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UNHRC: मुंबई से पहलगाम हमले तक..., फैजा रिफत ने वैश्विक आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को दिया दो टूक संदेश
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जिनेवा।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 24 Sep 2025 02:49 PM IST
सार
UNHRC: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जयपुर की फैजा रिफत ने भारत की बहुलवाद और आतंकवाद के खिलाफ उसकी मजबूत प्रतिबद्धता को जोरदार ढंग से पेश किया। उन्होंने मुंबई और पहलगाम हमलों का जिक्र कर पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि ये आतंकी हमले केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमले हैं।
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फैजा रिफत
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 60वें सत्र में राजस्थान की फैजा रिफत ने जोरदार तरीके से भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत की अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। जिनेवा में मौजूद प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए रिफत ने कहा कि भारत का लोकतंत्र विविधता में एकता के सिद्धांत पर मजबूती से टिका है, जिसने एक ही देश में कई संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं को एक साथ फलने-फूलने का असवर दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हर व्यक्ति को विचार, विश्वास और अभिव्यक्ति की आजादी देता है, जिससे भारत वास्तव में बहुलवाद का जीवंत उदाहरण है।
रिफत ने भारत की सबको साथ लेकर चलने की परंपरा की सराहना की और आतंकवाद से पैदा हुई अस्थिरता और खतरों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने 2008 के मुंबई हमलों और हाल के पहलगाम हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं याद दिलाती हैं कि हिंसा किस तरह शांति को खत्म कर देती है, निर्दोष लोगों की जान लेती है और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने कहा, ये हमले केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमले हैं।
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उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद भारत की जनता की सहिष्णुता, मानवाधिकारों और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को लेकर प्रतिबद्धता बनी हुई है। उन्होंने संवाद और अहिंसक तरीकों से विवाद सुलझाने की भारती नीति को दोहराया और वैश्विक शांति की स्थापना में भारत की जिम्मेदार भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने पूरी दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर जवाब देने की अपील की। रिफत ने चेतावनी दी कि चरमपंथी हिंसा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है। उन्होंने कहा, हम केवल सहयोग, आपसी सम्मान और सामूहिक संकल्प के जरिए ही नफरत का सामना कर सकते हैं और अपने शाझा भविष्य की रक्षा कर सकते हैं। फैजा रिफत ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के अनुरूप शांति और मानव गरिमा की रक्षा के लिए दुनिया के अन्य देशों के साथ मिलकर काम करता रहेगा।
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रिफत ने भारत की सबको साथ लेकर चलने की परंपरा की सराहना की और आतंकवाद से पैदा हुई अस्थिरता और खतरों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने 2008 के मुंबई हमलों और हाल के पहलगाम हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं याद दिलाती हैं कि हिंसा किस तरह शांति को खत्म कर देती है, निर्दोष लोगों की जान लेती है और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने कहा, ये हमले केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमले हैं।
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उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद भारत की जनता की सहिष्णुता, मानवाधिकारों और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को लेकर प्रतिबद्धता बनी हुई है। उन्होंने संवाद और अहिंसक तरीकों से विवाद सुलझाने की भारती नीति को दोहराया और वैश्विक शांति की स्थापना में भारत की जिम्मेदार भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने पूरी दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर जवाब देने की अपील की। रिफत ने चेतावनी दी कि चरमपंथी हिंसा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है। उन्होंने कहा, हम केवल सहयोग, आपसी सम्मान और सामूहिक संकल्प के जरिए ही नफरत का सामना कर सकते हैं और अपने शाझा भविष्य की रक्षा कर सकते हैं। फैजा रिफत ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के अनुरूप शांति और मानव गरिमा की रक्षा के लिए दुनिया के अन्य देशों के साथ मिलकर काम करता रहेगा।