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Davos: 'सुरक्षा से कोई समझौता नहीं', पाकिस्तान में हवाई हमलों पर बोला ईरान; भारत ने भी दी प्रतिक्रिया
वर्ल्ड न्यूज, अमर उजाला, दावोस
Published by: आदर्श शर्मा
Updated Wed, 17 Jan 2024 10:55 PM IST
सार
बलूचिस्तान प्रांत में आतंकियों पर ईरानी कार्रवाई ने पाकिस्तान-ईरान के बीच राजनयिक संबंधों में खटास पैदा कर दी है। दावोस में चल रही विश्व आर्थिक मंच की बैठक में शामिल हुए ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहेन ने पाकिस्तान की सरजमीं पर ईरानी हमले की पुष्टि की।
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विस्तार
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ईरान की कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनातनी का माहौल बन गया है। हमले के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में मौजूद ईरानी राजदूत को देश छोड़ने के लिए कहा है और तेहरान में मौजूद अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। बलूचिस्तान प्रांत में आतंकियों पर ईरानी कार्रवाई ने पाकिस्तान-ईरान के बीच राजनयिक संबंधों में खटास पैदा कर दी है। इसी बीच, दावोस में चल रही विश्व आर्थिक मंच की बैठक में शामिल हुए ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहेन ने पाकिस्तान की सरजमीं पर ईरानी हमले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जमीन पर मौजूद ईरानी आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया है। वहीं, मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि यह पाकिस्तान-ईरान का मामला है। हम आत्मरक्षा के ईरान के इस कदम को बखूबी हम समझते हैं। आतंकवाद पर भारत की जीरो टालरेंस की नीति है।
'आतंकवाद के खात्मे के लिए कोई हिचकिचाहट नहीं'
होसैन अमीर अब्दुल्लाहेन ने कहा कि आतंकी समूह जैश अल अदल को निशाना बनाया गया है। इस आतंकी संगठन ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कुछ हिस्सों में शरण ले रखी है। हालांकि ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का हम सम्मान करते हैं। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय हितों और पाकिस्तान के अंदर उन आतंकवादी समूहों की बात आती है तो हमें कोई हिचकिचाहट नहीं है। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारी संप्रभुता का उल्लंघन बिल्कुल भी स्वीकार नहीं हैं। साथ ही ईरान को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस तरह की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देने का दम रखता है।
जैश अल अदल पर ईरान की कार्रवाई
पिछले कुछ वर्षों से आतंकी संगठन जैश अल अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर हमला किया था। दिसंबर में सिस्तान बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 11 ईरानी पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी। तमाम रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में ईरान के सुरक्षा बलों और सुन्नी आतंकवादियों के साथ-साथ ड्रग तस्करों के बीच तनाव होता है। दिसंबर माह में हुए हमले के बाद ईरान के आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने घटनास्थल कादौरा करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को आतंकी समूहों को अपनी सीमा में पनाह नहीं देनी चाहिए, इन्हें इस तरह के कृत्य को रोकना चाहिए। जैश अल अदल का गठन 2012 में हुआ था, जिसे ईरान आतंकवादी संगठन मानता है। ईरान के दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में स्थित यह एक सुन्नी आतंकवादी समूह है।
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'आतंकवाद के खात्मे के लिए कोई हिचकिचाहट नहीं'
होसैन अमीर अब्दुल्लाहेन ने कहा कि आतंकी समूह जैश अल अदल को निशाना बनाया गया है। इस आतंकी संगठन ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कुछ हिस्सों में शरण ले रखी है। हालांकि ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का हम सम्मान करते हैं। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्रीय हितों और पाकिस्तान के अंदर उन आतंकवादी समूहों की बात आती है तो हमें कोई हिचकिचाहट नहीं है। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारी संप्रभुता का उल्लंघन बिल्कुल भी स्वीकार नहीं हैं। साथ ही ईरान को गंभीर परिणामों की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस तरह की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देने का दम रखता है।
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जैश अल अदल पर ईरान की कार्रवाई
पिछले कुछ वर्षों से आतंकी संगठन जैश अल अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर हमला किया था। दिसंबर में सिस्तान बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 11 ईरानी पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी। तमाम रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में ईरान के सुरक्षा बलों और सुन्नी आतंकवादियों के साथ-साथ ड्रग तस्करों के बीच तनाव होता है। दिसंबर माह में हुए हमले के बाद ईरान के आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने घटनास्थल कादौरा करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को आतंकी समूहों को अपनी सीमा में पनाह नहीं देनी चाहिए, इन्हें इस तरह के कृत्य को रोकना चाहिए। जैश अल अदल का गठन 2012 में हुआ था, जिसे ईरान आतंकवादी संगठन मानता है। ईरान के दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में स्थित यह एक सुन्नी आतंकवादी समूह है।