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Germany: ट्रंप पर टिप्पणी मामले में जर्मन कॉमेडियन बरी, जज बोलीं- यह एक व्यंग्य था, न कि हिंसा के लिए उकसावा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बर्लिन Published by: पवन पांडेय Updated Wed, 23 Jul 2025 05:26 PM IST
सार

German Court Acquits Satirist: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर चुनाव प्रचार के दौरान हुए हमले को लेकर तंज करने वाले जर्मन कॉमेडियन को स्थानीय अदालत ने बरी कर दिया है। मामले में जज एंड्रिया विल्म्स ने कहा- यह एक व्यंग्य था, न कि हिंसा के लिए उकसावा था।

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German court acquits satirist over social media post following Trump assassination attempt
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI
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विस्तार
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जर्मनी की एक अदालत ने बुधवार को एक लोकप्रिय व्यंग्यकार सेबेस्टियन होट्ज को बरी कर दिया, जिन पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले को लेकर सोशल मीडिया पर समर्थन जताने का आरोप था।
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क्या था मामला?
29 वर्षीय सेबेस्टियन होट्ज, जो सोशल मीडिया पर 'एल होट्जो' नाम से जाने जाते हैं, ने जुलाई 2023 में एक्स पर एक पोस्ट किया था। उस समय अमेरिका में चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर पेंसिल्वेनिया के बटलर में गोलीबारी हुई थी, जिसमें ट्रंप के कान पर गोली छू गई थी और एक समर्थक की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद होट्ज ने ट्रंप की तुलना 'आखिरी बस' से करते हुए लिखा, 'अफसोस, बस छूट गई।' इसके बाद एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'मुझे यह बेहद शानदार लगता है जब फासीवादी मरते हैं।' हालांकि उन्होंने ये पोस्ट जल्द ही हटा दी थी।
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अभियोजन पक्ष ने क्या लगाया आरोप?
जर्मन अभियोजकों ने इन पोस्ट्स को 'हेट क्राइम' यानी घृणा फैलाने वाला अपराध बताया और होट्ज पर 6,000 यूरो (करीब 7,000 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाने की मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि होट्ज के एक्स पर 7.4 लाख फॉलोअर्स हैं और इस तरह की बातें सार्वजनिक शांति भंग कर सकती हैं।

सेबेस्टियन होट्ज ने क्या दी दलील?
सेबेस्टियन होट्ज ने अदालत में कहा कि वे एक व्यंग्यकार हैं और शब्दों के साथ खेलना उनका काम है। उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों को मजाक के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि गंभीर राजनीतिक बयान के रूप में।

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मामले में अदालत का फैसला
बर्लिन की टियरगार्टन जिला अदालत की जज आंद्रेया विल्म्स ने अपने फैसले में कहा कि होट्ज की टिप्पणियां व्यंग्य की श्रेणी में आती हैं और उन्हें दंडनीय नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि भले ही यह टिप्पणी अच्छी न हो, लेकिन इससे किसी को हिंसा के लिए प्रेरित नहीं किया जा सकता है।

पत्रकार संगठनों की प्रतिक्रिया
जर्मन पत्रकार संघ ने भी इस मुकदमे की आलोचना की और कहा कि इसे "जरूरत से ज्यादा सख्ती" से लिया गया। उन्होंने कहा कि व्यंग्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में उदारता से समझा जाना चाहिए। हालांकि, रिपोर्ट में बताया गया कि सार्वजनिक प्रसारणकर्ता आरबीबी ने पहले ही होट्ज के साथ अपने संबंध खत्म कर दिए थे।
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