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Bangladesh: बांग्लादेश में भी हो सकते हैं पाकिस्तान जैसे हालात, शेख हसीना के भविष्य को लेकर विशेषज्ञ चिंतित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ढाका
Published by: नितिन गौतम
Updated Sun, 11 Aug 2024 10:29 AM IST
सार
कुगलमैन ने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार में शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। एक तरह से बांग्लादेश में आवामी लीग पार्टी पूरी तरह से दरकिनार कर दी गई है।
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बांग्लादेश में अस्थिरता का दौर जारी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने और वहां जारी अराजकता से देश के भविष्य को लेकर कई तरह से सवाल उठ रहे हैं। इस बीच अमेरिका के दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक और दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेश में अंतरिम सरकार लंबे समय तक सत्ता में रहती है तो इससे बांग्लादेश की राजनीति में सेना का दखल बढ़ने का खतरा है। इसका मतलब है कि बांग्लादेश में भी पाकिस्तान जैसे हालात हो सकते हैं, जहां कहने के लिए लोकतंत्र है, लेकिन सारे बड़े फैसले वहां की सेना ही करती है।
अंतरिम सरकार में ताकतवर होगी सेना
कुगलमैन के अनुसार, बांग्लादेश की सेना अब वो वाली सेना नहीं है जो कुछ समय पहले तक थी। बीते कई दशकों से शेख हसीना ने सेना को राजनीति से दूर रखने में सफलता पाई थी, लेकिन अगर बांग्लादेश की राजनीति में मौजूद खालीपन अगर जल्द नहीं भरा गया तो हो सकता है कि सेना ताकतवर हो जाए और राजनीति में उसका दखल बढ़ जाए, क्योंकि स्थायी सरकार के न होने की स्थिति में सेना की भूमिका बढ़ जाएगी।
शेख हसीना के राजनीतिक भविष्य पर लगा प्रश्नचिन्ह
शेख हसीना के भविष्य को लेकर कुगलमैन ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि अब शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के लिए सत्ता में वापसी बेहद मुश्किल होगी। कुगलमैन ने शेख हसीना के बेटे सजीब के हालिया बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके बयान विरोधीभासी हैं क्योंकि सजीब ने पहले कहा था कि शेख हसीना की अब राजनीति में वापसी नहीं होगी, लेकिन अपने ताजा बयान में उन्होंने शेख हसीना के राजनीति में वापसी के संकेत दिए हैं, लेकिन जिस तरह से बांग्लादेश में आवामी लीग के नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है, उससे शेख हसीना और उनकी पार्टी के लिए सत्ता में वापसी की राह बेहद मुश्किल होगी।
कुगलमैन ने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार में शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। एक तरह से बांग्लादेश में आवामी लीग पार्टी पूरी तरह से दरकिनार कर दी गई है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अगर अंतरिम सरकार लंबे समय तक सत्ता में बनी रहती है और देश में अराजकता, अस्थिरता बनी रहती है। साथ ही अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी अंतरिम सरकार अगर अच्छा नहीं कर पाई तो हो सकता है कि आगामी आम चुनाव में शेख हसीना की पार्टी को फिर से लोगों का समर्थन मिल जाए।
बीएनपी को मिलेगा फायदा
कुगलमैन ने बीएनपी के लिए परिस्थितियों को काफी बेहतर बताया और कहा कि आगामी आम चुनाव में बीएनपी को जबरदस्त सफलता मिल सकती है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अगर लंबे समय तक अंतरिम सरकार सत्ता में रही तो बीएनपी को इसका नुकसान हो सकता है, लेकिन जिस तरह के हालात हैं, उन्हें देखते हुए बांग्लादेश में जल्द आम चुनाव होने की उम्मीद कम ही है क्योंकि अंतरिम सरकार पहले कानून व्यवस्था बनाने, संस्थागत सुधारों पर ज्यादा ध्यान दे सकती है।
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अंतरिम सरकार में ताकतवर होगी सेना
कुगलमैन के अनुसार, बांग्लादेश की सेना अब वो वाली सेना नहीं है जो कुछ समय पहले तक थी। बीते कई दशकों से शेख हसीना ने सेना को राजनीति से दूर रखने में सफलता पाई थी, लेकिन अगर बांग्लादेश की राजनीति में मौजूद खालीपन अगर जल्द नहीं भरा गया तो हो सकता है कि सेना ताकतवर हो जाए और राजनीति में उसका दखल बढ़ जाए, क्योंकि स्थायी सरकार के न होने की स्थिति में सेना की भूमिका बढ़ जाएगी।
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शेख हसीना के राजनीतिक भविष्य पर लगा प्रश्नचिन्ह
शेख हसीना के भविष्य को लेकर कुगलमैन ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि अब शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग के लिए सत्ता में वापसी बेहद मुश्किल होगी। कुगलमैन ने शेख हसीना के बेटे सजीब के हालिया बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके बयान विरोधीभासी हैं क्योंकि सजीब ने पहले कहा था कि शेख हसीना की अब राजनीति में वापसी नहीं होगी, लेकिन अपने ताजा बयान में उन्होंने शेख हसीना के राजनीति में वापसी के संकेत दिए हैं, लेकिन जिस तरह से बांग्लादेश में आवामी लीग के नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है, उससे शेख हसीना और उनकी पार्टी के लिए सत्ता में वापसी की राह बेहद मुश्किल होगी।
कुगलमैन ने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार में शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। एक तरह से बांग्लादेश में आवामी लीग पार्टी पूरी तरह से दरकिनार कर दी गई है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अगर अंतरिम सरकार लंबे समय तक सत्ता में बनी रहती है और देश में अराजकता, अस्थिरता बनी रहती है। साथ ही अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भी अंतरिम सरकार अगर अच्छा नहीं कर पाई तो हो सकता है कि आगामी आम चुनाव में शेख हसीना की पार्टी को फिर से लोगों का समर्थन मिल जाए।
बीएनपी को मिलेगा फायदा
कुगलमैन ने बीएनपी के लिए परिस्थितियों को काफी बेहतर बताया और कहा कि आगामी आम चुनाव में बीएनपी को जबरदस्त सफलता मिल सकती है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अगर लंबे समय तक अंतरिम सरकार सत्ता में रही तो बीएनपी को इसका नुकसान हो सकता है, लेकिन जिस तरह के हालात हैं, उन्हें देखते हुए बांग्लादेश में जल्द आम चुनाव होने की उम्मीद कम ही है क्योंकि अंतरिम सरकार पहले कानून व्यवस्था बनाने, संस्थागत सुधारों पर ज्यादा ध्यान दे सकती है।