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Tariffs: फिर सामने आया अमेरिका का दोहरा चरित्र, जी-7 और ईयू से भारत और चीन पर भारी टैरिफ लगाने को कहा
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: राहुल कुमार
Updated Fri, 12 Sep 2025 09:06 PM IST
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अमेरिका-चीन,भारत
- फोटो : अमर उजाला
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अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने जी-7 और यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देशों से आग्रह किया है कि वे भारत और चीन पर भारी टैरिफ लगाएं, ताकि इन दोनों देशों को रूसी तेल की खरीदारी से रोका जा सके। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने यूक्रेन में युद्ध खत्म कराने के लिए रूस पर दबाव बढ़ाने के प्रयासों पर चर्चा के लिए जी-7 के वित्त मंत्रियों की बैठक भी बुलाई है।

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अमेरिकी वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन और भारत की ओर से रूसी तेल की खरीद पुतिन की युद्ध मशीन को वित्तपोषित कर रही है यूक्रेनी लोगों की हत्या को बढ़ा रही है। प्रवक्ता ने कहा कि इस सप्ताह के आरंभ में, हमने अपने यूरोपीय संघ के सहयोगियों को यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर वह अपने यहां युद्ध समाप्त करने के बारे में गंभीर हैं, तो उन्हें हमारे साथ मिलकर सार्थक टैरिफ लगाने होंगे। इस टैरिफ को युद्ध समाप्त होने के दिन ही वापस ले लिया जाएगा। राष्ट्रपति ट्रम्प का प्रशासन तैयार है और हमारे जी-7 साझेदारों को हमारे साथ कदम बढ़ाने की जरूरत है।
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इससे पहले बुधवार को एक अमेरिकी अधिकारी और यूरोपीय संघ के एक राजनयिक ने कहा था कि ट्रंप ने कॉन्फ्रेस कॉल के जरिये यूरोपीय संघ के दूत डेविड ओ सुलविन से बात की है। उन्होंने रूस पर दबाव बनाने के लिए चीन और भारत पर टैरिफ लगाने का अनुरोध किया था। यूरोपीय संघ के राजनयिक ने कहा था कि अमेरिका ने संकेत दिया है कि यदि यूरोपीय संघ अमेरिका के अनुरोध पर ध्यान दे तो वह भी इसी प्रकार का शुल्क लगाने को तैयार है। मगर अमेरिका को यूरोपीय संघ के साथ मिलकर यह करना होगा।
इस बीच दिल्ली में शुक्रवार को ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसीएमए) को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि इस तरह का समझौता एकतरफा नहीं हो सकता, क्योंकि हर बातचीत में निष्पक्षता और संतुलन सुनिश्चित करने के लिए कुछ हद तक लेन-देन शामिल होता है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित समझौते पर यूरोपीय संघ के व्यापार आयुक्त मारोस सेफकोविक के साथ उनकी लंबी और जटिल बातचीत हुई है। मारोस एक सख्त वार्ताकार हैं और उनसे किसी भी बात को मनवाना बहुत मुश्किल है।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच इस समझौते को लेकर 8-12 सितंबर तक दिल्ली में 13वें दौर की बातचीत हुई। सेफकोविक और यूरोपीय आयोग के कृषि आयुक्त क्रिस्टोफ हैनसेन, गोयल के साथ बातचीत की प्रगति की समीक्षा करने के लिए आए हैं। दोनों पक्षों ने दिसंबर तक बातचीत पूरी करने का लक्ष्य रखा है।