हांगकांग: रैलियों के विरुद्ध चीन ने झोंक दी पूरी ताकत, कहा- अंदरुनी मामलों में दखल न करें अन्य देश
- हांगकांग में पिछले 10 हफ्ते से लगातार हो रहा प्रत्यर्पण बिल का विरोध
- ट्रंप ने कहा था-लोकतंत्र समर्थकों पर हिंसक प्रतिक्रिया नहीं होनी चाहिए
- अमेरिकी प्रतिक्रिया के बाद चीन ने कहा था- हम तमाशा नहीं देखेंगे

विस्तार
हांगकांग में सप्ताह के अंत में प्रदर्शनकारियों की कई रैलियों को देखते हुए चीन ने यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। चीन ने यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए देश के अर्धसैनिक व सशस्त्र पुलिस बल को लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हांगकांग के शेन्जेन में एक खेल परिसर के भीतर तैनात कर दिया है। बल ने भीड़ नियंत्रण रणनीति बनाई और अभ्यास किया।

स्टेडियम के सुरक्षा गार्ड ने बताया कि स्पष्ट नहीं है कि अर्धसैनिक पुलिस अपनी ताकत का इस्तेमाल कैसे करेंगे। चीनी सरकारी मीडिया ने केवल इतना कहा कि शेन्जेन अभ्यास की योजना पहले बनाई गई थी और यह हांगकांग में फैली अशांति से संबंधित नहीं है।
हालांकि पुलिस बल, बीजिंग में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में ‘आतंकवाद के पनपने’ के तुरंत बाद यहां आए थे। पुलिस को कुछ दूरी पर ढाल, डंडे और अन्य दंगा-नियंत्रण उपकरणों का उपयोग करते हुए अभ्यास करते देखा जा सकता है।
सरकार के प्रवक्ता स्टीफन सीबेरट ने ब्रिटेन और अमेरिका को एक बार फिर चेताया है कि हांगकांग की गतिविधियां उसका आंतरिक मामला है और इसमें विदेशी ताकतों को दखल नहीं देना चाहिए। इससे पहले शुक्रवार को ट्रंप के हांगकांग मामले पर चिंता जताने संबंधी बयान पर चीन ने परोक्ष धमकी देते हुए कहा था कि हम बैठकर तमाशा नहीं देखेंगे।
शिक्षकों ने किया प्रदर्शन का एलान
हांगकांग के एक हजार से अधिक स्कूल शिक्षकों ने शनिवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों का एलान किया है जो एक सप्ताह तक चलेंगे। हालांकि कुछ प्रदर्शनकारियों को डर था कि पुलिस उनके खिलाफ सड़कों पर कठिन रणनीति अपना सकती हैं। शिक्षकों ने गत सप्ताह भी पुलिस के प्रति आक्रोश दिखाया था।
एक स्थानीय माध्यमिक विद्यालय में संगीत शिक्षिका यू ने कहा कि वह छात्रों के विरोध का समर्थन करती है। हालांकि वह फिर भी उनके द्वारा उठाए गए सभी कार्यों से सहमत नहीं थी। उन्होंने कहा कि मैं उनके साहस की सराहना करती हूं और हांगकांग के बारे में परवाह करती हूं।
हिंसक प्रदर्शनकारियों ने कार्यालयों को बनाया निशाना
मंगलवार को, प्रदर्शनकारियों ने यात्रियों को शहर के हवाई अड्डे पर विमान में चढ़ने से रोका और बाद में दो लोगों पर चीनी जासूस होने का आरोप लगाते हुए उन पर हमला किया। कुछ हिंसक प्रदर्शनकारियों ने स्टैच्यूली प्रो-बीजिंग फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स के स्थानीय कार्यालयों को निशाना बनाते हुए उस पर अंडे और बजरी फेंकें।
25 वर्षीय मार्स नामक एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि ‘सरकार ने अभी तक एक भी मांग का जवाब नहीं दिया है और लोगों की आवाज को दबाने के लिए पुलिस से डराने का प्रयास कर रही है।’ उन्होंने कहा कि ‘अगर हम बाहर नहीं आए तो हमारा भविष्य, हमारी अगली पीढ़ी और भी अधिक दमन का सामना करेगी।’
10 हफ्तों के प्रदर्शनों ने अंतरराष्ट्रीय वित्त केंद्र को संकट में डाल दिया है। कम्युनिस्ट शासित चीन ने तेजी से कठोर रवैया अपनाते हुए अधिक हिंसक प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों को ‘आतंकवादी जैसा’ करार दिया है।