Gaza: हमले में घायल बच्चों को गाजा से लाया जाएगा ब्रिटेन, लैमी ने इस्राइल पर लगाया भुखमरी फैलाने का आरोप
गाजा में जारी भीषण संघर्ष और भुखमरी के बीच ब्रिटेन ने गंभीर रूप से घायल बच्चों को इलाज के लिए यूके लाने की घोषणा की है। विदेश मंत्री डेविड लैमी ने इस्राइल पर मदद रोकने का आरोप लगाते हुए इसे मानव निर्मित अकाल बताया। इसके साथ ही ब्रिटेन ने 20 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त मेडिकल सहायता देने और युद्धविराम की मांग की है।

विस्तार
आज से लगभग 22 महीने पहले इस्राइल पर हमास के हमले के साथ शुरू हुआ इस्राइल और हमास संघर्ष अब एक बड़ा और भयावह रूप ले चुका है। जैसे-जैसे ये संघर्ष बड़ा होता गया गाजा को लोगों के सामने दो बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। सबसे बड़ी चुनौती इस्राइली सैनिकों का सैन्य अभियान और गोलीबारी तो दूसरी बड़ी चुनौती वहां भुखमरी की स्थिति का उत्पन्न होना बन गया। ऐसे में अब इस मामले में ब्रिटेन ने एक बड़ा कदम उठाया है। ब्रिटेन ने गाजा में जख्मी और गंभीर रूप से बीमार बच्चों को इलाज के लिए यूके लाने की तैयारी शुरू कर दी है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने सोमवार को संसद में जानकारी दी कि पहले बच्चे कुछ हफ्तों में ब्रिटेन पहुंच जाएंगे।

लैमी ने इस्राइल पर लगाया गंभीर आरोप
हालांकि ब्रिटेन के विदेश मंत्री लैमी ने इस्राइल पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी नाराजगी भी व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि इस्राइल गाजा में पर्याप्त मदद नहीं पहुंचने दे रहा। उन्होंने कहा कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि 21वीं सदी का एक मानव निर्मित अकाल है। साथ ही उन्होंने गाजा में तत्काल सीजफायर (युद्धविराम) की मांग दोहराई।
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20 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त मदद
ब्रिटेन ने गाजा और आसपास के क्षेत्रों में चिकित्सा सहायता के लिए 20 मिलियन डॉलर (लगभग 165 करोड़ रुपये) की अतिरिक्त मदद देने का एलान किया है। लैमी ने कहा कि अब भारी मानवीय प्रयास की जरूरत है ताकि और अधिक फलस्तीनियों की जान भूख और इलाज की कमी से न जाए।
गाजा के छात्र भी आएंगे यूके
इतना ही नहीं ब्रिटिश अधिकारियों ने बताया कि वे गाजा के उन छात्रों की मदद कर रहे हैं जिन्हें यूके की यूनिवर्सिटीज में स्कॉलरशिप मिली है, ताकि वे इस साल पढ़ाई शुरू कर सकें। चेवनिंग स्कॉलरशिप पाने वाले नौ छात्रों की निकासी की तैयारी हो रही है। हालांकि, दर्जनों अन्य छात्र अब भी अनिश्चितता में हैं। मामले में गृह मंत्री यवेट कूपर ने कहा कि इन छात्रों और उनके परिवार के सदस्यों के वीजा को तेजी से मंज़ूरी दी जा रही है। सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से निकासी प्रक्रिया की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। स्थिति बेहद संवेदनशील और जटिल है।
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ब्रिटेन के अलावा अन्य देश भी मदद के लिए आ रहे आगे
गौरतलब है कि ब्रिटेन के अलावा इटली जैसे अन्य यूरोपीय देश भी गाजा से बीमार बच्चों और छात्रों को निकाल रहे हैं। ब्रिटेन, एक चैरिटी के जरिए गाजा में फील्ड हॉस्पिटल्स को फंड देता है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर मिस्र में इलाज करा रहे गाजा के 8,000 से ज्यादा लोगों की मदद कर रहा है।
गाजा की ओर जा रहा बेड़ा तूफान में देरी के बाद दूसरी बार बार्सिलोना से रवाना हुआ
गाजा के लिए कार्यकर्ताओं और मानवीय सहायता ले जाने वाला एक बेड़ा सोमवार को दूसरी बार बार्सिलोना के बंदरगाह से रवाना हुआ। खराब मौसम के कारण जहाजों को एक दिन पहले ही वापस लौटना पड़ा था। ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला रविवार को बड़े धूमधाम से रवाना हुआ था, लेकिन स्पेन के कुछ हिस्सों में रात भर आए तूफ़ान के बाद कुछ घंटों बाद ही वापस लौट आया। आयोजकों ने बताया कि 56 किलोमीटर प्रति घंटे (35 मील प्रति घंटे) से ज़्यादा की रफ़्तार वाली हवाओं के कारण, मिशन में शामिल कुछ छोटी नावें खतरे में पड़ सकती थीं।
हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि सोमवार को कितनी नावें रवाना हुईं। आयोजकों ने पहले बताया था कि लगभग 20 नावें थीं जिनमें 44 देशों के प्रतिभागी शामिल थे। इस हफ़्ते के अंत में भूमध्य सागर के पार से दर्जनों और नावें इस बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है, जिससे यह फ़िलिस्तीनी क्षेत्र पर इज़राइली नाकाबंदी को तोड़ने का अब तक का सबसे बड़ा समुद्री प्रयास बन जाएगा।