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सैटेलाइट नियंत्रित हथियार से की गई थी ईरान के परमाणु वैज्ञानिक की हत्या

एजेंसी, तेहरान Published by: देव कश्यप Updated Mon, 07 Dec 2020 04:53 PM IST
सार

  • ईरान के राष्ट्रपति बोले बदला लेंगे, लेकिन समय खुद ही तय करेगें
  • ईरान के परमाणु संयत्रों का निरीक्षण नहीं कर पाएगा संयुक्त राष्ट्र

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Iran top nuclear scientist Mohsen Fakhrizadeh murdered with satellite controlled weapon
Mohsen Fakhrizadeh - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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ईरान के परमाणु वैज्ञानिक और मोहसेन फखरीजादेह को मार गिराने के लिए सैटेलाइट नियंत्रित हथियार का प्रयोग करने का अंदेशा है। ईरान के स्टेट टीवी नेटवर्क ने यह दावा किया है। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा चुका है कि मोहसेन को मार गिराने के लिए जो हथियार प्रयोग किया गया वो इस्राइल में तैयार किया गया था। फखरीजादेह की 27 नंवबर को हत्या कर दी गई थी।

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ईरान के अधिकारियों का कहना है कि  मोहसेन को मारने के लिए ऑटोमेटिक हथियार का प्रयोग किया गया है क्योंकि घटनास्थल के आसपास किसी व्यक्ति की उपस्थिति का पता नहीं चला है। वैज्ञानिक की हत्या से बौखलाए ईरान के राष्ट्रपति हसान रौहानी और ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह अली खमेनी ने कहा है कि वे इस हत्याकांड का बदला जरूर लेंगे जिसका समय खुद निर्धारित करेंगे। 
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रियर एडमिरल फदावी ने कहा है कि फखरीजादेह 27 नवंबर को ईरान की राजधानी तेहरान के बाहर हाईवे पर गाड़ी में थे, जब मशीन गन ने उनके चेहरे पर 'जूम' किया और 13 राउंड फायरिंग की। फदावी ने कहा, 'मशीन गन से केवल फाखरीजादेह के चेहरे पर इस तरह फोकस किया गया था कि केवल 25 सेंटीमीटर दूर बैठी उनकी पत्नी को गोली नहीं लगी।'

उन्होंने कहा कि इस मशीन गन को सैटेलाइट से नियंत्रित किया जा रहा था और फखरीजादेह को निशाना बनाने के लिए आधुनिक कैमरा और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। फदावी ने कहा कि फखरीजादेह के सुरक्षा प्रमुख ने वैज्ञानिक को बचाने के लिए खुद को उनके सामने झोंक दिया था और उन्हें चार गोलियां लगी थीं। वहां कोई आतंकवादी मौजूद नहीं था।

 
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र पर कसी लगाम
ईरान की संसद में मंगलवार को एक विशेष बिल पास किया गया जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र (यूएन) अब ईरान के परमाणु संयत्रों या उससे जुड़े स्थलों का निरीक्षण नहीं कर सकेगा। इसी के साथ ईरान की सरकार ईरान को परमाणु शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगी। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 290 सदस्यों में से 251 लोगों ने इस बिल के पक्ष में वोट किया। इसके बाद संसद में ‘डेथ टू अमेरिका और डेथ टू इस्राइल’ के नारे लगे।
 
यूरोपीय देशों को तीन महीने का मौका
संसद में पास हुए बिल के अनुसार ईरान की सरकार ने यूरोपीय देशों को तेल और गैस क्षेत्र पर लगी पाबंदियों में ढील देने के लिए तीन महीने का वक्त दिया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली को भी शुरू करने का मौका है। मालूम हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु शक्तिशाली राष्ट्र बनने से रोकने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं। बिल को समग्र रूप मंजूरी के लिए संसद में फिर एक बार वोटिंग होगी।

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