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चीनी मीडिया: शी जिनपिंग के बांग्लादेश दौरे से परेशान होगा भारत
टीम डिजिटल/अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 12 Oct 2016 04:45 PM IST
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शी जिनपिंग
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले हफ्ते बांग्लादेश के दौरे पर जा रहे हैं। चीनी मीडिया आशा कर रही है कि ढ़ाका के साथ बीजिंग की ये दोस्ती भारत पर चीन के प्रति सामान्य रवैया अपनाने के लिए दबाव बनाएगा। हालांकि, इससे पहले वह अलग-थलग पड़े पाकिस्तान को समर्थन और न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध कर चुका है, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक तकरार की स्थिति बनी हुई है।
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक, भारत को बीजिंग और ढ़ाका के बीच नजदीकी संबंध से डरने की जरूरत नहीं है। पेपर के एडिटोरियल में लिखा है, 'भारत को चीन और ढ़ाका के बीच गहरे होते रिश्ते से परेशान नहीं होना चाहिए। भारत, चीन और साउथ एशिया में लोकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने और बाहरी रूप से आर्थिक पारिस्थितिक तंत्र बेहतर करने में भी यह दौरा कामयाब हो सकता है।
इसमें लिखा गया है, 'चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग की बांग्लादेश यात्रा नई दिल्ली के गले लगे दक्षिण एशियाई देशों को छीनने के रूप में देखा जा रहा है। इसे देखा जा रहा है कि चीन दक्षिए एशियाई देशों में अपने को पूर्वप्रतिष्ठित तौर पर तराश रहा है।

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चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक, भारत को बीजिंग और ढ़ाका के बीच नजदीकी संबंध से डरने की जरूरत नहीं है। पेपर के एडिटोरियल में लिखा है, 'भारत को चीन और ढ़ाका के बीच गहरे होते रिश्ते से परेशान नहीं होना चाहिए। भारत, चीन और साउथ एशिया में लोकल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने और बाहरी रूप से आर्थिक पारिस्थितिक तंत्र बेहतर करने में भी यह दौरा कामयाब हो सकता है।
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इसमें लिखा गया है, 'चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग की बांग्लादेश यात्रा नई दिल्ली के गले लगे दक्षिण एशियाई देशों को छीनने के रूप में देखा जा रहा है। इसे देखा जा रहा है कि चीन दक्षिए एशियाई देशों में अपने को पूर्वप्रतिष्ठित तौर पर तराश रहा है।
मील का पत्थर साबित होगी यात्रा

पीएम मोदी
- फोटो : PTI
हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि चीन और बांग्लादेश के बीच नजदीकी भारत के लिए ठीक नहीं होगी। बल्कि, यह भारत पर दबाव बनाने के लिए कारगर हो सकता है कि शी जिनपिंग और नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स में मीटिंग के दौरान अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करे।
वहीं, चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी आधिकारिक अखबार ने शी जिनपिंग की इस यात्रा को मिल का पत्थर बताया है।
वहीं, चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी आधिकारिक अखबार ने शी जिनपिंग की इस यात्रा को मिल का पत्थर बताया है।