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Uyghur Muslims: UN में चीन के खिलाफ मतदान करने की अपील, ह्यूमन राइट्स वॉच के निदेशक ने खोला मोर्चा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग Published by: ज्योति भास्कर Updated Wed, 04 Oct 2023 04:11 PM IST
सार

चीन मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर आलोचकों के निशाने पर है। एक बड़े चीनी पदाधिकारी ने कहा, केवल संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) की सदस्यता पाने का मकसद हासिल करने लिए संयुक्त राष्ट्र में चीन का समर्थन करना ठीक नहीं।

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Human Rights Watch China Uyghur Muslims not vote for china
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI
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विस्तार
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उइगर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और मीडिया की स्वतंत्रता कुचलने को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चीन की तीखी आलोचना की है। चीन में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए ह्यूमन राइट्स वॉच चाइना के निदेशक सोफी रिचर्डसन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को चीन के खिलाफ वोट करना चाहिए। उन्होंने अपनी अपील में कहा कि सदस्यता पाने के लिए बिना कुछ सोचे चीन का समर्थन करने से पहले यूएन के सदस्य देशों को विचार करना चाहिए। सभी देशों को चीन के खिलाफ वोट करना चाहिए।
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चीन प्रताड़ित करने के लिए क्या करता है?
रिचर्डसन ने चीन के दमनकारी बर्ताव को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि बीजिंग में खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड का मुद्दा उठाने वाले लोगों को सरकार विरोधी मानकर उनका गला घोंटने की इच्छा बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि चीन पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को विदेशों में मनमाने ढंग से हिरासत में रखने की तक में होता है। मानवाधिकार की बात करने वाले कार्यकर्ताओं को घर पर जबरदस्ती रखे जाने की कोशिशों के अलावा उन्हें गायब करने और परेशान करने जैसी हरकतें भी होती हैं।
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क्या हासिल करने की ताक में है चीन?
एक रिपोर्ट के अनुसार चीन हांगकांग, तिब्बत और शिनजियांग में मानवाधिकार अपराधों को दबाने का प्रयास कर रहा है। चीन ने अपराधों की लंबी सूची को उजागर करने वाली सार्वजनिक गतिविधियों का बहिष्कार करने का आदेश दिया है। खबरों के अनुसार, चीन संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार निकाय- यूएन मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में फिर से जगह बनाने के प्रयास कर रहा है।

चीन शिनजियांग के मामले में यूएन सदस्यों से क्या बोला?
सितंबर में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक उच्च-स्तरीय बैठक हुई थी। इस सत्र के दौरान चीन के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने यूएन के सभी सदस्य देशों को अटलांटिक काउंसिल, ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल के इवेंट से दूर रहने को कहा था। चीन ने सभी देशों से शिनजियांग पर आयोजित एक साइड इवेंट के संदर्भ में "अपने मिशन को भाग न लेने का दृढ़ निर्देश" देने को कहा था।

चीन में निशाने पर उइगर और अन्य तुर्क मुसलमान
ह्यूमन राइट्स वॉच चाइना के निदेशक ने बताया, चीन की अपील बेअसर हो गई जब यूएन के सदस्य देशों ने चीन के अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया। सैकड़ों की संख्या में दर्शक शिनजियांग पर आयोजित इवेंट में पहुंचे। इसमें चीनी सरकार की तरफ से मानवाधिकारों का उल्लंघन, उइगर और अन्य तुर्क मुसलमानों को निशाना बनाने वाले अपराधों पर चर्चा हुई। चीन में फंसे पीड़ितों को मुक्त कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र क्या एक्शन ले सकता है, इसके संभावित उपायों पर भी चर्चा हुई।

हॉन्ग-कॉन्ग में भी छिन रही मीडिया की आजादी?
इन सबके बीच जेनेवा में चीन के यूएन मिशन की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को पत्र  लिखा गया। इसमें अपील की गई है कि मानवाधिकार आयोग के साथ आयोजित समारोह में किसी भी तरह शामिल न हों। चीन ने कहा है कि वह मीडिया की स्वतंत्रता को कुचल रही हॉन्ग-कॉन्ग की सरकार के कारनामों को भी उजागर करेगा।

चीन में अत्याचार के बारे में लोगों की जिज्ञासा
एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने जिस कार्यक्रम का जिक्र किया है उसमें राजदूत, पत्रकार और समाज के प्रबुद्ध लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। बड़ी संख्या में लोग जानना चााहते थे कि चीन में किस पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में 10 अक्टूबर को होना है चुनाव
ह्यूमन राइट्स वॉच चाइना के निदेशक सोफी रिचर्डसन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की सदस्यता के लिए 10 अक्टूबर को चुनाव होना है। बीजिंग की तरफ से अपराधों पर पर्दा डालने का हरसंभव प्रयास हो रहा है। चीन संयुक्त राष्ट्र चार्टर के "घोर उल्लंघन" का आरोप भी लगा रहा है।

सदस्य देशों के रूख पर रहेंगी नजरें
रिचर्डसन के अनुसार, सतही तौर पर ऐसा लगता है कि 10 अक्टूबर का चुनाव  ठीक वैसा ही है जिसे बीजिंग पसंद करता है। एशिया में चार सीटों के लिए चार उम्मीदवार हैं। ऐसी हालात में देशों के सामने कोई वास्तविक विकल्प नहीं होता। अब देखना रोचक होगा कि मानवाधिकार परिषद की सदस्यता के लिए 10 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में होने वाले चुनाव में सदस्य देशों का रूख क्या होता है। 
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