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SCO: अगले हफ्ते चीन के दौरे पर जाएंगे विदेश मंत्री एस. जयशंकर, एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में करेंगे शिरकत
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 12 Jul 2025 04:39 PM IST
सार
भारत और चीन के बीच रिश्ते भले ही सामान्य हैं, लेकिन एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा न होने से तनाव थोड़ा बढ़ गया है। क्योंकि भारत ने इस दौरान साझा-घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। वहीं अब विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले हफ्ते चीन में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत करने वाले हैं। जिस पर सभी की निगाहें टिकी है।
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चीन के दौरे पर जाएंगे विदेश मंत्री एस. जयशंकर
- फोटो : PTI
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विस्तार
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अगले हफ्ते चीन के तिआनजिन शहर में आयोजित होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन जाएंगे। इस बारे में चीनी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी। यह बैठक 15 जुलाई को तियानजिन में होगी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि एससीओ बैठक में भाग लेने के अलावा जयशंकर चीन की आधिकारिक यात्रा पर भी रहेंगे।
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ये देश हैं एससीओ के सदस्य
एससीओ में भारत, चीन, रूस, ईरान, पाकिस्तान, बेलारूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इस बैठक में सदस्य देशों के विदेश मंत्री और एससीओ के स्थायी निकायों के प्रमुख भाग लेंगे। वे क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के साथ-साथ संगठन के सहयोग से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे।
चीनी विदेश मंत्री से भी मिलेंगे जयशंकर
खबरों के अनुसार, जयशंकर 13 जुलाई को बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मिलेंगे। यह दौरा भारत-चीन के संबंधों में 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हुए सैन्य टकराव के बाद जयशंकर की पहली चीन यात्रा होगी। गौरतलब है कि हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी चीन की यात्रा पर जा चुके हैं। अब जयशंकर की यात्रा को दोनों देशों के बीच सामान्य संबंध बहाल करने की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है।
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कई अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की उम्मीद
जयशंकर की चीन यात्रा के दौरान, भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद, दुर्लभ खनिजों (रेयर अर्थ मेटल्स) के निर्यात पर चीनी रोक, और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक, इसी महीने चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी भारत आ सकते हैं। वे एनएसए डोभाल से सीमा विवाद पर 'स्पेशल रिप्रजेंटेटिव' वार्ता के तहत बातचीत कर सकते हैं। अब तक इस वार्ता प्रक्रिया के तहत दोनों देशों के बीच 23 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
26 जून दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने की थी बैठक
राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री जनरल डोंग जून के बीच 26 जून को हुई मुलाकात में भी सीमा पर शांति बनाए रखने और विश्वास बहाली के लिए जमीनी स्तर पर कदम उठाने की बात कही गई थी। बता दें कि 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत-चीन संबंधों में भारी तनाव आया था। हालांकि अक्तूबर 2023 में रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात में कई संवाद प्रक्रिया फिर से शुरू करने पर सहमति बनी थी।
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ये देश हैं एससीओ के सदस्य
एससीओ में भारत, चीन, रूस, ईरान, पाकिस्तान, बेलारूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इस बैठक में सदस्य देशों के विदेश मंत्री और एससीओ के स्थायी निकायों के प्रमुख भाग लेंगे। वे क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के साथ-साथ संगठन के सहयोग से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे।
चीनी विदेश मंत्री से भी मिलेंगे जयशंकर
खबरों के अनुसार, जयशंकर 13 जुलाई को बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मिलेंगे। यह दौरा भारत-चीन के संबंधों में 2020 में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हुए सैन्य टकराव के बाद जयशंकर की पहली चीन यात्रा होगी। गौरतलब है कि हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल भी चीन की यात्रा पर जा चुके हैं। अब जयशंकर की यात्रा को दोनों देशों के बीच सामान्य संबंध बहाल करने की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है।
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कई अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की उम्मीद
जयशंकर की चीन यात्रा के दौरान, भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद, दुर्लभ खनिजों (रेयर अर्थ मेटल्स) के निर्यात पर चीनी रोक, और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक, इसी महीने चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी भारत आ सकते हैं। वे एनएसए डोभाल से सीमा विवाद पर 'स्पेशल रिप्रजेंटेटिव' वार्ता के तहत बातचीत कर सकते हैं। अब तक इस वार्ता प्रक्रिया के तहत दोनों देशों के बीच 23 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
26 जून दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने की थी बैठक
राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री जनरल डोंग जून के बीच 26 जून को हुई मुलाकात में भी सीमा पर शांति बनाए रखने और विश्वास बहाली के लिए जमीनी स्तर पर कदम उठाने की बात कही गई थी। बता दें कि 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत-चीन संबंधों में भारी तनाव आया था। हालांकि अक्तूबर 2023 में रूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात में कई संवाद प्रक्रिया फिर से शुरू करने पर सहमति बनी थी।
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