Israel vs Syria: इस्राइल ने सीरियाई सेना के मुख्यालय पर किया हमला, भारी नुकसान की आशंका
सीरिया के दक्षिणी स्वैदा प्रांत में सुरक्षा बलों और ड्रूज धार्मिक अल्पसंख्यक के मिलिशिया समूह के बीच हुआ संघर्ष विराम टूट गया। इसके बाद सीरिया के हालात एक बार फिर से बिगड़ गए हैं। दोनों समूहों के बीच चल रहे संघर्ष के बीच इस्राइल ने बुधवार को सीरियाई सेना के मुख्यालय को निशाना बनाया है।
विस्तार
इस्राइल ने बुधवार को सीरिया की सेना के मुख्यालय को निशाना बनाते हुए हमला किया है। रिपोर्ट के अनुसार, सीरियाई सुरक्षा बलों और ड्रूज सशस्त्र समूहों के बीच चल रहे संघर्ष के दौरान इस्राइल ने दमिश्क में रक्षा मंत्रालय के निकट हमला किया। मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि इस हमले में दमिश्क में स्थित सीरियाई सेना के मुख्यालय को भारी नुकसान पहुंचा है।
इस्राइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि 'आईडीएफ ने सीरिया के दमिश्क क्षेत्र में सीरियाई शासन के सैन्य मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर हमला किया है। वह स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। सेना ने कहा, 'आईडीएफ दक्षिणी सीरिया में ड्रूज नागरिकों के खिलाफ घटनाक्रम और शासन की कार्रवाई पर नजर रख रही है। आईडीएफ के अनुसार यह हमला इस्राइल के राजनीतिक नेतृत्व के निर्देशों के अनुसार किया गया है।
⭕️The IDF struck the entrance of the Syrian regime's military headquarters in the area of Damascus in Syria.
The IDF continues to monitor developments and the regime's actions against Druze civilians in southern Syria. In accordance with directives from the political echelon,… pic.twitter.com/WSyBFrCiog— Israel Defense Forces (@IDF) July 16, 2025
बता दें कि सीरिया के दक्षिणी स्वैदा प्रांत में एक बार फिर हिंसक झड़पें हुईं। इसके बाद सुरक्षा बलों और ड्रूज धार्मिक अल्पसंख्यक के मिलिशिया समूह के बीच हुआ संघर्ष विराम टूट गया। वहीं ड्रुजों पर हुए हमलों को लेकर इस्राइल ने कड़ी चेतावनी दी है। सीरिया के रक्षा मंत्रालय ने मिलिशिया पर युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सैन्य बल स्वैदा शहर के अंदर आग के स्रोत पर कार्रवाई जारी रखे हुए हैं। जबकि निवासियों की सुरक्षा, नुकसान को रोकने और शहर छोड़कर चले गए लोगों की सुरक्षित घर वापसी कराई जा रही है।
बुधवार को सरकारी बलों की भी ड्रूज़ सदस्यों के साथ झड़प हुई। जबकि सुरक्षा बलों के सदस्यों के गैर-न्यायिक हत्याएं करने, लूटपाट करने और नागरिक घरों को जलाने की खबरें सामने आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन झड़पों में कम से कम 30 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। वहीं ब्रिटेन स्थित युद्ध निगरानी संस्था सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि बुधवार सुबह तक 250 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके थे, जिनमें चार बच्चे, पांच महिलाएं और 138 सैनिक और सुरक्षा बल शामिल थे।
ड्रूज समुदाय को वफादार मानता है इस्राइल
इस्राइल में ड्रूज समुदाय को आमतौर पर एक वफादार अल्पसंख्यक माना जाता है, और वे इस्राइली सेना में भी सेवा करते हैं। सीरिया के विदेश मंत्रालय ने सभी देशों से अपील की है कि वे सीरिया की संप्रभुता का सम्मान करें और किसी भी विद्रोही या अलगाववादी गतिविधियों का समर्थन न करें। साथ ही, सीरियाई लोगों से कहा गया है कि वे हिंसा बंद करें, हथियार डालें और देश में फूट डालने वालों को नाकाम करें।
असद के पतन के बाद से इस्राइल ने सीरिया के नए नेताओं के प्रति आक्रामक रुख अपनाया है। इस्राइल ने कहा है कि वह इस्लामी आतंकवादियों को अपनी सीमाओं के पास नहीं चाहता। इस्राइली सेना ने गोलान हाइट्स की सीमा पर सीरियाई क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र द्वारा गश्त किए गए बफर जोन पर कब्जा कर लिया है और सीरिया में सैन्य ठिकानों पर सैकड़ों हवाई हमले किए हैं।