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India-Bahrain Ties: मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बोले- मध्यस्थता से और मजबूत होंगे भारत-बहरीन के व्यापारिक रिश्ते
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मनामा
Published by: पवन पांडेय
Updated Thu, 06 Nov 2025 07:39 AM IST
सार
बहरीन की राजधानी मनामा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 'भारत और बहरीन के बीच आर्थिक संबंध हर दिन गहरे हो रहे हैं। जैसे-जैसे व्यापार और निवेश बढ़ रहा है, वैसे-वैसे निष्पक्ष विवाद समाधान और मध्यस्थता की भूमिका और भी अहम हो जाती है। यह विश्वास और भरोसे को बनाए रखने का आधार है।'
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अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय कानून मंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बहरीन में बहरीन वैश्विक व्यापार न्यायालय (बीआईसीसी) की स्थापना को ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह भारत और बहरीन के बीच कानूनी, आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। मनामा में आयोजित 'बहरीन-भारत: सफल वाणिज्य की ओर मार्ग' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बीआईसीसी 'दोनों देशों के लिए विशेष' बताते हुए कहा कि यह गुरु नानक देव जी की जयंती और पूर्णिमा के दिन मनाया जा रहा है, जो शांति और नए आरंभ का प्रतीक है।
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हमारा द्विपक्षीय व्यापार करीब 20% बढ़ा- मेघवाल
मंत्री ने बताया कि भारत और बहरीन के रिश्ते 5000 साल पुराने हैं, जो सिंधु घाटी सभ्यता तक जाते हैं। उन्होंने कहा, 'हमारा द्विपक्षीय व्यापार करीब 20% बढ़ा है, और भारत अब बहरीन का छठा सबसे बड़ा निवेशक है। यह हमारे आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्तों की मजबूती का प्रमाण है।' उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे व्यापार बढ़ता है, वैसे-वैसे एक मजबूत कानूनी ढांचे की जरूरत होती है। 'एक प्रभावी विवाद समाधान प्रणाली हमारे व्यापारिक रिश्तों को सुचारु बनाए रखेगी।'
'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे भारत के मध्यस्थता केंद्र'
भारत में मध्यस्थता व्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने कहा, 'भारत में वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) अब सिर्फ एक विकल्प नहीं रह गया, बल्कि यह न्याय प्रणाली का अहम और दूरदर्शी हिस्सा बन चुका है। सरकार लगातार नए संशोधन ला रही है ताकि इस व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके।' इस कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में मेघवाल ने कहा कि भारत के मध्यस्थता सेंटर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं और कई संस्थान कानूनी विशेषज्ञता और क्षमता निर्माण के केंद्र बन चुके हैं। उन्होंने कहा, 'बीआईसीसी की स्थापना अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक विवाद समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनेगी। यह हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग और ज्ञान-विनिमय को बढ़ावा देगी।'
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मंत्री ने बहरीन को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा, 'भारत और बहरीन इस समय एक निर्णायक मोड़ पर हैं। बीआईसीसी की स्थापना आगे की दिशा तय करने वाला कदम है। हमारा लक्ष्य है कि दोनों देश मिलकर ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करें जहां विवादों का समाधान सरल और न्यायपूर्ण तरीके से हो।' इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल डॉ. पिंकी आनंद, जिन्हें बीआईसीसी की न्यायिक पैनल में शामिल किया गया है, ने भी बहरीन की दूरदर्शिता की प्रशंसा की।
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हमारा द्विपक्षीय व्यापार करीब 20% बढ़ा- मेघवाल
मंत्री ने बताया कि भारत और बहरीन के रिश्ते 5000 साल पुराने हैं, जो सिंधु घाटी सभ्यता तक जाते हैं। उन्होंने कहा, 'हमारा द्विपक्षीय व्यापार करीब 20% बढ़ा है, और भारत अब बहरीन का छठा सबसे बड़ा निवेशक है। यह हमारे आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्तों की मजबूती का प्रमाण है।' उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे व्यापार बढ़ता है, वैसे-वैसे एक मजबूत कानूनी ढांचे की जरूरत होती है। 'एक प्रभावी विवाद समाधान प्रणाली हमारे व्यापारिक रिश्तों को सुचारु बनाए रखेगी।'
'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे भारत के मध्यस्थता केंद्र'
भारत में मध्यस्थता व्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने कहा, 'भारत में वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) अब सिर्फ एक विकल्प नहीं रह गया, बल्कि यह न्याय प्रणाली का अहम और दूरदर्शी हिस्सा बन चुका है। सरकार लगातार नए संशोधन ला रही है ताकि इस व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके।' इस कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में मेघवाल ने कहा कि भारत के मध्यस्थता सेंटर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं और कई संस्थान कानूनी विशेषज्ञता और क्षमता निर्माण के केंद्र बन चुके हैं। उन्होंने कहा, 'बीआईसीसी की स्थापना अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक विवाद समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनेगी। यह हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग और ज्ञान-विनिमय को बढ़ावा देगी।'
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मंत्री ने बहरीन को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा, 'भारत और बहरीन इस समय एक निर्णायक मोड़ पर हैं। बीआईसीसी की स्थापना आगे की दिशा तय करने वाला कदम है। हमारा लक्ष्य है कि दोनों देश मिलकर ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करें जहां विवादों का समाधान सरल और न्यायपूर्ण तरीके से हो।' इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल डॉ. पिंकी आनंद, जिन्हें बीआईसीसी की न्यायिक पैनल में शामिल किया गया है, ने भी बहरीन की दूरदर्शिता की प्रशंसा की।