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Donald Trump: कनाडा से लेकर गाजा बंधकों की रिहाई तक, राष्ट्रपति पद की शपथ से पहले ट्रंप ने बताए अपने एजेंडे

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Wed, 08 Jan 2025 07:02 AM IST
सार

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले अपने एजेंडों के बारे में जानकारी दी है। शपथ ग्रहण के बाद उनका पूरा फोकस नाटो, इस्राइली बंधक, ग्रीनलैंड, पनामा नहर पर नियंत्रण और कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने पर रहेगा। 

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Donald Trump revealed his agenda before taking oath
डोनाल्ड ट्रंप, नवनिर्वाचित, अमेरिकी राष्ट्रपति - फोटो : अमर उजाला
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डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इससे पहले, उन्होंने मंगलवार को फ्लोरिडा स्थित अपने मार-ए-लागो आवास में पत्रकार वार्ता की, जिसमें उन्होंने नाटो, गाजा में इस्राइल बंधकों, ग्रीनलैंड को खरीदने और पनामा नहर पर नियंत्रण जैसे अपने एजेंडे बताए। उन्होंने एलन मस्क और कनाडा के 51वें अमेरिकी राज्य बनने की अटकलों पर भी अपने विचार रखे। जानें उनकी पत्रकार वार्ता की खास बातें

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कनाडा को लेकर बोले ट्रंप
कनाडा पर पूछे गए सवाल को लेकर ट्रंप ने कहा कि कनाडा को अमेरिका का राज्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहतर होगा। ट्रंप ने कहा कि कनाडा में मेरे बहुत सारे दोस्त हैं, मैं कनाडा के लोगों से प्यार करता हूं, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका अब कनाडा को आर्थिक रूप से समर्थन नहीं दे सकता है। उन्होंने कनाडा पर टैरिफ लगाने के संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि हम कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने के लिए आर्थिक बल का प्रयोग करेंगे। 
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ट्रंप ने हमास को दी चेतावनी
गाजा में इस्राइली बंधकों को लेकर ट्रंप ने हमास को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर मेरे पदभार ग्रहण करने से पहले इस्राइली बंधक वापस नहीं आए, तो मध्य पूर्व में सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह हमास के साथ ही किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा। 

मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर अमेरिका की खाड़ी कर दिया जाएगा
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक चौंकाने वाला एलान भी किया। उन्होंने कहा कि वह मैक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर अमेरिका की खाड़ी करने जा रहे हैं। यह कितना खूबसूरत नाम है। यह उचित भी है। हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं दी।

पनामा नहर-ग्रीनलैंड पर कब्जे की बात दोहराई
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर पनामा नहर, ग्रीनलैंड पर कब्जे की बात दोहराई है। उन्होंने कहा है कि वह इन दोनों क्षेत्रों पर नियंत्रण करने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने से इनकार नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि इन दोनों क्षेत्रों पर अमेरिकी नियंत्रण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पनामा नहर का संचालन चीन द्वारा किया जा रहा है, जबकि हमने नहर को पनामा को दिया था। उन्होंने इसका दुरुपयोग किया है। इसे कभी नहीं बनाया जाना चाहिए था। 

एलन मस्क के विवादास्पद बयानों पर नहीं दी जानकारी 
ट्रंप ने टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को सरकारी खर्च में कटौती के लिए गठित आयोग का सह-अध्यक्ष चुना है। मस्क ने हाल ही में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि स्टार्मर उन गिरोहों पर मुकदमा चलाने में नाकाम रहे हैं, जो युवा लड़कियों के साथ दुष्कर्म करते हैं। हालांकि, स्टार्मर ने इसके जवाब में कहा कि मस्क को इन घोटालों के बारे में कुछ नहीं पता है। मस्क ने दक्षिणपंथी पार्टी, अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) के प्रति भी समर्थन व्यक्त किया है। 

एलन मस्क द्वारा विदेशी मामलों पर दिए गए भड़काऊ बयानों के बारे में ट्रंप से सवाल किया गया, जिस पर ट्रंप ने कहा कि एलन अच्छा काम कर रहे हैं। वह बहुत होशियार हैं। ट्रंप मस्क के विवादास्पद बयानों के बारे में जानकारी देने से बचते दिखे। उन्होंने इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा। 

ट्रंप ने नाटो देशों पर रक्षा खर्च बढ़ाने का डाला दबाव
डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नाटो सदस्यों पर अपने रक्षा खर्च को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पांच फीसदी तक बढ़ाने का दबाव डाला। उन्होंने कहा कि नाटो देश इसे वहन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें दो फीसदी नहीं, बल्कि पांच फीसदी होना चाहिए। ट्रंप ने आगे कहा, 'यूरोप को हमारे पास मौजूद धन का बहुत छोटा हिस्सा ही मिलेगा। हमारे बीच एक महासागर है, हमें यूरोप की तुलना में अरबों-खरबों डॉलर अधिक धन क्यों खर्च करना चाहिए?'

बाइडन के पुराने फैसले भी बदलेंगे
प्रेस कांफ्रेस के दौरान उन्होंने वर्तमान राष्ट्रपति के कई फैसलों को बदलने के भी संकेत दिए। उन्होंने एलान किया कि पद ग्रहण करने के बाद वह गैस और तेल की समुद्र में ड्रिलिंग पर लगे प्रतिबंधों को वापस ले लेंगे। गौरतलब है कि जो बाइडन ने कई इलाकों के समुद्र में तेल और गैस ड्रिलिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने इसके पीछे अपने जलवायु एजेंडे को प्राथमिकता देना बताया था। वहीं, ट्रंप इसके खात्में की ओर अग्रसर हैं।

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