Simla Agreement: भारत के साथ 1972 में हुए शिमला समझौते पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय बोला- अभी तक रद्द नहीं...
पाकिस्तान ने शिमला समझौते को लेकर यू-टर्न लेते हुए कहा है कि भारत के साथ किसी भी द्विपक्षीय समझौते को रद्द करने का अभी कोई औपचारिक फैसला नहीं हुआ है। पाकिस्तान की यह सफाई रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की तरफ से शिमला समझौते को निरर्थक दस्तावेज बताए जाने के एक दिन बाद आई है।
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शिमला समझौते को लेकर लगातार हो रही चर्चाओं के बीच पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपना एजेंडा साफ किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत के साथ किसी भी द्विपक्षीय समझौते को रद्द करने का फिलहाल कोई औपचारिक फैसला नहीं लिया गया है। यह बयान उस समय आया है जब एक दिन पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि 1972 का शिमला समझौता अब अपनी वैधता खो चुका है।
पाकिस्तान की एक अखबार से बातचीत में विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत की हालिया कार्रवाई और बयानों के चलते आंतरिक स्तर पर जरूर चर्चाएं हुई हैं, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक या अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने साफ कहा कि इस समय किसी भी द्विपक्षीय समझौते को रद्द करने का कोई औपचारिक फैसला नहीं लिया गया है।
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पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने किया था दावा
बता दें कि इससे एक दिन पहले एक टीवी इंटरव्यू में ख्वाजा आसिफ ने दावा किया था कि भारत के एकतरफा कदमों की वजह से शिमला समझौता अब निरर्थक दस्तावेज बन चुका है। उन्होंने कहा कि 1972 में जो द्विपक्षीय ढांचा बना था, वह अब खत्म हो गया है और अब विवादों का समाधान अंतरराष्ट्रीय मंचों के ज़रिए ही संभव है।
इसके साथ ही उन्होंने 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को भी द्विपक्षीय रिश्तों की बुनियाद को कमजोर करने वाला कदम बताया। आसिफ ने सिंधु जल संधि की वर्तमान स्थिति पर भी सवाल उठाए और कहा कि जब शिमला समझौता खत्म हो चुका है तो बाकी संधियों का भी क्या भविष्य होगा।
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क्या है शिमला समझौता, समझिए
गौरतलब है कि शिमला समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 युद्ध के बाद 1972 में हुआ था। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को आपसी बातचीत से सुलझाना था। अब पाकिस्तान के भीतर इसे खत्म करने की आवाज़ें भले उठ रही हों, लेकिन आधिकारिक रूप से यह समझौता अभी भी लागू है।