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बांग्लादेश: खत्म होगी हसीना की अवामी लीग की मान्यता? चुनाव आयोग को अंतरिम सरकार की औपचारिक अधिसूचना का इंतजार

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका। Published by: निर्मल कांत Updated Sun, 11 May 2025 04:33 PM IST
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सार

बांग्लादेश चुनाव आयोग अवामी लीग की मान्यता रद्द करने के लिए सरकारी अधिसूचना का इंतजार कर रहा है। इससे पहले, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया है। 

Bangladesh EC awaits formal interim govt notification to scrap Hasina-led Awami League's registration
शेख हसीना - फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
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बांग्लादेश के चुनाव आयोग (ईसी) ने रविवार को कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के पंजीकरण को रद्द करने पर फैसला लेने से पहले सरकार की अधिसूचना का इंतजार कर रहा रहा है। यह कदम तब उठाया जा रहा है, जब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। 

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मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ए.एम.एम. नासिर उद्दीन ने पत्रकारों से कहा, अगर सरकारी अधिसूचना सोमवार को  प्रकाशित होती है, तो हम बैठक कर अवामी लीग की मान्यता के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। बांग्लादेश के कानून के अनुसार, अगर चुनाव आयोग अवामी लीग का पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है, तो यह पार्टी आगामी आम चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएगी। अगले आम चुनाव दिसंबर 2025 से जून 2026 के बीच होने की संभावना है। 
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अंतरिम सरकार की कैबिनेट (सलाहकार परिषद) ने शनिवार रात आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा। इनमें ऑनलाइन गतिविधियां भी शामिल हैं। यूनुस के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना अगले कार्यदिवस (सोमवार) को जारी की जाएगी। बयान में कहा गया, यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा, जब तक बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में अवामी लीग और उसके नेताओं पर मुकदमा पूरा नहीं हो जाता। बयान में इसका मकसद देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा बताया गया है। 

इसमें आगे कहा गया, यह फैसला जुलाई 2024 के उस विद्रोह के नेताओं, कार्यकर्ताओं, शिकायतकर्ताओं और गवाहों की सुरक्षा के लिए भी लिया गया, जिसके चलते हसीना सरकार को हटाया गया था। यूनुस की अध्यक्षता में हुई बैठक में आईसीटी कानून में संशोधन भी किया गया, जिससे अब यह न्यायाधिकरण किसी भी राजनीतिक पार्टी, उसकी सहयोगी संस्थाओं और मोर्चा संगठनों पर मुकदमा चला सकता है।

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शेख हसीना की 16 वर्षों तक चली अवामी लीग सरकार को 5 अगस्त, 2024 को एक छात्र-आंदोलन के कारण सत्ता से हटा दिया गया था। इसके बाद हसीना भागकर भारत आ गईं। इसके तीन दिन बाद मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार के रूप में जिम्मेदारी संभाली। तब से हसीना और उनकी पार्टी के कई नेता सामूहिक हत्या और भ्रष्टाचार जैसे सैकड़ों मामलों का सामना कर रहे हैं। पार्टी के ज्यादातर नेता या तो गिरफ्तार हो चुके हैं या विदेश भाग गए हैं।

1949 में बनी अवामी लीग ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में दशकों तक बंगालियों के अधिकारों के लिए आंदोलन किया और 1971 के मुक्ति संग्राम का नेतृत्व किया। यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने रविवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि लोकतांत्रिक दुनिया शायद इस बेशर्म, हत्यारी, लोकतंत्र विरोधी और भ्रष्ट पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का विरोध नहीं करेगी।



 

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