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Jaishankar: 'अन्य देश हमारी जगह होते तो क्या करते?' जयशंकर का सवाल; 'अभिव्यक्ति की आजादी' पर कनाडा को खरी-खरी
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Sat, 30 Sep 2023 07:17 AM IST
सार
उन्होंने पूछा कि अगर अन्य देश भारत की स्थिति में होते, उनके राजनयिकों, दूतावासों और नागरिकों को धमकी मिलती और उनकी सुरक्षा पर संकट के बादल मंडराते तो वे क्या करते?
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S Jaishankar
- फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
भारत को अभिव्यक्ति की आजादी की अवधारणा पर दूसरों से सबक लेने की जरूरत नहीं है। यह कहना है विदेश मंत्री एस. जयशंकर का। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा को लेकर कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल हिंसा भड़काने के लिए नहीं होना चाहिए।
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बीते दिन यानी शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी पक्ष ने इस मुद्दे पर अपने आकलन साझा किए और मैंने अमेरिकियों को भारत की चिंताओं के बारे में बताया। मैंने कनाडाई लोगों को लेकर भी बात की। हम एक लोकतंत्र हैं। हमें अन्य लोगों से यह सीखने की जरूरत नहीं है कि बोलने की आजादी क्या होती है? लेकिन हम लोगों को यह बता सकते हैं कि हमें नहीं लगता कि बोलने की आजादी हिंसा को उकसाने वाली हो सकती है। हमारे लिए यह आजादी का दुरुपयोग है, आजादी की रक्षा नहीं।
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उन्होंने पूछा कि अगर अन्य देश भारत की स्थिति में होते, उनके राजनयिकों, दूतावासों और नागरिकों को धमकी मिलती और उनकी सुरक्षा पर संकट के बादल मंडराते तो वे क्या करते? उन्होंने पूछा कि अगर आप मेरी जगह होते तो आपकी क्या कहते और करते? यदि यह आपके राजनयिक, आपका दूतावास, आपके लोग होते तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होती?
कनाडा को नसीहत भी दी
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और कनाडा की सरकारों को एक-दूसरे से बात करनी होगी और देखना होगा कि वे एक खालिस्तानी आतंकी की मौत पर अपने मतभेदों को कैसे सुलझाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनुमोदन के बड़े मुद्दे को चिह्नित किया जाना चाहिए और उन पर चर्चा की जानी चाहिए।
भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले पर कही यह बात
इस साल जुलाई में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान उठाया गया था और उन्होंने इसे एक सतत चर्चा बताया। हमारे रिश्तों के कई आयाम हैं और कई सहयोग के क्षेत्र। जब हम दुनिया को देखते हैं तो ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हमारा एक ओर झुकाव रहता है और हितों के मामलों में जुड़ाव भी। ऐसे में इन क्षेत्रों में हम बहुत करीब से एक साथ काम करते हैं। हम वह सब कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि देखिए, मैं निष्पक्ष रहना चाहता हूं। अगर किसी बात पर चर्चा होती है, तो मैं उसके बारे में पारदर्शी हूं। मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि हां, हमने इस पर चर्चा की। मैं नहीं चाहता कि आप भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में ऐसा सोचें। यह केवल एक मुद्दा है। मैं कहूंगा कि हां, यह एक सतत बातचीत है।
सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाया था
इस साल जुलाई में खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने कथित तौर पर सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाया था। उन्होंने मिशन को आग के हवाले करने की कोशिश की थी। गनीमत रही कि कोई बड़ी क्षति नहीं हुई थी। इस दौरान कोई घायल भी नहीं हुआ था। पुलिस घटना की जांच कर रही है। घटना के बाद अमेरिका ने इसकी कड़ी निंदा की थी।
जयशंकर ने अमेरिका के रक्षा मंत्री ऑस्टिन और वाणिज्य मंत्री रैमंडो से मुलाकात की
इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की। इस दौरान रक्षा सामग्री के सह-उत्पादन समेत द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करने सहित कई मुद्दों पर उनसे सार्थक चर्चा हुई। जयशंकर ने अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रैमंडो से भी मुलाकात की। जयशंकर ने वाणिज्य मंत्री से मुलाकात में इस साल तकनीकी भागीदारी और आर्थिक साझेदारी में अहम प्रगति की सराहना की।