पाकिस्तान सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए अपनाई गई नीतियों और क्षेत्र के सैन्यीकरण, समृद्ध क्षेत्रों को शत्रुतापूर्ण स्थानों में बदलने की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हमारा देश इस तरह के उत्पीड़न के हमेशा खिलाफ रहा है। 
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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लोगों की हालत खस्ता
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान की दुर्दशा पर चर्चा के दौरान इस क्षेत्र के मूल निवासी त्सेंज त्सेरिंग ने कहा कि यह क्षेत्र समृद्ध होने के बावजूद यहां की आबादी गरीबी में जी रही है, जिनके पास किसी भी तरह की चिकित्सा बुनियादी ढांचे, खाद्य सुरक्षा तक नहीं है। पाकिस्तान की ओर से किसी भी ठोस कदम न उठाए जाने की उन्होंने आलोचना की है। लोकतांत्रिक मंच के एक सदस्य ने निंदा की कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक नरसंहार का शिकार हो रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति को नजरअंदाज करता है। यही कारण है कि इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ती रही है। 

युद्धग्रस्त क्षेत्रों को लेकर हुई चर्चा
कार्यक्रम में मौजूद उन्हें वक्ताओं ने कहा कि इस क्षेत्र में बहुसंख्यक होने के बावजूद संवैधानिक अधिकारों के बिना, वोट देने के अधिकार के बिना और कानून बनाने के अधिकार के बिना रहते हैं। इस दौरान युद्धग्रस्त क्षेत्रों पर भी चर्चा की गई है। 
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