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UN: 'अफगानिस्तान और पाकिस्तान में ISIS-K की बढ़ती दहशत ने बढ़ाई चिंता', संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का बयान
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क
Published by: पवन पांडेय
Updated Tue, 11 Feb 2025 10:48 AM IST
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सार
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने आईएसआईएस-खुरासान की बढ़ती ताकत को लेकर गहरी चिंता जताई है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के अलावा, यह संगठन अब यूरोप और अफ्रीका में भी अपने पैर पसार रहा है। अमेरिका ने कहा है कि, इसे रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर कड़े प्रतिबंध, आतंकियों की फंडिंग पर लगाम और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : X / @USUN
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विस्तार
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि आतंकवादी संगठन आईएसआईएस-खुरासान की हमले करने और नई भर्ती करने की क्षमता को लेकर वह गंभीर रूप से चिंतित है, खासकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जिस तरह से आतंकी समूह हमले की साजिश रचने और उन्हें अंजाम दे रहा है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन की कार्यवाहक राजदूत डोरोथी शिया ने 'आतंकवादी कृत्यों से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा' विषय पर अपनी प्रस्तुति के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करना अमेरिका की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है और इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) समेत अन्य आतंकवादी संगठनों को खत्म करने के लिए अमेरिका पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
ISIS-K की बढ़ती गतिविधियां
संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधी कार्यालय के प्रमुख व्लादिमीर वोरोंकोव ने इस बैठक में कहा कि आईएसआईएस-खुरासान अफगानिस्तान, मध्य एशिया और वैश्विक स्तर पर एक बड़ा खतरा बना हुआ है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस संगठन के समर्थक यूरोप में भी हमलों की साजिश रच रहे हैं और मध्य एशियाई देशों से नए आतंकियों की भर्ती कर रहे हैं।
भारत की आतंकवाद के खिलाफ पहल
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवाद निरोधी समिति (सीटीसी) की कार्यकारी निदेशक नतालिया गेरमैन ने इस मौके पर भारत की तरफ से 2021-22 में सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के दौरान उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत की अध्यक्षता में 'दिल्ली घोषणा' को अपनाया गया था, जिसमें आतंकवादी गतिविधियों के लिए नई और उभरती तकनीकों के उपयोग को रोकने पर जोर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस घोषणा के तहत अल्जीरिया गाइडिंग प्रिंसिपल्स को भी अपनाया गया है, जो आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में मदद करेंगे।
अफ्रीका में भी आतंक का खतरा बढ़ा
अमेरिका की राजदूत शिया ने कहा कि आईएसआईएस-सोमालिया, आईएसआईएस-साहेल और आईएसआईएस-पश्चिम अफ्रीका अब अफ्रीका में अस्थिरता का बड़ा कारण बन गए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों की बढ़ती ताकत को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग और कड़े प्रतिबंध जरूरी हैं। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आईएसआईएस और अल-कायदा से जुड़े आतंकियों और गुटों पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पैसा आतंकवाद की रीढ़ है, और इसे रोकना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
संयुक्त प्रयासों की जरूरत
संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी वोरोंकोव ने इस बैठक में कहा कि आतंकवाद का खतरा लगातार बढ़ रहा है और इसे अकेले किसी देश की तरफ से खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी कि आतंकवादी समूह लगातार अपनी रणनीतियों को बदल रहे हैं और दुनिया के लिए नए खतरे पैदा कर रहे हैं। इसलिए, लंबी अवधि की व्यापक रणनीति अपनाने और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है।

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ISIS-K की बढ़ती गतिविधियां
संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधी कार्यालय के प्रमुख व्लादिमीर वोरोंकोव ने इस बैठक में कहा कि आईएसआईएस-खुरासान अफगानिस्तान, मध्य एशिया और वैश्विक स्तर पर एक बड़ा खतरा बना हुआ है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस संगठन के समर्थक यूरोप में भी हमलों की साजिश रच रहे हैं और मध्य एशियाई देशों से नए आतंकियों की भर्ती कर रहे हैं।
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भारत की आतंकवाद के खिलाफ पहल
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवाद निरोधी समिति (सीटीसी) की कार्यकारी निदेशक नतालिया गेरमैन ने इस मौके पर भारत की तरफ से 2021-22 में सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के दौरान उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत की अध्यक्षता में 'दिल्ली घोषणा' को अपनाया गया था, जिसमें आतंकवादी गतिविधियों के लिए नई और उभरती तकनीकों के उपयोग को रोकने पर जोर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस घोषणा के तहत अल्जीरिया गाइडिंग प्रिंसिपल्स को भी अपनाया गया है, जो आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में मदद करेंगे।
अफ्रीका में भी आतंक का खतरा बढ़ा
अमेरिका की राजदूत शिया ने कहा कि आईएसआईएस-सोमालिया, आईएसआईएस-साहेल और आईएसआईएस-पश्चिम अफ्रीका अब अफ्रीका में अस्थिरता का बड़ा कारण बन गए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों की बढ़ती ताकत को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग और कड़े प्रतिबंध जरूरी हैं। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आईएसआईएस और अल-कायदा से जुड़े आतंकियों और गुटों पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पैसा आतंकवाद की रीढ़ है, और इसे रोकना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
संयुक्त प्रयासों की जरूरत
संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी वोरोंकोव ने इस बैठक में कहा कि आतंकवाद का खतरा लगातार बढ़ रहा है और इसे अकेले किसी देश की तरफ से खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी कि आतंकवादी समूह लगातार अपनी रणनीतियों को बदल रहे हैं और दुनिया के लिए नए खतरे पैदा कर रहे हैं। इसलिए, लंबी अवधि की व्यापक रणनीति अपनाने और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है।