UN Vesak Day: भगवान बुद्ध के अवशेष वियतनाम पहुंचे, वेसाक पर्व पर 30 लाख श्रद्धालुओं को दर्शन करने की उम्मीद
भारत के सारनाथ से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष वेसाक दिवस पर वियतनाम पहुंच गए। मंत्री किरन रिजिजू के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल इन्हें लेकर पहुंचा। अवशेष 2 से 21 मई तक दर्शन के लिए रखी जाएंगी। इस मौके पर लगभग 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
विस्तार
भारत के सारनाथ से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष शुक्रवार को वियतनाम पहुंचें। यह आयोजन संयुक्त राष्ट्र के वेसाक दिवस 2025 के मौके पर किया गया है। वेसाक दिवस बुद्ध के जन्म, ज्ञान और निर्वाण की याद में मनाया जाता है। बता दें कि इस पवित्र अवशेष को केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल लेकर वियतनाम पहुंचा। जहां एक धार्मिक समारोह हुआ, फिर एक भव्य जुलूस के साथ इसे थान ताम पगोडा ले जाया गया, जहां इसे आम जनता के दर्शन के लिए रखा गया है।
आईबीसी ने दी जानकारी
इस बात की जानकारी अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (आईबीसी) ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर दिया, जिसमें बताया गया कि भारत से पवित्र बुद्ध अवशेष वियतनाम पहुंच गए हैं। इन्हें पहले वियतनाम बौद्ध यूनिवर्सिटी के बुद्ध हॉल में लाया गया और फिर भव्य जुलूस के साथ थान ताम पगोडा में सार्वजनिक दर्शन के लिए रखा गया है। साथ ही हो ची मिन्ह सिटी में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण है।
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मंत्री रिजिजू का भावुक संदेश
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष लेकर वियतनाम जाना आत्मा को छू लेने वाला अनुभव है। यह यात्रा शांति, करुणा और एकता का प्रतीक है। अवशेष 2 से 21 मई 2025 तक वियतनाम में रहेंगे। इस यात्रा में आंध्र प्रदेश के पर्यटन मंत्री कंदुला दुर्गेश और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।
30 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने के उम्मीद
भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष 2 मई से 21 मई 2025 तक वियतनाम के अलग-अलग शहरों में रखी जाएंगी। इस दौरान 30 लाख से ज़्यादा लोग इनके दर्शन करने पहुंच सकते हैं। ध्यान रहे कि यह आयोजन भारत और वियतनाम के रिश्तों को और गहरा करने के साथ-साथ दुनियाभर में शांति और सद्भाव का संदेश भी देता है।
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कहां से आई है अवशेष
गौरतलब है कि यह पवित्र अवशेष सारनाथ के मूलगंध कुटी विहार में विराजित है और आंध्र प्रदेश के नागार्जुनकोंडा से खुदाई में मिला था। माना जाता है कि यह अवशेष 246 ईस्वी से भी पहले का है। आईबीसी के महानिदेशक अभिजीत हलदर ने कहा कि वियतनाम एक बौद्ध-बहुल देश है और यहां बुद्ध के अवशेषों को भगवान बुद्ध का जीवंत रूप माना जाता है। यह आयोजन वेसाक दिवस और वियतनाम के राष्ट्रीय दिवस के साथ मनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि भारत और वियतनाम में दूसरी-तीसरी शताब्दी के बौद्ध अवशेषों में ऐतिहासिक समानताएं हैं और एक विशेष प्रदर्शनी के ज़रिए इन साझा विरासतों को भी दिखाया जाएगा।