{"_id":"689970417fa754b53d065614","slug":"australia-will-recognise-palestinian-state-says-prime-minister-albanese-amid-israel-gaza-war-2025-08-11","type":"story","status":"publish","title_hn":"Palestine: ऑस्ट्रेलिया भी फलस्तीन को मान्यता देगा, प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज का बयान; इस्राइल को बड़ा झटका","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
Palestine: ऑस्ट्रेलिया भी फलस्तीन को मान्यता देगा, प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज का बयान; इस्राइल को बड़ा झटका
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेलबर्न
Published by: नितिन गौतम
Updated Mon, 11 Aug 2025 10:13 AM IST
विज्ञापन
सार
नेतन्याहू ने कहा कि हमारा लक्ष्य गाजा पर कब्जा करना नहीं है, हमारा लक्ष्य गाजा को आजाद कराना है। इस्राइल गाजा में सहायता वितरण स्थलों की संख्या बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा कि गाजा में कोई भुखमरी नहीं है और न ही कोई भुखमरी थी।

anthony albanese
- फोटो : PTI
विज्ञापन
विस्तार
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भी फलस्तीन को मान्यता देगा। अल्बानीज ने सोमवार को ऐसे संकेत दिए कि वे फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा के साथ मिलकर फलस्तीन को अलग देश की मान्यता दे सकते हैं। दरअसल गाजा में जारी भुखमरी और बड़ी संख्या में हो रही लोगों की मौतों के खिलाफ दुनियाभर में आवाज उठ रही है। ऑस्ट्रेलिया में भी गाजा में जारी मानवीय संकट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में ऑस्ट्रेलिया कर सकता है एलान
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज की कैबिनेट के कई सदस्यों ने भी फलस्तीन को अलग देश के रूप में मान्यता देने की मांग की थी। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में गाजा पर कब्जे की जो योजना बनाई है, उसकी भी ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने तीखी आलोचना की है। अल्बानीज ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सोमवार को उनकी कैबिनेट की बैठक है। इस बैठक में ही फलस्तीन को अलग देश का दर्जा देने पर फैसला होगा। आगामी सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन के दौरान इसका औपचारिक एलान किया जाएगा।
ये भी पढ़ें- Israel: गाजा में नए हमलों का पीएम नेतन्याहू ने किया बचाव, कहा- हमास को पूरी तरह खत्म करना इस्राइल का लक्ष्य
फलस्तीन को पूरी करनी होंगी कुछ शर्ते
अल्बानीज ने कहा कि फलस्तीन ने ऑस्ट्रेलिया से कुछ प्रतिबद्धताओं का पूरा करने की बात कही थी, जिनके तहत फलस्तीन में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी और साथ ही गाजा का वि-सैन्यीकरण होगा और वहां चुनाव भी कराए जाएंगे। अल्बानीज ने कहा कि द्वि-राष्ट्र समाधान से ही पश्चिम एशिया में हिंसा के चक्र पर रोक लगने की उम्मीद है। इससे संघर्ष का अंत होगा और गाजा में भुखमरी और लोगों की परेशानी खत्म होगी। अल्बानीज ने इस्राइली सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि इस्राइली सरकार अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रही है और लोगों को खाना-पानी भी देने से रोक रही है।
150 देश दे चुके हैं फलस्तीन को मान्यता
ऑस्ट्रेलियाई नेताओं ने बीते हफ्ते फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महमूद अब्बास ने पश्चिमी देशों की शर्तों के प्रति सकारात्मक जवाब दिया है। वहीं ऑस्ट्रेलिया और अन्य यूरोपीय देशों द्वारा फलस्तीन को मान्यता देने के एलान की इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कड़ी निंदा की। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 150 देश फलस्तीन को मान्यता दे चुके हैं। हालांकि ये मान्यता महज संकेतात्मक है।
द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के तहत इस्राइल के साथ ही फलस्तीन भी अलग देश होगा, जिसमें वेस्ट बैंक, गाजा और पूर्वी यरूशलम के कुछ हिस्से होंगे। पूर्वी यरूशलम के वे हिस्से फलस्तीन में शामिल किए जाएंगे, जिन्हें इस्राइल ने 1967 के मध्य पूर्व युद्ध में जीता था।

Trending Videos
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में ऑस्ट्रेलिया कर सकता है एलान
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज की कैबिनेट के कई सदस्यों ने भी फलस्तीन को अलग देश के रूप में मान्यता देने की मांग की थी। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में गाजा पर कब्जे की जो योजना बनाई है, उसकी भी ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने तीखी आलोचना की है। अल्बानीज ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सोमवार को उनकी कैबिनेट की बैठक है। इस बैठक में ही फलस्तीन को अलग देश का दर्जा देने पर फैसला होगा। आगामी सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन के दौरान इसका औपचारिक एलान किया जाएगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
ये भी पढ़ें- Israel: गाजा में नए हमलों का पीएम नेतन्याहू ने किया बचाव, कहा- हमास को पूरी तरह खत्म करना इस्राइल का लक्ष्य
फलस्तीन को पूरी करनी होंगी कुछ शर्ते
अल्बानीज ने कहा कि फलस्तीन ने ऑस्ट्रेलिया से कुछ प्रतिबद्धताओं का पूरा करने की बात कही थी, जिनके तहत फलस्तीन में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी और साथ ही गाजा का वि-सैन्यीकरण होगा और वहां चुनाव भी कराए जाएंगे। अल्बानीज ने कहा कि द्वि-राष्ट्र समाधान से ही पश्चिम एशिया में हिंसा के चक्र पर रोक लगने की उम्मीद है। इससे संघर्ष का अंत होगा और गाजा में भुखमरी और लोगों की परेशानी खत्म होगी। अल्बानीज ने इस्राइली सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि इस्राइली सरकार अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रही है और लोगों को खाना-पानी भी देने से रोक रही है।
150 देश दे चुके हैं फलस्तीन को मान्यता
ऑस्ट्रेलियाई नेताओं ने बीते हफ्ते फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महमूद अब्बास ने पश्चिमी देशों की शर्तों के प्रति सकारात्मक जवाब दिया है। वहीं ऑस्ट्रेलिया और अन्य यूरोपीय देशों द्वारा फलस्तीन को मान्यता देने के एलान की इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कड़ी निंदा की। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 150 देश फलस्तीन को मान्यता दे चुके हैं। हालांकि ये मान्यता महज संकेतात्मक है।
द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के तहत इस्राइल के साथ ही फलस्तीन भी अलग देश होगा, जिसमें वेस्ट बैंक, गाजा और पूर्वी यरूशलम के कुछ हिस्से होंगे। पूर्वी यरूशलम के वे हिस्से फलस्तीन में शामिल किए जाएंगे, जिन्हें इस्राइल ने 1967 के मध्य पूर्व युद्ध में जीता था।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन