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India-China Ties: कोलकाता के बाद अब दिल्ली से शंघाई की उड़ानें फिर होंगी शुरू, रिश्तों में सुधार के संकेत
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Sat, 08 Nov 2025 09:37 PM IST
सार
भारत और चीन के बीच पांच साल बाद हवाई सेवा फिर शुरू होने जा रही है। चाइना ईस्टर्न एयरलाइन रविवार से दिल्ली-शंघाई उड़ान शुरू करेगी। यह उड़ानें एक दिन छोड़कर चलेंगी। कोविड और सीमा विवाद के कारण बंद हुई सेवाओं की बहाली दोनों देशों के रिश्तों में सुधार का संकेत है।
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चीन के विदेश मंत्री वांग यी।
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारत और चीन के बीच पांच साल बाद हवाई संपर्क फिर से बहाल होने जा रहा है। चीनी एयरलाइन चाइना ईस्टर्न रविवार से दिल्ली से शंघाई के लिए सीधी उड़ान शुरू करेगी। हाल ही में इंडिगो ने कोलकाता से ग्वांगझू के लिए अपनी उड़ान शुरू की थी। कोविड-19 महामारी और लद्दाख सीमा विवाद के चलते दोनों देशों के बीच हवाई सेवाएं 2020 से ठप थीं। अब यह कदम दोनों देशों के रिश्तों में नई नरमी का संकेत माना जा रहा है।
नई दिल्ली से शंघाई के लिए चाइना ईस्टर्न की उड़ान रात आठ बजे रवाना होगी और सोमवार तड़के शंघाई पहुंचेगी। वहीं, वापसी की उड़ान शंघाई से दोपहर 12:30 बजे उड़ान भरेगी और शाम 6 बजे दिल्ली लौटेगी। यह उड़ानें एक दिन छोड़कर चलेंगी। भारत के शंघाई में कॉन्सुल जनरल प्रतीक माथुर ने कहा कि यह सेवा भारत और पूर्वी चीन के बीच नए युग की कनेक्टिविटी की शुरुआत है। इससे दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क और व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे।
व्यापारिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्व
शंघाई पूर्वी चीन का आर्थिक केंद्र माना जाता है और यहां हैंगझो, यीवू और केकियाओ जैसे प्रमुख औद्योगिक और टेक्सटाइल हब हैं। भारतीय दूतावास के अनुसार, यह उड़ान भारत के तेज़ी से बढ़ते बाजार और चीन के व्यापारिक नेटवर्क को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी। विशेष रूप से आईटी, वस्त्र और ऑटोमोबाइल उद्योगों के बीच सहयोग के नए अवसर खुल सकते हैं।
ये भी पढ़ें- भारत से बुलाया, पासपोर्ट छीना और बनाया गुलाम... अब भारतीय मूल के दंपती को जेल; जुर्माने में बिका घर
कोविड के बाद की स्थिति
कोविड-19 महामारी के बाद 2020 में दोनों देशों के बीच हवाई सेवाएं बंद कर दी गई थीं। इसके बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद ने तनाव को और बढ़ा दिया। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद भारत-चीन संबंध 1962 के युद्ध के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए थे। हालांकि, पिछले वर्ष दोनों देशों ने डेपसांग और देमचोक के मोर्चों पर सैनिकों की वापसी को लेकर समझौता किया, जिसके बाद हालात में सुधार की कोशिशें शुरू हुईं।
रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार के संकेत
अक्तूबर 2024 में रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात में कई अहम फैसले लिए गए थे। दोनों नेताओं ने विश्वास बहाली और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर सहमति जताई। इसके बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा और हवाई सेवाओं की बहाली जैसे कदम उठाए गए। अब यह उड़ान सेवा दोनों देशों के बीच रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में एक ठोस संकेत मानी जा रही है।
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नई दिल्ली से शंघाई के लिए चाइना ईस्टर्न की उड़ान रात आठ बजे रवाना होगी और सोमवार तड़के शंघाई पहुंचेगी। वहीं, वापसी की उड़ान शंघाई से दोपहर 12:30 बजे उड़ान भरेगी और शाम 6 बजे दिल्ली लौटेगी। यह उड़ानें एक दिन छोड़कर चलेंगी। भारत के शंघाई में कॉन्सुल जनरल प्रतीक माथुर ने कहा कि यह सेवा भारत और पूर्वी चीन के बीच नए युग की कनेक्टिविटी की शुरुआत है। इससे दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क और व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे।
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व्यापारिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्व
शंघाई पूर्वी चीन का आर्थिक केंद्र माना जाता है और यहां हैंगझो, यीवू और केकियाओ जैसे प्रमुख औद्योगिक और टेक्सटाइल हब हैं। भारतीय दूतावास के अनुसार, यह उड़ान भारत के तेज़ी से बढ़ते बाजार और चीन के व्यापारिक नेटवर्क को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी। विशेष रूप से आईटी, वस्त्र और ऑटोमोबाइल उद्योगों के बीच सहयोग के नए अवसर खुल सकते हैं।
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कोविड के बाद की स्थिति
कोविड-19 महामारी के बाद 2020 में दोनों देशों के बीच हवाई सेवाएं बंद कर दी गई थीं। इसके बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद ने तनाव को और बढ़ा दिया। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद भारत-चीन संबंध 1962 के युद्ध के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए थे। हालांकि, पिछले वर्ष दोनों देशों ने डेपसांग और देमचोक के मोर्चों पर सैनिकों की वापसी को लेकर समझौता किया, जिसके बाद हालात में सुधार की कोशिशें शुरू हुईं।
रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार के संकेत
अक्तूबर 2024 में रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात में कई अहम फैसले लिए गए थे। दोनों नेताओं ने विश्वास बहाली और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर सहमति जताई। इसके बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा और हवाई सेवाओं की बहाली जैसे कदम उठाए गए। अब यह उड़ान सेवा दोनों देशों के बीच रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में एक ठोस संकेत मानी जा रही है।