दक्षिण चीन सागर: ड्रैगन को टक्कर देने की तैयारी, अमेरिका ने उतारा जंगी जहाज

दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन (चीन) का सैन्य अभ्यास खत्म हुए अभी एक ही दिन हुआ था कि अगले दिन अमेरिका ने समंदर में अपनी धमक दिखा दी। अमेरिका ने अपने विमान वाहक पोत विनसन को दक्षिण चीन सागर में अभ्यास और पेट्रोलिंग के लिए उतार दिया है।

अमेरिका का कहना है कि समंदर के इस इलाके में चीन की दादागीरि से अन्य देशों को बचाने के लिए और मुक्त व्यापार के लिए समुद्री मार्ग का इस्तेमाल करने के लिए उसने ऐसा किया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी रियर एडमिरल जेम्स किल्बी ने कहा कि यह अमेरिका का शक्ति प्रदर्शन नहीं है। अंतरर्राष्ट्रीय पानी पर किसी की दादागीरी नहीं चलेगी, समंदर का पानी सबके लिए है।
उन्होंने कहा कि हमने अतीत में भी मित्र देशों के समुंदर के रास्ते मुक्त और सुरक्षित व्यापार कराने के लिए मदद की थी, भविष्य में भी करेेंगे।
अमेरिका का यह विमान वाहक पोत 6 महीने सैन्य अभ्यास और पेट्रोलिंग करेगा। हालांकि अमेरिका ने इसे विवादित इलाके से कुछ दूरी पर उतारा है। यह पोत चीन के हनांन आईलैंड और उत्तर पूर्व के चीन के चैन वाले आईलैंड पारासेल्स से 400 नॉटिकल माइल्स पूर्व में उतारा गया है। पारासेल्स पहले वियतनाम का हिस्सा था, 1970 में चीन ने इस पर कब्जा जमा लिया था। शुक्रवार को इस पोत से अमेरिका के सबसे ताकतवर लाड़ाकू विमानों में शामिल एफ-18 ने उड़ाने भरीं। विमान वाहक पोत पर ऐसे करीब 30 लड़ाकू विमान अभ्यास के लिए लाए गए हैं।
क्या है विवाद?

विवाद यह है सालाना करीब 5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का व्यापार समंदर के जिस रास्ते से होता है, वह दक्षिण चीन सागर से होकर जाता है। चीन इस समंदर के इलाके के बड़े हिस्से पर अपना दावा करता है। इसके लिए वह गाहे-बगाहे समंदर में सैन्य अभ्यास भी करता रहता है। यही नहीं, चीन ने इस इलाके में कृतिम द्वीप तक बना लिए है। इस इलाके में चीन के पड़ोसी देश ब्रनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम भी अपना दावा करते हैं। समंदर के इलाकों पर अधिकार के लिए अंतराष्ट्रीय अदालत में मुकदमा भी चल रहा है। और चीन कई बार अदालत के आदेशों की अवहेलना करता भी आया है।
फिलहाल इस इलाके में अमेरिका का सक्रिय होना जिनपिंग और ट्रंप के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। अमेरिका अन्य छोटे देशों के बहाने चीन को साधने की कोशिश कर रहा है तो चीन पानी के बड़े इलाके पर अपना हक जताने से जरा भी टस से मस नहीं होना चाहता है। ऐसे में बहुत संभावना है कि आने वाले समय पर चीन और अमेरिका के बीच पानी के लिए टक्कर हो। फिलहाल दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी पोत के अभ्यास के बाद ड्रैगन की प्रतिक्रिया आना बाकी है।