इंसानी जिद के कारण समुद्र से लेकर जंगल तक हो रहे बर्बाद, सबसे बड़ी मूंगा चट्टानों की हालत खस्ता
- ऑस्ट्रेलिया में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी मूंगा चट्टानें ग्रेट बैरियर रीफ खराब से अब बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई हैं
- समुद्र के बढ़ते तापमान को इसके लिए जिम्मेदार बताया है
- दुनिया के फेफड़े कहे जाने वाले अमेजन वर्षा वनों में लगी आग को बुझाने के तमाम प्रयास विफल होते दिख रहे हैं
- पिछले 48 घंटों में अमेजन के जंगलों में 2000 से अधिक आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं।
विस्तार
इंसान आगे बढ़ने की जिद में अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है, लेकिन उसे इसका अहसास नहीं हो रहा है। ग्लोबल वार्मिंग का असर दुनिया में दिख रहा है, इसके बावजूद बचाव के पुख्ता उपाय नहीं किए जा रहे हैं। आज समुद्र के बढ़ते तापमान के कारण दुनिया की सबसे बड़ी मूंगा चट्टानें ‘ग्रेट बैरियर रीफ’ खराब से अब बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई हैं। वहीं दुनिया के फेफड़े कहे जाने वाले अमेजन वर्षा वनों में लगी आग को बुझाने के तमाम प्रयास विफल होते दिख रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी मूंगा चट्टानें ग्रेट बैरियर रीफ खराब से अब बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई हैं। इनके प्रबंधन की जिम्मेदार आधिकारिक ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी ग्रेट बैरियर रीफ मरीन पार्क अथॉरिटी (जीपीआरएमपीए) ने एक रिपोर्ट में समुद्र के बढ़ते तापमान को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। एजेंसी के अनुसार, यदि जल्द से जल्द इसे बचाने के उपाय नहीं हुए तो भविष्य में क्वींसलैंड के कोरल सागर स्थित 2,300 किलोमीटर लंबी मूंगा की इन चट्टानों को संरक्षित रख पाना मुश्किल हो जाएगा। ग्रेट बैरियर रीफ यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र का शैक्षणिक, वैज्ञानिक व सांस्कृतिक संगठन) की वैश्विक धरोहरों की सूची में शामिल है।
अमेजन : 48 घंटों में 2000 आग की घटनाएं
वहीं दुनिया के फेफड़े कहे जाने वाले अमेजन वर्षा वनों में लगी आग को बुझाने के तमाम प्रयास विफल होते दिख रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा जंगलों में आग लगाने पर प्रतिबंध के बावजूद यहां आग लगने की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 48 घंटों में अमेजन के जंगलों में 2000 से अधिक आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं। राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के उपग्रह डेटा में आग की कुल 3,859 घटनाएं देखी गईं, जिनमें से 2000 से अधिक सिर्फ अमेजन क्षेत्र में थी। जनवरी से लेकर अगस्त तक ब्राजील के अमेजन जंगलों में ही कुल 88,816 आग की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
हालांकि, अमेजन वर्षावन में लगी आग को बुझाने के लिए ब्राजील एक शर्त पर विदेशी आर्थिक सहायता लेने के लिए तैयार हो गया है कि इस धन पर लातिन अमेरिकी देश का नियंत्रण होगा।
राष्ट्रपति जेयर बोल्सनारो के प्रवक्ता ओटावियो रिगो बरोज ने कहा, ब्राजील सरकार राष्ट्रपति के जरिए संगठनों और देशों से आर्थिक मदद लेने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, आवश्यक बिंदु यह है कि यह पैसा, ब्राजील में प्रवेश करने पर, ब्राजील के लोगों के नियंत्रण में होगा। गौरलतब है कि ब्राजील ने जी-7 देशों की ओर से की गई मदद की पेशकश ठुकरा दी थी।