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Russia: अमेरिका के तेल कंपनियों पर प्रतिबंध के बाद ईयू ने भी दिया पुतिन को झटका, छद्म तेल बेड़े पर लगाया बैन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ब्रुसेल्स Published by: नितिन गौतम Updated Thu, 23 Oct 2025 02:03 PM IST
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सार

रूस के छाया बेड़े में पुराने जहाज शामिल हैं, जिनमें से ज़्यादातर तेल टैंकर हैं। इनका इस्तेमाल रूस की सरकार पश्चिमी प्रतिबंधों से बचते हुए गुप्त तरीके से दुनिया भर में तेल निर्यात करने के लिए करती है।

EU agrees on new sanctions against Russia targeting its shadow oil fleet LNG imports after us
रूस के राष्ट्रपति पुतिन - फोटो : ANI
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विस्तार
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रूस पर यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए दबाव बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिका के ट्रंप प्रशासन द्वारा रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद यूरोपीय संघ ने भी रूस के छद्म तेल बेड़े पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही यूरोपीय संघ ने रूस से होने वाले एलएनजी आयात पर भी नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। गुरुवार को डेनमार्क के यूरोपीय संघ के अध्यक्ष और विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने नए प्रतिबंधों की घोषणा की।
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'यूक्रेन के लिए आज अच्छा दिन'
डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान रूस पर लगे प्रतिबंधों का एलान करते हुए कहा कि, 'आज यूरोप और यूक्रेन के लिए एक अच्छा दिन है।' 27 देशों वाले यूरोपीय संघ के भीतर रूसी राजनयिकों की आवाजाही को सीमित करने पर भी सम्मेलन में सहमति बनी। नए प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस के तेल उद्योग पर दबाव बनाना और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बातचीत की मेज पर लाना है। अमेरिका का मानना है कि रूस के तेल उद्योग ही यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को वित्तपोषण दे रहा है। यही वजह है कि अब अमेरिका और पश्चिम के देश रूस की इसी ताकत पर प्रहार कर रहे हैं। 
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रूस का छाया बेड़ा क्या है?
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन प्रतिबंधों के चलते रूस के लिए अंतरराष्ट्रीय शिपिंग नियमों के तहत अपना कच्चा तेल बेचना मुश्किल हो गया है। युद्ध के लिए धन जुटाने के लिए रूस का कच्चे तेल की बिक्री करना बेहद जरूरी है। ऐसे में नियमों का पालन किए बिना तेल बेचते रहने और पैसा कमाते रहने के लिए, रूस ने इस छाया बेड़े का निर्माण किया।

रूस के छाया बेड़े में पुराने जहाज शामिल हैं, जिनमें से ज़्यादातर तेल टैंकर हैं। इनका इस्तेमाल रूस की सरकार पश्चिमी प्रतिबंधों से बचते हुए गुप्त तरीके से दुनिया भर में तेल निर्यात करने के लिए करती है। ये जहाज अपनी गतिविधियों को छिपाते हैं, बार-बार झंडे बदलते हैं, और फर्जी नामों या मालिकों के नाम से काम करते हैं। इन्हें ही छाया बेड़ा कहा जाता है। इन्हें ट्रैक करना मुश्किल है क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय शिपिंग नियमों के बाहर होते हैं।

ये भी पढ़ें- Conflict: क्या रूस के परमाणु अभ्यास से भड़का अमेरिका? जानें रूसी तेल कंपनियों पर लगे प्रतिबंध के पीछे की कहानी

अमेरिका ने रूस की दो तेल कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
इससे पहले अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बुधवार को घोषणा की है कि अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल सहित दर्जनों सहायक कंपनियों पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। रोसनेफ्ट और लुकोइल के साथ-साथ दर्जनों सहायक कंपनियों पर प्रतिबंध का यह निर्णय महीनों से चल रहे दलीय दबाव के बाद लिया गया, जिसमें सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से रूस के तेल उद्योग को निशाना बनाने की मांग की थी।

ट्रंप-पुतिन की मुलाकात स्थगित होने के एलान के बाद हुआ सम्मेलन
यूरोपीय संघ ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर पहले ही 18 तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं। यूरोपीय संघ के नेताओं का शिखर सम्मेलन ट्रंप के उस बयान के बाद हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि पुतिन के साथ जल्द मुलाकात की उनकी योजना स्थगित कर दी गई है क्योंकि वह समय की बर्बादी नहीं करना चाहते। 


 
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