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Imran Khan: PAK सरकार के निशाने पर पूर्व PM और उनका परिवार, बहनों के आरोप और सेहत पर कयास में कितना सच? जानिए

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद Published by: हिमांशु चंदेल Updated Wed, 26 Nov 2025 06:07 PM IST
सार

Pakistan Politics: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हालत और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। मौत की अफवाहों के बीच उनकी बहनों ने आरोप लगाया कि अडियाला जेल के बाहर शांतिपूर्ण विरोध के दौरान पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा। आइए जानते हैं इन दावों की सच्चाई।

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Imran Khan former PM Pakistan government how much truth in sister allegation speculation about health
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान - फोटो : ANI
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विस्तार
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पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हालत और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल फिर उठ गए हैं। एक तरफ उनकी मौत की अफवाहें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी बहनों पर पुलिस द्वारा कथित बर्बरता ने पूरे मामले को और संवेदनशील बना दिया है। करीब एक महीने से खान से किसी को नहीं मिलने देने और लगातार बढ़ती सख्ती ने राजनीतिक हलकों में इस बात को लेकर चिंता बढ़ा दी है कि आखिर पाक सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है।

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इमरान खान की तीनों बहनों नुरीन खान, अलीमा खान और उजमा खान ने आरोप लगाया है कि अदियाला जेल के बाहर शांतिपूर्ण विरोध के दौरान उन्हें पंजाब पुलिस ने बेरहमी से पीटा। बहनों का आरोप है कि वे सिर्फ अपने भाई से मिलने की अनुमति मांग रही थीं, लेकिन पुलिस ने उन पर और पीटीआई समर्थकों पर अचानक हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें तीन सप्ताह से ज्यादा समय से भाई से मिलने नहीं दिया गया है, जबकि खान की सेहत को लेकर चिंता लगातार बढ़ रही है।
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बहनों के गंभीर आरोप
बहनों के मुताबिक घटना सोची-समझी साजिश की तरह लगती है। उन्होंने पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर को भेजे पत्र में लिखा कि विरोध शांतिपूर्ण था और न सड़क जाम हुई, न कोई अवैध गतिविधि हुई। लेकिन अचानक स्ट्रीटलाइट बंद कर दी गईं और अंधेरे में पुलिस ने उन पर धावा बोल दिया। बहन नुरीन नियाज़ी ने आरोप लगाया कि 71 साल की उम्र में उन्हें बाल पकड़कर जमीन पर फेंका गया और घसीटा गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। अन्य महिलाओं के साथ भी धक्का-मुक्की और मारपीट हुई। बहनों ने इस हमले को नागरिक अधिकारों के खुले उल्लंघन और पुलिस की मनमानी बताई।

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निष्पक्ष जांच की जरूरत
पीटीआई ने पुलिस कार्रवाई को बर्बर बताया और कहा कि बहनों और समर्थकों का एकमात्र अपराध अपने नेता से मिलने की मांग करना था। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह हमला उस पैटर्न का हिस्सा है जिसमें पिछले तीन साल से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बिना कारण अत्यधिक बल का इस्तेमाल किया जा रहा है। पार्टी ने इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है। पीटीआई का कहना है कि सरकार न सिर्फ बैठकें रोक रही है, बल्कि खान को पूरी तरह अलग-थलग कर दिया गया है।

इमरान से मीटिंग पर बैन
खान अगस्त 2023 से अदियाला जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। पीटीआई का कहना है कि पिछले एक महीने से खान पर अनौपचारिक मीटिंग बैन लगा दिया गया है। उनके वकील बताते हैं कि खान को किताबें, जरूरी सामान और कानूनी टीम तक की पहुंच से वंचित किया जा रहा है। वकील खालिद यूसुफ चौधरी ने दावा किया कि जेल का पूरा नियंत्रण एक सेना अधिकारी के हाथ में है। यहां तक कि खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहैल अफरीदी को भी लगातार सात प्रयासों के बावजूद खान से मिलने नहीं दिया गया।

सरकार की चुप्पी से शक बढ़ा
इमरान खान की मौत को लेकर फैल रही फर्जी खबरों के बीच सरकार की चुप्पी और मुलाकातों पर रोक ने खान के समर्थकों और परिवार की बेचैनी बढ़ा दी है। बहनों का कहना है कि वे सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहती थीं कि उनके भाई जिंदा और सुरक्षित हैं। लेकिन सरकार की सतर्क चुप्पी और पुलिस की कार्रवाई ने सवालों को और गहरा कर दिया है। विपक्ष का कहना है कि खान को अलग-थलग करना और परिवार तक को उनसे दूर रखना लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर गंभीर हमला है।

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