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नेपाल की सियासत में वाम दल एकजुट: अब नई पार्टी बनाने की कवायद; 18 सूत्रीय एकता पत्र पर सहमति के बाद दो धाराएं

अतुल मिश्र, काठमांडो। Published by: ज्योति भास्कर Updated Tue, 04 Nov 2025 06:29 AM IST
सार

नेपाल में जेन-जी आंदोलन के बाद वाम दलों में एकता की कवायद देखी जा रही है। नई पार्टी के गठन की तैयारी के बीच 18 सूत्रीय एकता पत्र पर सहमति बनने की खबर है। अब नेपाल की वाम राजनीति दो धाराओं में विभाजित होती दिख रही है।

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Nepal politics Left parties unity Efforts underway to form new party two factions emerge agreement on 18 point
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड (फाइल) - फोटो : ANI
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विस्तार
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नेपाल में जेन-जी आंदोलन के बाद वामदल एकता की कवायद में जुटे हैं और नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली माओवादी केंद्र व एकीकृत समाजवादी सहित आठ वामपंथी दलों के 18 सूत्रीय पार्टी एकता सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद नेपाल की वाम राजनीति अब दो मुख्य धाराओं में विभाजित होती दिखाई दे रही है। इन आठ दलों ने पार्टी का चुनाव चिह्न तारा (सितारा) रखा है। हालांकि नए दल का नाम अभी तक घोषित नहीं किया गया है।
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पार्टी एकीकरण के निर्णय के बाद माओवादी केंद्र और नेकपा (एकीकृत समाजवादी) के शीर्ष नेता सोमवार को भी लगातार विचार विमर्श में जुटे रहे। माओवादी अध्यक्ष पुष्पकमल दहल प्रचंड, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायणकाजी श्रेष्ठ और नेकपा (एकीकृत समाजवादी) के अध्यक्ष माधवकुमार नेपाल के बीच कई महत्वपूर्ण बैठकें हुई। जेन-जी आंदोलन के बाद अन्य दलों समेत वामपंथी राजनीतिक समूहों के प्रति जनता के भरोसे में आई कमी को देखते हुए यह एकता प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।
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वर्तमान में नेपाल के लोकतांत्रिक और वामपंथी परंपरागत दल अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं। एकता की कवायद में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने अमर उजाला से कहा, अब नेपाल में वामपंथी राजनीति की दो मुख्यधाराएं रहेंगी, एक हमारी पार्टी और दूसरी नेकपा (एमाले)।

समाजवादी पार्टी भी वामपंथी धारा के साथ
नेपाल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष महेन्द्र राय यादव, जिन्होंने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, ने कहा, मेरा दल वामपंथी नहीं था, लेकिन अब हम वामपंथी धारा के साथ हैं। महेन्द्र राय यादव ने कहा, भारत के साथ हमारा विशेष संबंध है। भारत नेपाल में शांति, स्थिरता और विकास चाहता है और हमें भी इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
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