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India: 'ब्रिक्स को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करनी चाहिए', जानें विदेश मंत्री जयशंकर ने क्यों की अपील
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 27 Sep 2025 02:55 PM IST
सार
MEA: विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि बढ़ते संरक्षणवाद, टैरिफ में उतार-चढ़ाव और गैर-टैरिफ बाधाओं से व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। ऐसे में ब्रिक्स को वैश्विक व्यापार व्यवस्था की रक्षा करनी होगी। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ हफ्ते पहले अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है।
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विदेश मंत्री की आईबीएसए मंत्रियों के साथ बैठक
- फोटो : X @DrSJaishankar
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विस्तार
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिक्स देशों से अपील की है कि वे बढ़ते संरक्षणवाद और टैरिफ में उतार-चढ़ाव के बीच बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करें। उन्होंने यह बात संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान न्यूयॉर्क में ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में कही। जयशंकर ने कहा, 'जब बहुपक्षवाद पर दबाव होता है, तब ब्रिक्स ने हमेशा समझदारी और रचनात्मक बदलाव की मजबूत आवाज उठाई है। अशांत दुनिया में ब्रिक्स को शांति, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन का संदेश और मजबूत करना होगा।'
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UNSC में सुधार के लिए आवाज उठाने की अपील
जयशंकर ने ब्रिक्स देशों से संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अंगों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार के लिए एकजुट होकर आवाज उठाने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तकनीक और नवाचार ब्रिक्स सहयोग का अगला चरण तय करेंगे। भारत की 2026 में होने वाली ब्रिक्स अध्यक्षता को लेकर उन्होंने कहा कि उस दौरान भारत खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके लिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, स्टार्टअप्स, नवाचार और विकास सहयोग को मजबूत बनाया जाएगा।
कई देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात
बैठक के दौरान जयशंकर ने कई देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की। इनमें सिएरा लियोन, रोमानिया, क्यूबा, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, रूस, उरुग्वे, कोलंबिया और एंटीगुआ एंड बारबुडा शामिल थे। उन्होंने यूएई के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। ऑस्ट्रिया की विदेश मंत्री बीटे माइनल-राइजिंगर के साथ उन्होंने भारत और यूरोप के सामने मौजूद चुनौतियों और विकल्पों पर बातचीत की।रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ उनकी मुलाकात में यूक्रेन संघर्ष, द्विपक्षीय संबंध और पश्चिम एशिया के हालात पर चर्चा हुई।
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तमाम बैठकों में शामिल हुए विदेश मंत्री
जयशंकर ने आईबीएसए (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका) बैठक में हिस्सा लिया और बताया कि तीनों देशों ने यूएन सुरक्षा परिषद में बड़े सुधार की जोरदार मांग की है। इसके अलावा उन्होंने भारत-सीईएलएसी विदेश मंत्रियों की बैठक की सह-अध्यक्षता की। इसमें कृषि, व्यापार, स्वास्थ्य, डिजिटल तकनीक, आपदा राहत और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। जयशंकर ने कहा कि भारत और सीईएलएसी देशों ने एआई, टेक्नोलॉजी, महत्वपूर्ण खनिज, अंतरिक्ष और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग तलाशने पर भी सहमति जताई। उन्होंने यह भी कहा कि बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार कर ग्लोबल साउथ की आवाज को और मजबूत बनाना बेहद जरूरी है।
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UNSC में सुधार के लिए आवाज उठाने की अपील
जयशंकर ने ब्रिक्स देशों से संयुक्त राष्ट्र के मुख्य अंगों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार के लिए एकजुट होकर आवाज उठाने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तकनीक और नवाचार ब्रिक्स सहयोग का अगला चरण तय करेंगे। भारत की 2026 में होने वाली ब्रिक्स अध्यक्षता को लेकर उन्होंने कहा कि उस दौरान भारत खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके लिए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, स्टार्टअप्स, नवाचार और विकास सहयोग को मजबूत बनाया जाएगा।
कई देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात
बैठक के दौरान जयशंकर ने कई देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की। इनमें सिएरा लियोन, रोमानिया, क्यूबा, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, रूस, उरुग्वे, कोलंबिया और एंटीगुआ एंड बारबुडा शामिल थे। उन्होंने यूएई के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। ऑस्ट्रिया की विदेश मंत्री बीटे माइनल-राइजिंगर के साथ उन्होंने भारत और यूरोप के सामने मौजूद चुनौतियों और विकल्पों पर बातचीत की।रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ उनकी मुलाकात में यूक्रेन संघर्ष, द्विपक्षीय संबंध और पश्चिम एशिया के हालात पर चर्चा हुई।
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तमाम बैठकों में शामिल हुए विदेश मंत्री
जयशंकर ने आईबीएसए (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका) बैठक में हिस्सा लिया और बताया कि तीनों देशों ने यूएन सुरक्षा परिषद में बड़े सुधार की जोरदार मांग की है। इसके अलावा उन्होंने भारत-सीईएलएसी विदेश मंत्रियों की बैठक की सह-अध्यक्षता की। इसमें कृषि, व्यापार, स्वास्थ्य, डिजिटल तकनीक, आपदा राहत और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। जयशंकर ने कहा कि भारत और सीईएलएसी देशों ने एआई, टेक्नोलॉजी, महत्वपूर्ण खनिज, अंतरिक्ष और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग तलाशने पर भी सहमति जताई। उन्होंने यह भी कहा कि बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार कर ग्लोबल साउथ की आवाज को और मजबूत बनाना बेहद जरूरी है।