{"_id":"68d76d32d8ea630754029e58","slug":"khwaja-asif-admit-to-hybrid-model-of-pak-governance-says-army-govt-rule-by-consensus-2025-09-27","type":"story","status":"publish","title_hn":"Pakistan: 'हाइब्रिड मॉडल से चल रहा है पाकिस्तान, सेना और सरकार मिलकर करते हैं शासन', ख्वाजा आसिफ का कबूलनामा","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
Pakistan: 'हाइब्रिड मॉडल से चल रहा है पाकिस्तान, सेना और सरकार मिलकर करते हैं शासन', ख्वाजा आसिफ का कबूलनामा
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद / वॉशिंगटन
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 27 Sep 2025 10:30 AM IST
सार
Pakistan-China And US Relations: पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के इन बयानों ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की सत्ता में सेना और सरकार की साझेदारी है। वहीं पाकिस्तान की विदेश नीति में चीन की प्राथमिकता कायम है, जबकि अमेरिका के साथ रिश्ते जरूरत के हिसाब से आगे बढ़ाए जा रहे हैं।
विज्ञापन
ख्वाजा आसिफ, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि देश में शासन का संचालन 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत होता है, जहां सेना और नागरिक सरकार मिलकर फैसले लेती है। आसिफ ने यह बयान एक पत्रकार को दिए एक साक्षात्कार में दिया है। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान की सत्ता में सेना का दखल है और निर्णय सहमति से लिए जाते हैं।
यह भी पढ़ें - Who is Petal Gahlot: भारत की बेटी ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को किया बेनकाब, जानें कौन है पेटल गहलोत?
'पाकिस्तान में सेना प्रमुख का प्रभाव इतना ज्यादा क्यों?'
जब ख्वाजा आसिफ से पूछा गया कि पाकिस्तान में सेना प्रमुख का प्रभाव इतना ज्यादा क्यों है कि रक्षा मंत्री भी उसके अधीन दिखाई देते हैं। इस पर आसिफ ने कहा, 'यह पूरी तरह समान नहीं है, लेकिन फैसले सहमति से लिए जाते हैं। हम असहमत हो सकते हैं, लेकिन अंत में सामूहिक निर्णय ही लागू होता है।' जब उनसे तुलना की गई कि अमेरिका में रक्षा मंत्री के पास जनरलों को बर्खास्त करने का अधिकार होता है, जबकि पाकिस्तान में ऐसा नहीं है, तो आसिफ ने अमेरिका की व्यवस्था को 'डीप स्टेट' कहकर टाल दिया।
पहले भी हाइब्रिड शासन की तारीफ कर चुके हैं आसिफ
पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक, आसिफ ने पहले भी इस 'हाइब्रिड शासन प्रणाली' की तारीफ करते हुए इसे पाकिस्तान की आर्थिक और प्रशासनिक समस्याओं को हल करने के लिए 'व्यावहारिक आवश्यकता' बताया था। उनका कहना था कि यह आदर्श लोकतंत्र नहीं है, लेकिन मौजूदा हालात में यही व्यवस्था देश के लिए बेहतरीन काम कर रही है।
अमेरिका से बढ़ते रिश्तों पर चीन को भरोसा
इस दौरान ख्वाजा आसिफ से पाकिस्तान के अमेरिका और चीन के बीच संतुलन पर भी सवाल पूछा गया। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की मेजबानी की थी। इस पर पूछा गया कि क्या अमेरिका से बढ़ते संबंध चीन के साथ पाकिस्तान की दोस्ती को प्रभावित करेंगे।
आसिफ ने कहा कि चीन को इस बात की कोई चिंता नहीं है। 'हमारा चीन के साथ संबंध दशकों पुराना और भरोसेमंद है। चीन हमारे हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। हमारी वायुसेना, पनडुब्बियां और कई बड़े रक्षा उपकरण वहीं से आते हैं। अमेरिका जैसे देशों की अविश्वसनीयता की वजह से चीन के साथ हमारा सहयोग और भी मजबूत हुआ है।' उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान का रणनीतिक भविष्य चीन के साथ ही जुड़ा हुआ है, हालांकि अमेरिका के साथ संबंध लेन-देन वाले और थोड़े चोचलेबाजी जैसे रहे हैं।
सऊदी अरब के साथ रक्षा समझौता
आसिफ ने सऊदी अरब के साथ हाल ही में हुए समझौते पर भी बात की। इस समझौते के तहत किसी एक देश पर हमले को दोनों पर हमला माना जाएगा। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा छत्रछाया सऊदी अरब को भी कवर करेगी, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
यह भी पढ़ें - UNGA: न्यूयॉर्क में अवामी लीग समर्थकों का प्रदर्शन, मोहम्मद यूनुस को बताया अवैध शासक, पाकिस्तान जाने की नसीहत
शरीफ ने यूएनजीए में ट्रंप की तारीफ की
व्हाइट हाउस बैठक के एक दिन बाद, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण का बड़ा हिस्सा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ में समर्पित किया। उन्होंने ट्रंप को 'मैन ऑफ पीस' बताते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कही। हालांकि भारत का कहना है कि भारत-पाकिस्तान युद्धविराम समझौता दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच सीधे संपर्क से हुआ था, इसमें किसी अन्य नेता की भूमिका नहीं थी।
Trending Videos
यह भी पढ़ें - Who is Petal Gahlot: भारत की बेटी ने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को किया बेनकाब, जानें कौन है पेटल गहलोत?
विज्ञापन
विज्ञापन
'पाकिस्तान में सेना प्रमुख का प्रभाव इतना ज्यादा क्यों?'
जब ख्वाजा आसिफ से पूछा गया कि पाकिस्तान में सेना प्रमुख का प्रभाव इतना ज्यादा क्यों है कि रक्षा मंत्री भी उसके अधीन दिखाई देते हैं। इस पर आसिफ ने कहा, 'यह पूरी तरह समान नहीं है, लेकिन फैसले सहमति से लिए जाते हैं। हम असहमत हो सकते हैं, लेकिन अंत में सामूहिक निर्णय ही लागू होता है।' जब उनसे तुलना की गई कि अमेरिका में रक्षा मंत्री के पास जनरलों को बर्खास्त करने का अधिकार होता है, जबकि पाकिस्तान में ऐसा नहीं है, तो आसिफ ने अमेरिका की व्यवस्था को 'डीप स्टेट' कहकर टाल दिया।
पहले भी हाइब्रिड शासन की तारीफ कर चुके हैं आसिफ
पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक, आसिफ ने पहले भी इस 'हाइब्रिड शासन प्रणाली' की तारीफ करते हुए इसे पाकिस्तान की आर्थिक और प्रशासनिक समस्याओं को हल करने के लिए 'व्यावहारिक आवश्यकता' बताया था। उनका कहना था कि यह आदर्श लोकतंत्र नहीं है, लेकिन मौजूदा हालात में यही व्यवस्था देश के लिए बेहतरीन काम कर रही है।
अमेरिका से बढ़ते रिश्तों पर चीन को भरोसा
इस दौरान ख्वाजा आसिफ से पाकिस्तान के अमेरिका और चीन के बीच संतुलन पर भी सवाल पूछा गया। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की मेजबानी की थी। इस पर पूछा गया कि क्या अमेरिका से बढ़ते संबंध चीन के साथ पाकिस्तान की दोस्ती को प्रभावित करेंगे।
आसिफ ने कहा कि चीन को इस बात की कोई चिंता नहीं है। 'हमारा चीन के साथ संबंध दशकों पुराना और भरोसेमंद है। चीन हमारे हथियारों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। हमारी वायुसेना, पनडुब्बियां और कई बड़े रक्षा उपकरण वहीं से आते हैं। अमेरिका जैसे देशों की अविश्वसनीयता की वजह से चीन के साथ हमारा सहयोग और भी मजबूत हुआ है।' उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान का रणनीतिक भविष्य चीन के साथ ही जुड़ा हुआ है, हालांकि अमेरिका के साथ संबंध लेन-देन वाले और थोड़े चोचलेबाजी जैसे रहे हैं।
सऊदी अरब के साथ रक्षा समझौता
आसिफ ने सऊदी अरब के साथ हाल ही में हुए समझौते पर भी बात की। इस समझौते के तहत किसी एक देश पर हमले को दोनों पर हमला माना जाएगा। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा छत्रछाया सऊदी अरब को भी कवर करेगी, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
यह भी पढ़ें - UNGA: न्यूयॉर्क में अवामी लीग समर्थकों का प्रदर्शन, मोहम्मद यूनुस को बताया अवैध शासक, पाकिस्तान जाने की नसीहत
शरीफ ने यूएनजीए में ट्रंप की तारीफ की
व्हाइट हाउस बैठक के एक दिन बाद, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण का बड़ा हिस्सा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ में समर्पित किया। उन्होंने ट्रंप को 'मैन ऑफ पीस' बताते हुए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कही। हालांकि भारत का कहना है कि भारत-पाकिस्तान युद्धविराम समझौता दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच सीधे संपर्क से हुआ था, इसमें किसी अन्य नेता की भूमिका नहीं थी।