Canada: भारत-कनाडा के बीच और बढ़ा तनाव, सुरक्षा चिंताओं के चलते भारतीय दूतावास ने रद्द किए कांसुलर शिविर
Canada: टोरंटो स्थित भारतीय महा वाणिज्य दूतावास ने एक बयान में कहा, धमकियों के बीच न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करने में सुरक्षा एजेंसियों की ओर से असमर्थता जताए जाने के बाद वाणिज्य दूतावास ने को कुछ और कांसुलर शिविर रद्द करने पड़े हैं। इनमें से अधिकांश धार्मिक स्थलों पर नहीं होने वाले थे।
विस्तार
भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक तनाव जारी है। इस बीच, भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कनाडा में निर्धारित कांसुलर शिविरों को सुरक्षा कारणों से रद्द कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को जानकारी दी थी कि वह शिविर के आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं।
टोरंटो स्थित भारतीय महा वाणिज्य दूतावास ने एक बयान में कहा, धमकियों के बीच न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करने में सुरक्षा एजेंसियों की ओर से असमर्थता जताए जाने के बाद वाणिज्य दूतावास ने को कुछ और कांसुलर शिविर रद्द करने पड़े हैं। इनमें से अधिकांश धार्मिक स्थलों पर नहीं होने वाले थे। एक शिविर पुलिस सुविधा में आयोजित होने वाला था। ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में 4,000 से अधिक भारतीय और कनाडाई वरिष्ठ नागरिकों को जरूरी कांसुलर सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से कनाडा में कांसुलर शिविर आयोजित किए जाते हैं, जिसमें ओटावा में उच्चायोग वैंकूवर व टोरंटो में वाणिज्य दूतावास शामिल हैं। ये शिविर भारतीय नागरिकों को जीवन प्रमाण पत्र जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए आयोजित किए जाते हैं।
UPDATE ON CONSULAR CAMPS:
— IndiainToronto (@IndiainToronto) November 21, 2024
Due to continued inability conveyed by security agencies to provide minimum security against heightened threats, Consulate has had to cancel some more consular camps. Most of them were not at any places of worship, including one at a Police facility.… pic.twitter.com/a3c9gQMaBd
खालिस्तानियों ने हिंदू मंदिर में श्रद्धालुओं पर किया था हमला
यह फैसला ब्रांपटन में हिदू सभा मंदिर में खालिस्तानी चरमपंथियों की ओर से श्रद्धालुओं पर हमले की घटना के कुछ दिन बाद लिया गया है। इस महीने की शुरुआत में खालिस्तान समर्थकों ने ब्रांपटन में हिंदू मंदिर में भारतीय अधिकारियों की ओर से आयोजित कांसुलर कार्यक्रम को बाधित किया था। खालिस्तानी चरमपंथियों ने मंदिर के बाहर लोगों को डंडों से पीटा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की कड़ी निंदा की थी। इसके अलावा, खालिस्तानी चरमपंथियों ने ब्रांपटन, सरे और वैंकूवर में कांसुलर शिविरों में कई हिंसक हमले किए थे।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, जहां कांसुलर शिविर आयोजित होने वाले थे, हमने वहां अपने राजनयिकों के लिए सुरक्षा प्रदान करने की मांग की थी, लेकिन कनाडा की ओर से सुरक्षा नहीं दी गई। उन्होंने कहा, पिछले एक साल में या इससे पहले भी हमने भारतीय राजनयिकों पर हमले, धमकी, डराना-धमकाना और उत्पीड़न देखा है।
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