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Trump Tariff: ट्रंप ने ईयू और मेक्सिको को दिया बड़ा झटका, 30% टैरिफ लगाने की घोषणा की; 1 अगस्त से होगा लागू
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ब्रिजवॉटर
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 12 Jul 2025 07:41 PM IST
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सार
डोनाल्ड ट्रंप की यह नई टैरिफ नीति एक बार फिर उन्हें अमेरिका फर्स्ट नीति के पैरोकार के रूप में स्थापित कर रही है। लेकिन इसका असर केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर नहीं, बल्कि पूरे वैश्विक व्यापार ढांचे पर पड़ेगा। आने वाले हफ्तों में इस पर ईयू और मैक्सिको की प्रतिक्रिया और संभावित जवाब पर सभी की नजरें रहेंगी।

डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी राष्ट्रपति
- फोटो : ANI
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विस्तार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा एलान करते हुए यूरोपीय संघ (ईयू) और मेक्सिको पर 30 प्रतिशत टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की घोषणा की है। यह शुल्क अगले महीने की पहली तारीख (1 अगस्त 2025) से लागू होगा। ट्रंप इस फैसले से अमेरिका के व्यापारिक संबंधों पर बड़ा असर पड़ सकता है क्योंकि ईयू और मेक्सिको अमेरिका के दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार माने जाते हैं। ट्रंप ने यह घोषणा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दो अलग-अलग चिट्ठियों के माध्यम से की – एक मैक्सिकन राष्ट्रपति को और दूसरी यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन को लिखी थी।
यह भी पढ़ें - Trump: व्यापार वार्ता में शामिल देशों को डोनाल्ड ट्रंप की सलाह, कहा- टैरिफ से बचने के लिए करते रहें कड़ी मेहनत
मैक्सिको के लिए ट्रंप की चिट्ठी
ट्रंप ने माना कि मैक्सिको ने अमेरिका में अवैध प्रवासियों और फेंटानिल जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने में कुछ हद तक मदद की है। लेकिन ट्रंप ने कहा कि मैक्सिको उत्तर अमेरिका को 'नार्को-ट्रैफिकिंग का प्लेग्राउंड' बनने से रोकने में नाकाम रहा है। इसलिए अब 30% टैरिफ लगाना जरूरी हो गया है।
यूरोपीय संघ के लिए ट्रंप की चिट्ठी
उन्होंने ईयू पर आरोप लगाया कि अमेरिका के साथ उनका व्यापार संतुलन पूरी तरह एकतरफा है और अमेरिका को नुकसान पहुंचा रहा है। ट्रंप ने कहा, 'हमारे पास वर्षों से बातचीत का समय था, लेकिन यूरोपीय संघ की टैरिफ और गैर-टैरिफ नीतियों ने व्यापार में असमानता को बढ़ाया है। अब समय आ गया है कि अमेरिका इन नीतियों से बाहर निकले।'
ट्रंप के फैसले का क्या है मतलब?
अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम को वैश्विक व्यापार व्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। अमेरिका समेत दुनियाभर के देश अब तक 'मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन)' सिद्धांत के तहत एक समान टैरिफ नीति अपनाते थे। यानी किसी एक देश से ज्यादा शुल्क नहीं लिया जा सकता जब तक सभी से समान व्यवहार हो। लेकिन ट्रंप इस परंपरा को तोड़ते हुए चुनिंदा देशों पर अलग-अलग टैरिफ लगा रहे हैं, चाहे वह मित्र देश हों या प्रतिद्वंद्वी।
यह भी पढ़ें - US Flood: टेक्सास में बाढ़ पीड़ितों से मिले ट्रंप, बोले- ऐसी तबाही पहले कभी नहीं देखी; FEMA पर साधी चुप्पी
अमेरिका ने अब तक कितने देशों पर टैरिफ लगाया गया है?
ट्रंप ने अब तक 24 देशों और 27-सदस्यीय यूरोपीय संघ पर टैरिफ की घोषणा की है। इसमें चीन, भारत, ब्राजील, वियतनाम, दक्षिण कोरिया जैसे प्रमुख देश भी शामिल हैं। ट्रंप का कहना है कि इन टैरिफ से अमेरिका की अर्थव्यवस्था को दोबारा मजबूत किया जा सकता है क्योंकि दशकों से अमेरिका को अन्य देशों की तरफ से लूटा गया है। ट्रंप मानते हैं कि पारस्परिक व्यापार की नीति अपनाकर ही अमेरिका अपने उद्योगों, किसानों और श्रमिकों की रक्षा कर सकता है।

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मैक्सिको के लिए ट्रंप की चिट्ठी
ट्रंप ने माना कि मैक्सिको ने अमेरिका में अवैध प्रवासियों और फेंटानिल जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने में कुछ हद तक मदद की है। लेकिन ट्रंप ने कहा कि मैक्सिको उत्तर अमेरिका को 'नार्को-ट्रैफिकिंग का प्लेग्राउंड' बनने से रोकने में नाकाम रहा है। इसलिए अब 30% टैरिफ लगाना जरूरी हो गया है।
यूरोपीय संघ के लिए ट्रंप की चिट्ठी
उन्होंने ईयू पर आरोप लगाया कि अमेरिका के साथ उनका व्यापार संतुलन पूरी तरह एकतरफा है और अमेरिका को नुकसान पहुंचा रहा है। ट्रंप ने कहा, 'हमारे पास वर्षों से बातचीत का समय था, लेकिन यूरोपीय संघ की टैरिफ और गैर-टैरिफ नीतियों ने व्यापार में असमानता को बढ़ाया है। अब समय आ गया है कि अमेरिका इन नीतियों से बाहर निकले।'
ट्रंप के फैसले का क्या है मतलब?
अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम को वैश्विक व्यापार व्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। अमेरिका समेत दुनियाभर के देश अब तक 'मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन)' सिद्धांत के तहत एक समान टैरिफ नीति अपनाते थे। यानी किसी एक देश से ज्यादा शुल्क नहीं लिया जा सकता जब तक सभी से समान व्यवहार हो। लेकिन ट्रंप इस परंपरा को तोड़ते हुए चुनिंदा देशों पर अलग-अलग टैरिफ लगा रहे हैं, चाहे वह मित्र देश हों या प्रतिद्वंद्वी।
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अमेरिका ने अब तक कितने देशों पर टैरिफ लगाया गया है?
ट्रंप ने अब तक 24 देशों और 27-सदस्यीय यूरोपीय संघ पर टैरिफ की घोषणा की है। इसमें चीन, भारत, ब्राजील, वियतनाम, दक्षिण कोरिया जैसे प्रमुख देश भी शामिल हैं। ट्रंप का कहना है कि इन टैरिफ से अमेरिका की अर्थव्यवस्था को दोबारा मजबूत किया जा सकता है क्योंकि दशकों से अमेरिका को अन्य देशों की तरफ से लूटा गया है। ट्रंप मानते हैं कि पारस्परिक व्यापार की नीति अपनाकर ही अमेरिका अपने उद्योगों, किसानों और श्रमिकों की रक्षा कर सकता है।
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