सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   Leaders of big countries can not even imagine popularity like pm narendra modi

G-7: मोदी जैसी लोकप्रियता सोच भी नहीं पा रहे बड़े देशों के नेता, प्रमुख देशों में सरकार विरोधी लहर

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, हिरोशिमा Published by: वीरेंद्र शर्मा Updated Sun, 21 May 2023 06:09 AM IST
सार

हाल में रिसर्च फर्म मॉर्निंग कंसल्ट की रिपोर्ट ने बताया कि 22 बड़े देशों में से महज 4 के राष्ट्राध्यक्षों की स्वीकार्यता अपने देशों में 50 प्रतिशत से अधिक है। जी7 देशों में जापान के पीएम को 52 व इटली के जॉर्जिया मेलोनी को 49 प्रतिशत स्वीकार्यता हासिल है।

विज्ञापन
Leaders of big countries can not even imagine popularity like pm narendra modi
पीएम मोदी - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

दुनिया के हालात पर बात करने के लिए जी-7 समिट में पृथ्वी के कोने-कोने से जुटे नेता अपने ही घर में गिरती लोकप्रियता से जूझ रहे हैं। वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 78 प्रतिशत स्वीकार्यता के साथ सबसे आगे हैं। 
Trending Videos


हाल में रिसर्च फर्म मॉर्निंग कंसल्ट की रिपोर्ट ने बताया कि 22 बड़े देशों में से महज 4 के राष्ट्राध्यक्षों की स्वीकार्यता अपने देशों में 50 प्रतिशत से अधिक है। जी7 देशों में जापान के पीएम को 52 व इटली के जॉर्जिया मेलोनी को 49 प्रतिशत स्वीकार्यता हासिल है। बाइडेन 42 प्रतिशत, कनाडा के पीएम जस्टिन त्रूदो 39 प्रतिशत, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज 34 प्रतिशत, ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक 33ो प्रतिशत और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां 25 प्रतिशत स्वीकार्यता के साथ कहीं पीछे हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


कई नेताओं को लेकर असंतोष
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से लेकर मेजबान जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा व अन्य राष्ट्राध्यक्ष जनता के असंतोष से गुजर रहे हैं। तीन दिन की जी7 समिट के बजाय उनका ध्यान अपने घर पर लगा है। खुद बाइडेन समिट के पहले दिन सुबह वैश्विक मामलों के हालात पर हुई चर्चा में नहीं आए, बल्कि आधा घंटा वाशिंगटन में फोन पर बात करते रहे। वजह, खर्च व ऋणों के मुद्दे पर रिपब्लिकन सांसदों से जारी वार्ता। मियाजिमा द्वीप पर हुई शाम की दावत वे 90 मिनट पहले निकल गए, फिर से फोन पर वाशिंगटन बात की। 

हर नेता की अपनी समस्याएं
जो बाइडेन: महंगाई, शहरी अपराध, सरकार के खर्च पर लोगों का गुस्सा व खुद बाइडेन की उम्र असंतोष की वजह है। अगले चुनाव में बाइडेन फिर खड़े होकर 86 साल की उम्र तक खुद को राष्ट्रपति बनाए रखने की अपेक्षा से जनता से कर रहे हैं। उनके पक्ष में सबसे बड़ी बात डोनल्ड ट्रंप का सामने है।  
फूमियो किशिदा : 52 प्रतिशत स्वीकार्यता पाने वाले किशिदा के लिए कहा जा रहा था कि वे जल्द चुनाव घोषित कर सकते हैं, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।
इमैनुअल मैक्रां : पिछले साल 58.5 प्रतिशत वोट लेकर जीते मैक्रां ने अपने देश में जैसे ही रिटायरमेंट उम्र 62 से बढ़ा 64 की, सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गए। सर्वे बताते हैं कि आज चुनाव हो जाएं तो दक्षिणपंथी मरीन ले पेन से हार जाएं।
ऋषि सुनक : सर्वे बताते हैं कि उनकी लोकप्रियता इतनी गिर चुकी है कि आज चुनाव हों तो उनकी कंजर्वेटिव पार्टी को विपक्षी लेबर पार्टी से हार मिले।
 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed