सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   China Warns US Over Taiwan: Beijing Says Provocation Will Invite Devastating Retaliation

China Warns US: ताइवान पर चीन की अमेरिका को कड़ी चेतावनी, कहा- उकसाया तो दोबारा हमला करने लायक नहीं छोड़ेंगे

अमर उजाला नेटवर्क, बीजिंग/मास्को Published by: शिवम गर्ग Updated Tue, 30 Dec 2025 06:57 AM IST
विज्ञापन
सार

China Warns US: ताइवान को लेकर चीन ने अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी है। चीन ने कहा कि वह पहले हमला नहीं करेगा, लेकिन उकसाए जाने पर ऐसा जवाब देगा कि दोबारा हमला संभव नहीं होगा।

China Warns US Over Taiwan: Beijing Says Provocation Will Invite Devastating Retaliation
चीन की अमेरिका को कड़ी चेतावनी - फोटो : अमर उजाला प्रिन्ट/एजेंसी
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

चीन ने बहुत ही सख्त और चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यदि अमेरिका यह मानता है कि वह चीन को सैन्य दबाव, टेक्नोलॉजी प्रतिबंधों या गठबंधन राजनीति से झुका सकता है, तो यह एक गंभीर रणनीतिक भूल होगी। चीन की सरकारी मीडिया ने विक्टर गाओ,जो चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े थिंक-टैंक  सीसीपी के सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन के उपाध्यक्ष हैं, के हवाले से कहा है कि चीन की संप्रभुता से जुड़े मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप का जवाब चीन अपनी शर्तों पर देगा।

Trending Videos


परमाणु क्षमता को लेकर परोक्ष संदेश
गाओ का यह बयान अमेरिका की ओर से ताइवान को दी गई सैन्य सहायता के संदर्भ में देखा जा रहा है। चीन की सरकारी मीडिया आउटलेट्स ग्लोबल टाइम्स, सीजीटीएन और पार्टी-लाइन समर्थक विश्लेषणों ने एक बार फिर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक तनाव को केंद्र में ला दिया है। चीनी थिंक-टैंक विशेषज्ञ और सरकारी नैरेटिव के प्रमुख प्रवक्ता माने जाने वाले विक्टर गाओ ने अमेरिका और उसके सहयोगियों को यह कहते हुए अप्रत्यक्ष चेतावनी दी है कि अगर चीन को किसी ने छेड़ा, तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा। ताइवान को लेकर बढ़ते दबाव, सैन्य गठबंधनों और तकनीकी प्रतिबंधों के बीच आए इन बयानों ने अंतरराष्ट्रीय सामरिक संस्थाओं और परमाणु विशेषज्ञों को भी खुलकर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर किया है। गाओ ने कहा कि चीन पहले परमाणु हमला नहीं करेगा, लेकिन यदि कोई देश पहले हमला करने की हिमाकत करता है, तो चीन उसे दूसरा वार करने की स्थिति में नहीं छोड़ेगा।
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें:- India Economy: वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत की अर्थव्यवस्था सबसे मजबूत, सुधारों ने दी विकास को नई रफ्तार

गाओ के अनुसार चीन के पास ऐसी उन्नत मिसाइल क्षमताएं हैं जो 20 मिनट के भीतर दुनिया के किसी भी हिस्से में भारी तबाही मचा सकती हैं। हमले की स्थिति में हमारी इन मिसाइलों को रोक पाना किसी देश के वश में नहीं है। इसी क्रम में उन्होंने चीन के कथित सामरिक हथियारों का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि चीन के पास एम-61 नामक एक ऐसी मिसाइल है जो 60 परमाणु वारहेड और एक हाइड्रोजन बम ले जाने और सटीक निशाना लगाने में सक्षम है। सितंबर 25 में विक्ट्री डे परेड के दौरान दुनिया हमारी ताकत देख चुकी है।

ताइवान से सीधे युद्ध में चीन के साथ खड़े होने का रूस से संकेत
इसी पृष्ठभूमि में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा  कि यदि ताइवान को लेकर युद्ध होता है और चीन के खिलाफ कोई तीसरा देश सीधे हस्तक्षेप करता है, तो रूस चीन की प्रत्यक्ष मदद करेगा। हालांकि रूस ने इसे औपचारिक सैन्य प्रतिबद्धता के रूप में परिभाषित नहीं किया, लेकिन पश्चिमी विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान चीन-रूस रणनीतिक धुरी को राजनीतिक समर्थन देने का संकेत है।

अंतरराष्ट्रीय सामरिक संस्थाओं की राय
वैश्विक सामरिक संस्थाएं इन बयानों को राजनीतिक संदेश और मनोवैज्ञानिक दबाव के रूप में देख रही हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (सिप्री) और  इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) दोनों का कहना है कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध विश्वसनीय डेटा में एम-61 नामक किसी चीनी मिसाइल प्रणाली की स्वतंत्र पुष्टि नहीं होती। ऐसे में साफ है कि चीन मामले में मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहा है।

अन्य वीडियो:-

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed