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India-Switzerland: राजदूत राल्फ हेकनर का बड़ा बयान, युद्ध के दौर में 75 साल की भारत-स्विटजरलैंड दोस्ती मिसाल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: ज्योति भास्कर Updated Sat, 14 Oct 2023 05:08 PM IST
सार

इस्राइल के अलावा रूस और यूक्रेन युद्ध हाल के कुछ वर्षों में बेहद चिंताजनक रहे हैं। भारत और स्विट्जरलैंड के बीच 75 साल पुराना रिश्ता है। दोनों देशों के रिश्ते पर स्विस राजदूत ने कहा, आज के युद्ध के युग में भारत और स्विटजरलैंड का संबंध एक उदाहरण है।

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Ambassador Ralf Heckner India-Switzerland relations an example
India Switzerland Ambassador Ralf Heckner - फोटो : ANI
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दो देशों के बीच टकराव और युद्ध के दौर का जिक्र करते हुए स्विस राजदूत राल्फ हेकनर ने भारत के साथ 75 वर्षों का रिश्ता पूरे होने पर कहा, स्विट्जरलैंड और भारत के बीच शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध ही आगे बढ़ने का रास्ता है। उन्होंने कहा कि आज के युद्ध के युग में दोनों देशों के बीच मैत्री संधि मिसाल है।
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शुक्रवार को स्विट्ज़रलैंड के दूतावास में आयोजित कार्यक्रम में पर राजदूत ने कहा, हम आज मित्रता और शांति का जश्न मना रहे हैं। ये दो शब्द हैं जो हमें उस संधि में मिलते हैं। विशेष रूप से आज युद्ध के युग में... स्विट्जरलैंड और भारत के बीच शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध निश्चित रूप से आगे बढ़ने का रास्ता हैं।
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तैरते फूलों के बादल, भारतीय पुष्प कलाकारों ने भी किया सहयोग
75 साल पहले भारत और स्विट्जरलैंड ने मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए थे। भारत ने आजादी के बाद मैत्री संधि पर हस्ताक्षर करने वाले पहले देश के रूप में स्विट्जरलैंड को चुना था। पुष्प कलाकृति के माध्यम से बनाए गए बहुत सारे प्रतीकों की मदद से भारत और स्विटजरलैंड के रिश्ते में ऐतिहासिक पड़ाव को सेलिब्रेट किया गया। मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध स्विस कलाकार फिलिप वॉन आर्क्स की पुष्प कलाकृति थी, जिन्होंने भारतीय पुष्प कलाकारों के साथ मिलकर दूतावास भवन और बगीचे के ऊपर तैरते फूलों के बादल बनाए।

1948 में हुई भारत-स्विटजरलैंड संधि
बता दें कि पारंपरिक बांस शिल्प कौशल और कलात्मक पुष्प डिजाइनों का मिश्रण सीमाओं से परे है, जो उत्सव, समृद्धि और स्थिरता के साझा मूल्यों का प्रतीक है। स्विट्जरलैंड और भारत ने 14 अगस्त, 1948 को "मैत्री और स्थापना की संधि" पर हस्ताक्षर किए थे। यह अपनी तरह का पहला समझौता था, और स्वतंत्र भारत की तरफ से किया गया पहला द्विपक्षीय समझौतों में से एक था।

भारत के शहरों से हजारों फूल लाए गए
इस अनूठे शो के लिए भारत के विभिन्न क्षेत्रों से लाए गए आश्चर्यजनक 30,000 मैरीगोल्ड, 9,000 डायन्थस और 320 हेलिकोनिया समेत कई अन्य फूलों का भी उपयोग किया गया था। इसमें जीवंत रंगों और सुखदायक हरियाली, प्रकृति और प्रकृति की परस्पर क्रिया को दर्शाया गया था। प्रौद्योगिकी प्रकाश और छाया का भी बेमिसाल इस्तेमाल किया गया। स्विस कलाकार फिलिप वॉन आर्क्स ने अपनी कला के बारे में कहा, फूलों की भी एक खास भाषा होती है।

फूलों के कलाकार ने नियम तोड़ा
आर्क्स का परिवार 200 से अधिक वर्षों से फूलों के व्यवसाय में है। उन्होंने कहा कि "फूलों की एक भाषा होती है जिसे दुनिया भर में हर कोई समझता है... स्विस दूतावास में एक बहुत मजबूत सममित वास्तुकला है और हमने फ्री-स्टाइल बादल बनाने के लिए इस नियम को तोड़ दिया है। हर बादल का एक अलग आकार होता है, हर बादल के अंदर अन्य फूल होते हैं और विशेष रूप से फूलों में पानी का संबंध होता है और वे बारिश लाते हैं, जैसे धरती पर फूलों की बारिश होती है।'' भारतीय पुष्प कलाकार- श्रीराम कुलकर्णी, आदर्श सुरेश और अंतरिक्ष डिजाइनर सागर सिंह ने भी इस उत्सव में भाग लिया।
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