Bangladesh: लोहागारा इलाके में हमलों के बाद आतंक में जी रहे हैं हिंदू समुदाय के लोग
बांग्लादेश के राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने नरेल जिले के लोहगारा उपजिला में हुई इस घटना की कड़ी निंदा की है। आयोग ने पुलिस और गृह मंत्रालय से घटना की निष्पक्ष जांच कराने को कहा है। आयोग ने गृह मंत्रालय से 17 अगस्त तक जांच रिपोर्ट और उस पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट उसके सामने पेश करने को कहा है...
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बांग्लादेश में नरेल इलाके के डिघोलिया गांव में हुई हिंसा के बाद वहां हिंदू समुदाय अभी भी दहशत के माहौल में है। ये हिंसा एक फेसबुक पोस्ट को लेकर हुई। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने हिंदुओं को पूरी सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है, लेकिन यह अल्पसंख्यक समुदाय अभी भी अंदेशों के बीच जी रहा है। इस बीच बांग्लादेश के राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने नरेल जिले के लोहगारा उपजिला में हुई इस घटना की कड़ी निंदा की है। आयोग ने पुलिस और गृह मंत्रालय से घटना की निष्पक्ष जांच कराने को कहा है। आयोग ने गृह मंत्रालय से 17 अगस्त तक जांच रिपोर्ट और उस पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट उसके सामने पेश करने को कहा है।
आयोग ने रविवार को भेजे एक पत्र में कहा- ‘नरेल के लोहागारा में पैगंबर मोहम्मद को अपमानित करने से क्रोधित एक भीड़ ने स्थानीय बाजार में छह दुकानों को लूट लिया, उनमें तोड़फोड़ की और एक मंदिर में आग लगा दी। इसके अलावा चार घरों में भी तोड़फोड़ की गई। वहां से नकदी और सोने के जेवरात लूट लिए गए।’ एनएचआरसी की अध्यक्ष नचिमा बेगम एक बयान में कहा कि धर्मनिरपेक्ष बांग्लादेश में ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। बांग्लादेश के अखबार द बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को लोहागारा इलाके में सुरक्षा बलों ने दिनभर गश्त लगाई। उस इलाके से बहुत से हिंदू परिवार भाग गए हैं। लेकिन लोहागारा उपजिला प्रशासन ने दावा किया है कि अब इलाके में हालात में सामान्य हैं। प्रशासन ने यह भी कहा है कि ये हमले किसी पूर्वनियोजित साजिश का नतीजा नहीं थे। बल्कि मुमकिन है कि इसके पीछे निजी दुश्मनी का पहलू रहा हो।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बीते गुरुवार को आकाश साहा नाम के एक युवक ने एक फेसबुक पोस्ट डाली, जिसमें विवादस्पद टिप्पणी की गई थी। उस पोस्ट से स्थानीय मुस्लिम समुदाय में गुस्सा भड़क उठा। बीते शुक्रवार को इलाके हिंदू घरों और दुकानों पर हमले किए गए। बताया जाता है कि इन हमलों में दस से ज्यादा घर और दुकानों को क्षति पहुंची। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। लोहागारा उपजिला निर्वाही अधिकारी (यूएनओ) मोहम्मद असगर अली ने द बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि उन्होंने खुद मौके पर जाकर फेसबुक पोस्ट डालने वाले युवक और उसके पिता को सुरक्षा प्रदान की। उधर स्थानीय यूनियन परिषद की पूर्व सदस्य ब्यूटी रानी ने बताया कि शुक्रवार को नमाज के बाद भीड़ ने हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि यूएनओ के हस्तक्षेप के बाद हालत काबू में आई। हमलों के शिकार हुए गोविंद साहा ने बताया कि हमला करने वाले लोग बाहर से आए थे।
इस बीच आकाश साहा को नरेल कोर्ट ने रविवार को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। साहा पर धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दायर किया गया है। ये मामला खुलना में दायर कराया गया। साहा को शनिवार रात को गिरफ्तार किया गया। उधर हिंदू समुदाय पर हुए हमलों को लेकर भी पुलिस ने तोड़फोड़ और आगजनी की धाराओं के तहत केस रजिस्टर किया है।