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Syria: बशर अल असद का शासन समाप्त होने के बाद सड़कों पर उतरे लोग, अलग लोकतांत्रिक देश बनाने के लिए उठाई आवाज

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, दमिश्क Published by: बशु जैन Updated Fri, 20 Dec 2024 08:57 AM IST
सार

आठ दिसंबर को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के रूस भागने और देश पर विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) का कब्जा होने के बाद राजधानी दमिश्क की सड़कों पर जबरदस्त जश्न मनाया गया था। अब गुरुवार को दमिश्क के उम्मयद स्कवायर में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने अलग लोकतांत्रिक राज्य बनाने की मांग की। 

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After the end of Assad rule, people raised their voice for creating a separate democratic state
सीरिया में प्रदर्शन करते लोग। - फोटो : एक्स/ @Rim_Turkmani
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विस्तार
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सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद का 50 साल का शासन समाप्त होने के बाद अब अलग लोकतांत्रिक देश बनाने की मांग उठने लगी है। गुरुवार को दमिश्क के उम्मयद स्कवायर में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अलग लोकतांत्रिक देश में महिलाओं को भी सार्वजनिक जीवन जीने का मौका दिया जाए। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने धार्मिक शासन नहीं, ईश्वर धर्म के लिए है और मातृभूमि सभी के लिए है और हमें लोकतंत्र चाहिए, धार्मिक राज्य नहीं के नारे लगाए।  

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13 साल से गृह युद्ध झेल रहे सीरिया में कृत्रिम अंग निर्माता अयहम हामशो ने कहा कि हम यहां उस क्रांति के लाभों की रक्षा के लिए आए हैं, जिसकी बदौलत आज हम यहां स्वतंत्रता से खड़े हैं। 50 साल से अधिक हम अत्याचारी शासन के अधीन रहे। जिसने देश में पूरी तरह से पार्टी और राजनीतिक गतिविधियों खत्म कर दिया था। अब हम अपने मामलों को व्यवस्थित करने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि हम एक धर्मनिरपेक्ष, नागरिक और लोकतांत्रिक देश बना सकें। 
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आठ दिसंबर को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के रूस भागने और देश पर विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) का कब्जा होने के बाद राजधानी दमिश्क की सड़कों पर जबरदस्त जश्न मनाया गया। वहीं एचटीएस ने धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन देकर यहां एक मार्च 2025 तक के लिए अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति की है। 

नए नेतृत्व को लेकर लोगों में डर का माहौल
सीरिया में एचटीएस के आश्वासन के बाद भी कई लोगों में डर का माहौल है। लोगों का लग रहा है कि देश का नया नेतृत्व भी धार्मिक शासन को मजबूत करेगा। यह अल्पसंख्यक समुदायों को हाशिए पर डाल देगा और महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से बाहर कर देगा। इसे लेकर गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी धर्मनिरपेक्ष शब्द लिखे हुए तख्तियां पकड़े दिखे। कुछ ने सीरियाई एक हैं का नारा भी लगाया। एक अन्य व्यक्ति ने महान सीरियाई क्रांति सशस्त्र बल के माध्यम से जीत हुई का नारा लगाया। 

महिलाओं की स्वतंत्रता की भी मांग
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं की स्वतंत्रता की भी मांग की गई। प्रदर्शन में एक युवक ने कहा कि  स्वतंत्र महिलाओं के बिना स्वतंत्र राष्ट्र नहीं। अभिनेत्री रघदा खतेब ने कहा कि सीरियाई महिलाएं सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा में, घायलों की देखभाल में, जेलों और हिरासत केंद्रों में निरंतर भागीदार रही हैं। जो लोग अत्याचारी शासन के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे, वे फिर से बाहर आने और शासन करने के लिए तैयार हैं।


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