सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   Bangladesh story of atrocities against minorities human rights organization told the truth

Bangladesh: क्या है बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का सच? एक संगठन ने खोल दी यूनुस के दावे की पोल

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका Published by: शुभम कुमार Updated Wed, 01 Oct 2025 03:56 AM IST
सार

बांग्लादेश के मानवाधिकार संगठन ने यूनुस के उस बयान पर गहरा दुख जताया, जिसमें उन्होंने अल्पसंख्यकों पर उत्पीड़न को बुनियादहीन बताया था। संगठन ने एक रिपोर्ट और 13 अगस्त 2024 की बैठक का हवाला देते हुए कहा कि हिंसा अभी भी जारी है। वहीं दूसरी ओर स्विट्जरलैंड अवामी लीग के महासचिव शयमल खान ने भी इसी कारण यूनुस सरकार को अवैध बताया है।

विज्ञापन
Bangladesh story of atrocities against minorities human rights organization told the truth
मोहम्मद यूनुस, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार - फोटो : X @ChiefAdviserGoB
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की गूंज अब वैश्विक मंचों पर भी सुनाई देने लगी है। इसी बीच बांग्लादेश के मानवाधिकार संगठन हिंदू बौद्ध ईसाई ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार  मोहम्मद यूनुस के इसी से संबंधित एक बयान पर गहरा दुख और नाराजगी जताई है। डॉ यूनुस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान एक साक्षात्कार में कहा था कि उनकी सरकार के समय हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न की बातें बुनियादहीन हैं।

Trending Videos

हालांकि मानवाधिकार संगठन का दावा ठीक इसके उलट है। हिंदू बौद्ध ईसाई ने यूनुस के इस बयान को सचाई की अनदेखी करार दिया है। संगठन ने कहा कि 13 अगस्त 2024 को यूनुस और अल्पसंख्यक नेताओं के साथ हुई बैठक में उन्होंने तत्काल हिंसा बंद करने की मांग की थी, खासकर हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही घटनाओं को रोकने की।

विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें:- George Smoot: नहीं रहे रहस्यों पर शोध करने वाले नोबेल विजेता जॉर्ज स्मूट, 80 साल की उम्र दुनिया को कहा अलविदा

संगठन ने  रिपोर्ट का दिया हवाला
संगठन ने यह भी बताया कि 12 फरवरी 2025 को जारी यूएन की जांच रिपोर्ट में भी अल्पसंख्यकों के प्रति उत्पीड़न की पुष्टि की गई है, जो पांच अगस्त 2024 से लगातार हो रहा है और देश के अलग-अलग हिस्सों में कभी-कभी जारी है। हिंदू बौद्ध ईसाई ने याद दिलाया कि डॉ. यूनुस ने खुद एक अक्तूबर 2024 को अमेरिकी समाचार संस्था एनपीआर को दिए साक्षात्कार में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न को माना था। 


इसके साथ ही संगठन ने इस बात पर भी जोर दिया कि विभिन्न रिपोर्टों में भी डॉ. यूनुस की सरकार के दौरान हिंदू और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ संस्थागत उत्पीड़न की बातें सामने आई हैं। यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजन फ्रीडम ने भी हिंदू और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर एक तथ्य-पत्र जारी किया है। बता दें कि पूरे मामले में हिंदू बौद्ध ईसाई ने डॉ. यूनुस से सच स्वीकार करने और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की मांग की है।

ये भी पढ़ें:- US Court on Gaza: 'गाजा संकट के विरोध पर सरकार की कार्रवाई असांविधानिक', ट्रंप प्रशासन को अदालत से बड़ा झटका

स्विटजरलैंड के नेता ने यूनुस सरकार को बताया अवैध
वहीं, दूसरी ओर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर स्विट्जरलैंड अवामी लीग के महासचिव शयमल खान ने यूनुस सरकार को अवैध और सामुदायिक उग्रवाद को बढ़ावा देने वाली बताया है। उन्होंने कहा कि यूनुस सरकार ने आतंकवाद के जरिए सत्ता हथिया ली है और देश में अल्पसंख्यकों समेत कई लोगों की हत्या और गुमशुदगी हो रही है। खान ने अवामी लीग के बिना चुनाव को मजाक करार देते हुए कहा कि 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता के बाद भी देश में पाकिस्तान समर्थक मौजूद हैं, जो यूनुस के साथ मिलकर भारत विरोधी गतिविधियां कर रहे हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed