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चीन यात्रा: नेपाल ने शी जिनपिंग के सुरक्षा सिद्धांत को नकारा, पीएम प्रचंड ने कहा-यह हमारे हित में नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: आदर्श शर्मा
Updated Tue, 26 Sep 2023 07:14 PM IST
सार
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने स्पष्ट रुप से चीन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शी के सुरक्षा सिद्धांत का समर्थन करने से साफ इनकार किया है। हालांकि दोनों देश ने सीमाओं के संयुक्त निरीक्षण पर सहमति जताई है।
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नेपाल पीएम प्रचंड की चीन यात्रा
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने अपने पड़ोसी देश चीन का दौरा किया। जहां एक तरफ दुनियाभर के देश चीन की आक्रामक और विस्तारवादी रणनीति के खिलाफ है, वहीं उसका पड़ोसी देश नेपाल उस पर प्रेम जता रहा है। नेपाल के प्रधानमंत्री देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए चीन का रुख कर रहे हैं।
आठ दिवसीय चीन यात्रा पर नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात की। दोनों देशों ने आपसी साझेदारी और संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया है।
सुरक्षा सिद्धांत का समर्थन करने से नेपाल का इनकार
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने स्पष्ट रुप से चीन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शी के सुरक्षा सिद्धांत का समर्थन करने से साफ इनकार किया है। हालांकि दोनों देशों ने सीमाओं के संयुक्त निरीक्षण पर सहमति जताई है।
प्रचंड की बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में चीन के प्रधानमंत्री ली ने कहा, नेपाली पक्ष चीन द्वारा प्रस्तावित वैश्विक विकास पहल (जीडीआई) का समर्थन करता है और जीडीआई के मित्र समूह में शामिल होने पर विचार करेगा। प्रचंड ने इससे पहले 23 सितंबर को हांगझोऊ में एशियाई खेलों के मौके पर राष्ट्रपति शी से मुलाकात की थी।
अपनी चीन यात्रा से पहले, प्रचंड ने कहा था कि जीएसआई, जो संयुक्त सुरक्षा की भी वकालत करती है वह भारत, चीन और अमेरिका के बीच रणनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए नेपाल के हित में नही है।
नेपाली मीडिया ने कहा, चीन के दबाव को दरकिनार किया
नेपाल की मीडिया के अनुसार, प्रचंड ने शी के नए सिद्धांतों जीएसआई और जीसीआई का स्वागत करने के लिए चीन के दबाव को दरकिनार कर दिया, लेकिन जीडीआई का समर्थन किया है।
'द काठमांडू पोस्ट' की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के हांगझोऊ के लिए रवाना होने से पहले, न्यूयॉर्क में एक साक्षात्कार में, प्रचंड ने नेपाल के सुरक्षा संबंधी गठबंधन में शामिल होने की संभावनाओं से स्पष्ट रूप से इनकार किया था।
साक्षात्कार के दौरान चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के संदर्भ में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन जीएसआई, जीसीआई और जीडीआई की शुरुआत कर रहा है और इनमें से जीडीआई में भाग लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।
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आठ दिवसीय चीन यात्रा पर नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात की। दोनों देशों ने आपसी साझेदारी और संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया है।
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चीन भ्रमणमा रहनुभएका सम्माननीय प्रधानमन्त्री पुष्पकमल दाहाल `प्रचण्ड´ र Member of the Political Bureau of the CPC Central Committee and Secretary of the CPC Chongqing Municipality Committee (TBC), H.E. Yuan Jiajun बीच Chongqing मा भेटवार्ता भएको छ। pic.twitter.com/gOkqKcJ1iD
— PMO Nepal (@PM_nepal_) September 26, 2023
सुरक्षा सिद्धांत का समर्थन करने से नेपाल का इनकार
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने स्पष्ट रुप से चीन यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शी के सुरक्षा सिद्धांत का समर्थन करने से साफ इनकार किया है। हालांकि दोनों देशों ने सीमाओं के संयुक्त निरीक्षण पर सहमति जताई है।
प्रचंड की बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में चीन के प्रधानमंत्री ली ने कहा, नेपाली पक्ष चीन द्वारा प्रस्तावित वैश्विक विकास पहल (जीडीआई) का समर्थन करता है और जीडीआई के मित्र समूह में शामिल होने पर विचार करेगा। प्रचंड ने इससे पहले 23 सितंबर को हांगझोऊ में एशियाई खेलों के मौके पर राष्ट्रपति शी से मुलाकात की थी।
अपनी चीन यात्रा से पहले, प्रचंड ने कहा था कि जीएसआई, जो संयुक्त सुरक्षा की भी वकालत करती है वह भारत, चीन और अमेरिका के बीच रणनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए नेपाल के हित में नही है।
नेपाली मीडिया ने कहा, चीन के दबाव को दरकिनार किया
नेपाल की मीडिया के अनुसार, प्रचंड ने शी के नए सिद्धांतों जीएसआई और जीसीआई का स्वागत करने के लिए चीन के दबाव को दरकिनार कर दिया, लेकिन जीडीआई का समर्थन किया है।
'द काठमांडू पोस्ट' की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के हांगझोऊ के लिए रवाना होने से पहले, न्यूयॉर्क में एक साक्षात्कार में, प्रचंड ने नेपाल के सुरक्षा संबंधी गठबंधन में शामिल होने की संभावनाओं से स्पष्ट रूप से इनकार किया था।
साक्षात्कार के दौरान चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के संदर्भ में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन जीएसआई, जीसीआई और जीडीआई की शुरुआत कर रहा है और इनमें से जीडीआई में भाग लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।