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Google: अमेरिकी अदालत से गूगल को बड़ी राहत, अब नहीं बेचना पड़ेगा क्रोम बाउजर; डाटा साझा करने का आदेश

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन Published by: बशु जैन Updated Wed, 03 Sep 2025 04:06 AM IST
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सार

वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी जिला न्यायाधीश अमित मेहता ने अमेरिकी न्याय विभाग और गूगल के बीच चल रहे मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने अमेरिकी सरकार की अपील खारिज करते हुए कहा कि गूगल को क्रोम सर्च इंजन बेचने की जरूरत नहीं है।

Big relief to Google from US court, now it will not have to sell Chrome browser; data sharing order
Google - फोटो : FREEPIK
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अमेरिकी अदालत ने टेक दिग्गज कंपनी गूगल को बड़ी राहत दी है। संघीय न्यायाधीश ने अमेरिकी सरकार की अपील खारिज करते हुए कहा कि गूगल को क्रोम सर्च इंजन बेचने की जरूरत नहीं है। हालांकि कोर्ट ने गूगल को ऑनलाइन सर्च में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिद्वंदियों के साथ डाटा साझा करने का आदेश दिया।

वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी जिला न्यायाधीश अमित मेहता ने अमेरिकी न्याय विभाग और गूगल के बीच चल रहे मामले में फैसला सुनाया। इससे पहले गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने अप्रैल 2025 में मामले की सुनवाई के दौरान चिंता व्यक्त की कि अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा मांगे गए डेटा-शेयरिंग उपाय गूगल के प्रतिद्वंद्वियों को अपनी तकनीक को रिवर्स-इंजीनियर करने में सक्षम बना सकते हैं। गूगल ने पहले कहा था कि वह अपील दायर करने की योजना बना रहा है।

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कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय में आया है कि जब तकनीकी क्षेत्र में एआई का प्रभाव बढ़ रहा है। चैटजीपीटी और पेरप्लेक्सिटी जैसी कंपनियां ऑनलाइन सर्च में गूगल की लंबे समय से चली आ रही स्थिति को खत्म करने की कोशिश कर रही हैं। अमेरिकी जज मेहता ने गूगल पर अपने सर्च इंजन और अन्य सेवाओं पर ट्रैफिक बढ़ाने के लिए अपनाई गई रणनीतियों पर नए प्रतिबंध लगाए।

साथ ही उन्होंने अरबों डॉलर के सौदों पर रोक लगाने से परहेज किया, जो गूगल कई साल से अपने सर्च इंजन को स्मार्टफोन, पर्सनल कंप्यूटर और अन्य उपकरणों पर डिफाल्ट रूप से लॉक करने के लिए कर रहा है। जज मेहता ने गूगल को आदेश दिया कि वह अपने वर्तमान और भावी प्रतिद्वंद्वियों को अपने सर्च इंजन के कुछ सोर्स तक पहुंच प्रदान करे।


गूगल के खिलाफ मामले- ऑनलाइन विज्ञापन और सर्च मोनोपॉली

  • ऑनलाइन विज्ञापन मोनोपॉली केस- अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया था कि गूगल ने डिजिटल विज्ञापन तकनीक बाजार में एकाधिकार जमाने के लिए प्रतिस्पर्धा विरोधी तरीके अपनाए। अप्रैल में न्यायाधीश लियोनी ब्रिंकमा ने अपने फैसले में कहा था कि गूगल ने "जानबूझकर ऐसी गतिविधियां कीं" जिससे उसने "ओपन वेब डिस्प्ले पब्लिशर एड सर्वर मार्केट" में पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया। अब जब दोष सिद्ध हो चुका है, न्याय विभाग अदालत से मांग करेगा कि गूगल को अपनी कुछ एड टेक सेवाएं बेचनी पड़ें। गूगल ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने का एलान किया था।
     
  • सर्च इंजन मोनोपॉली केस- यह केस गूगल की सर्च इंजन बाजार में पकड़ बनाए रखने की रणनीति से जुड़ा है। आरोप है कि गूगल ने Apple जैसी कंपनियों को अरबों डॉलर देकर यह सुनिश्चित किया कि आईफोन जैसे उपकरणों पर डिफॉल्ट सर्च इंजन गूगल ही रहे। अगस्त 2024 में एक फेडरल जज ने माना कि गूगल ने ग़लत तरीकों से एकाधिकार बनाए रखा।
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